हिंदुजा ग्रुप के अध्यक्ष गोपीचंद पी. हिंदुजा का लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। व्यावसायिक जगत में 'जीपी' के नाम से मशहूर, वह 1950 में फैमिली बिजनेस में शामिल हुए थे और उन्होंने इस कंपनी को इंडो-मिडिल से एक इंटरनेशनल ग्रुप में बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

बिजनेस की दुनिया में वह 'जीपी' के नाम से मशहूर थे। वह कई हफ़्तों से बीमार चल रहे थे। लंदन के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी सुनीता, बेटे संजय और धीरज, और बेटी रीता हैं। गोपीचंद के बड़े भाई श्रीचंद पी हिंदुजा का निधन मई 2023 में हो गया था। इसके बाद उन्होंने हिंदुजा ग्रुप की कमान संभाली थी। वह अपने इस फैमिली बिजनेस की दूसरी पीढ़ी से थे।

 

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आजादी से पहले बिजनेस में

उनका परिवार भारत की आजादी से पहले से बिजनेस में था और गोपीचंद ने 1959 में मुंबई स्थित पारिवारिक उद्यम से जुड़कर अपने प्रोफेशनल सफ़र की शुरुआत की। दशकों से, उन्होंने अपने व्यापार को 30 से ज्यादा देशों में फैलाने में अहम भूमिका निभाई।

 

उनके नेतृत्व में, ग्रुप ने बैंकिंग, वित्त, ऊर्जा, ऑटोमोटिव, मीडिया और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में अपने व्यापार को बढ़ाया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दो बड़े अधिग्रहण किए जिसमें 1984 में गल्फ ऑयल और 1987 में अशोक लीलैंड का अधिग्रहण शामिल था। यह अधिग्रहण भारत में अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) द्वारा किया गया पहला बड़ा निवेश किया गया था।

भारत से किया ग्रेजुएशन

वह अपने बेहतरीन सूझबझ और बिजनेस की समझ के लिए जाने जाते थे। उन्होंने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। हिंदुजा ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार, उन्हें वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि और लंदन के रिचमंड कॉलेज से अर्थशास्त्र में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई।

 

हिंदुजा ग्रुप की शुरुआत 1919 में परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने की थी, जो सिंध (तब अविभाजित भारत में, अब पाकिस्तान में) से ईरान चले गए, जहां उन्होंने अपने बिजनेस की नींव रखी।

 

बाद में, परिवार ने 1979 में अपना मुख्यालय ईरान से लंदन ट्रांसफर कर दिया, जिससे इसके वैश्विक विस्तार में मदद मिली। आज, मुंबई स्थित इस ग्रुप में दुनिया भर में लगभग 2,00,000 लोग कार्यरत हैं और यह एक दर्जन से ज्यादा बिजनेस में काम कर रहा है।

सारे भाई देखते हैं बिजनेस

हिंदुजा परिवार न केवल अपने काफी बड़े बिजनेस के लिए, बल्कि अपने व्यापक रियल एस्टेट पोर्टफोलियो के लिए भी जाना जाता है। इसकी सबसे मूल्यवान संपत्तियों में व्हाइटहॉल स्थित ओल्ड वॉर ऑफिस बिल्डिंग है, जो लंदन का एक ऐतिहासिक स्थल है और जिसे रैफल्स लंदन होटल के रूप में फिर से डेवलेप किया गया है।

 

परिवार के पास बकिंघम पैलेस के पास एक खास निवास स्थल कार्लटन हाउस टेरेस भी है। गोपीचंद हिंदुजा लंदन में रहते थे और इंटरनेशनल बिजनेस को देखते थे, जबकि उनके छोटे भाई प्रकाश हिंदुजा मोनाको में रहते हैं और सबसे छोटे भाई, अशोक हिंदुजा, मुंबई से भारत में ग्रुप के बिजनेस को देखते हैं।

 

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लोग गोपीचंद हिंदुजा को एक कर्मठ और परिवार प्रतिष्ठा बनाए रखने वाले व्यक्ति के रूप में जानते थे। जो लोग भी उन्हें जानते हैं वे अक्सर उन्हें अनुशासित, संयमित और परंपरा व इनोवेशन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता वाला बताते हैं।