इजरायल, जिसे ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम जैसे आयरन डोम, डेविड स्लिंग और ऐरो-3 में दुनिया भर में मास्टर माना जाता है, वह एक नक्शे की गलती की वजह से विवादों में फंस गया। बात यह है कि इजरायल की सेना इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने हाल ही में एक नक्शा शेयर किया, जिसमें भारत की सीमाओं को गलत दिखाया गया। इस नक्शे में जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को नेपाल का हिस्सा बता दिया गया। यह नक्शा ईरान की मिसाइलों की रेंज दिखाने के लिए था लेकिन इस चूक ने भारत में हंगामा मचा दिया।

 

इजरायल की तकनीक की बात करें तो इनका एयर डिफेंस सिस्टम गजब का है। आयरन डोम छोटी दूरी के रॉकेट और ड्रोन को हवा में ही मार गिराता है। डेविड स्लिंग मध्यम दूरी की मिसाइलों और ड्रोनों को निशाना बनाता है और ऐरो-3 अंतरिक्ष में उड़ान भरकर बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बनाता है और मैक 5 से ज्यादा की रफ्तार वाली मिसाइलों को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। मोसाद जैसे खुफिया ऑपरेशन्स और ड्रोन हमलों में भी इजरायल का कोई जवाब नहीं। ईरान के मिसाइल बेस को तबाह करने से लेकर लेबनान और हमास के हमलों को रोकने तक, इजरायल ने अपनी ताकत बार-बार दिखाई है लेकिन इतनी समझदारी के बावजूद नक्शे वाली गलती कैसे हो गई? 

 

 

कैसे हो गई इतनी बड़ी गलती?

दरअसल, यह नक्शा IDF ने जल्दबाजी में बनाया था, जिसमें भारत की सीमाओं पर ध्यान नहीं दिया गया। यह सिर्फ एक 'इलस्ट्रेशन' था, जैसा कि IDF ने बाद में सफाई दी। भारत के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसका अभिन्न हिस्सा हैं और इस गलती ने लोगों को गुस्सा दिला दिया। सोशल मीडिया पर भारतीयों ने जमकर नाराजगी जताई। कुछ ने तो इजरायली PM बेंजामिन नेतन्याहू को भी टैग कर दिया। 

 

IDF ने करीब डेढ़ घंटे बाद माफी मांगते हुए कहा, 'यह नक्शा सिर्फ एक उदाहरण था, जो सही सीमाएं नहीं दिखाता। अगर इससे किसी को ठेस पहुंची तो हमें खेद है।' इजरायल के राजदूत र्यूवेन आजर ने भी इसे 'गलत ग्राफिक' बताया और कहा कि इसे ठीक करने या हटाने के लिए कह दिया गया है। यह गलती इसलिए भी हैरान करती है क्योंकि भारत और इजरायल के रिश्ते बहुत मजबूत हैं। डिफेंस डील्स, जैसे कि स्पाइडर और बराक-8 मिसाइल सिस्टम, दोनों देशों के बीच गहरे सहयोग का सबूत हैं। फिर भी, यह चूक दोनों देशों के बीच एक छोटा-सा तनाव पैदा कर गई। 

 

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जानबूझकर या जल्दबाजी?

लोगों का कहना है कि इतनी हाई-टेक तकनीक और सटीकता वाला देश इतनी बुनियादी गलती कैसे कर सकता है? शायद जल्दबाजी या लापरवाही की वजह से लेकिन इसने यह भी दिखाया कि सबसे स्मार्ट लोग भी कभी-कभी चूक जाते हैं। अब इजरायल ने माफी मांग ली है और उम्मीद है कि ऐसी गलतियां दोबारा नहीं होंगी।

 

भारत-इजरायल रिश्तों पर असर

दोनों देशों की दोस्ती इतनी मजबूत है कि इस गलती से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन यह एक सबक है कि छोटी-सी चूक भी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है। भारत ने हमेशा इजरायल का साथ दिया है, खासकर फलस्तीन-इजरायल मसले पर तटस्थ रहकर। इजरायल भी भारत को डिफेंस और टेक्नोलॉजी में सपोर्ट करता है। मिसाल के तौर पर:
डिफेंस डील्स: भारत ने इजरायल से 2 बिलियन डॉलर का मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा।

कृषि और टेक: इजरायल की ड्रिप इरिगेशन टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स भारत में पॉपुलर हैं।

 

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लोग क्या कह रहे हैं?

भारतीय यूजर्स: 'इजरायल को इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई? दोस्ती का मतलब यह नहीं कि हमारे देश का नक्शा गलत दिखाओ।'

इजरायली यूजर्स: कुछ ने माना कि यह गलती थी, तो कुछ ने कहा कि लोग इसे ज्यादा तूल दे रहे हैं।

एक्सपर्ट्स: कई डिफेंस और जियोग्राफिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी गलतियां थर्ड-पार्टी डेटा या जल्दबाजी की वजह से हो सकती हैं।

गलत डेटा: कई बार अंतरराष्ट्रीय नक्शों में सीमाएं विवादित होती हैं। हो सकता है कि नक्शा बनाने वाली एजेंसी या सॉफ्टवेयर ने गलत डेटा दे दिया हो और IDF ने उसे वेरिफाई नहीं किया।

फोकस का फर्क: इजरायल के लिए यह नक्शा ईरान के खतरे को दिखाने का एक छोटा-सा हिस्सा था। उन्हें शायद अंदाजा नहीं था कि भारत में यह इतना बड़ा मुद्दा बन जाएगा।