अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश और सबसे पुराना लोकतंत्र। ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच अमेरिका ने एक एडवाइजरी जारी की। इसकी चर्चा भारत में खूब है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी में भारत की यात्रा करने वाले अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी। खासकर महिलाओं को अकेले न घूमने को कहा। देश में हिंसक मामले और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को अमेरिका ने वजह बताया। मगर आज बात अमेरिका और उसकी सबसे मजबूत सेना की, जहां महिला सैनिकों पर यौन हिंसा के मामले चरम पर हैं। कैसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अपनी महिला सैनिकों तक को सुरक्षित माहौल देने में असफल है?

 

 

2001 से साल 2023 तक सैन्य अड्डों पर महिला सैनिकों के साथ दुर्व्यवहार और यौन हिंसक घटनाओं में बेतहाशा इजाफा हुआ है। अमेरिकी सेना में लैंगिक असमानता और यौन उत्पीड़न की घटनाओं से वहां का रक्षा मंत्रालय भी चिंतित है। अमेरिकी रक्षा विभाग के आकड़ों के मुताबिक साल 2023 में लगभग 29000 सैनिकों को यौन शोषण का सामना करना पड़ा। इसी साल सक्रिय ड्यूटी में तैनात लगभग 25 फीसदी महिलाओं का यौन उत्पीड़न हुआ। हालांकि यह आकंड़ा 2021 की तुलना में 28.6 फीसदी कम था। 

 

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सेना पर घटनाओं को नजरअंदाज करने का आरोप

9/11 आतंकी हमले के बाद पिछले 20 वर्षों के डेटा से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इससे पता चलता है कि सेना में यौन उत्पीड़न मामले रक्षा विभाग के अनुमान से लगभग चार गुना अधिक थे। सिर्फ अफगानिस्तान में अल कायदा और तालिबान के खिलाफ जंग में 2001 से 2021 तक 24 फीसदी महिला और 1.9 फीसदी पुरुष सैनिकों को यौन उत्पीड़न सहना पड़ा। ब्राउन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक सेना की तैयारियों को सबसे ऊपर रखा गया। इस कारण अमेरिकी सेना ने यौन हिंसा और लैंगिक असमानताओं को नजरअंदाज किया। 

 

इन महिला सैनिकों के सामने बड़ा संकट

ब्राउन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका सेना में सबसे अधिक लैंगिक असमानता का सामना एशियाई, लैटिन और अफ्रीकी महिलाओं को करना पड़ता है। समलैंगिक और ट्रांस सेवा सदस्यों के साथ भी यौन उत्पीड़न सबसे अधिक है। 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने आतंक के खिलाफ युद्ध का एलान किया था। अफगानिस्तान से इराक तक अमेरिका ने सैन्य हस्तक्षेप किया। 20 साल तक चले इस युद्ध में 38 मिलियन लोग विस्थापित हुए। लगभग 929000 लोगों की युद्ध में सीधे मौत हुई।

 

जब डॉक्टर ने किया 100 लोगों का यौन उत्पीड़न

2023 में अमेरिका में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया था। सेना के एक डॉक्टर ने 100 से अधिक रोगियों का यौन उत्पीड़न किया था। 2002 से 2004 के बीच माइल्स फाउंडेशन को 83 सैन्य महिलाओं के साथ दुष्कर्म की जानकारी मिली। इन सभी मामलों में एक ही अपराधी था। बाद में माइल्स फाउंडेशन ने रिपोर्ट किया कि सेंट्रल कमांड इकाइयों में 112 महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। दबाव में पेंटागन ने मामले की जांच का आदेश भी दिया। मगर यौन उत्पीड़न की घटनाओं में कमी नहीं आई। माइल्स फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2002 से 2007 तक सेंट्रल कमांड एरिया ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी में यौन उत्पीड़न के मामले 976 तक पहुंच गए।

 

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33 फीसदी महिलाओं ने दी रेप की सूचना

अमेरिकी रक्षा विभाग की तुलना में स्वतंत्र डेटा और भयावह तस्वीर पेश करता है। विभिन्न अध्ययनों के एक मेटा-विश्लेषण से पता चला है कि लगभग 16 फीसदी सैन्य कर्मियों ने यौन उत्पीड़न और मारपीट का सामना किया। चार फीसदी पुरुषों और 38 फीसदी महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की बात मानी है। वहीं 2 फीसदी पुरुष और 24 फीसदी महिलाओं ने सिर्फ मारपीट का अनुभव किया है। एक मेटा-अध्ययन से जानकारी मिली कि 9.5 से 33 फीसदी महिलाओं ने अमेरिका सेना में नौकरी करते हुए दुष्कर्म की सूचना दी। दुष्कर्म के अलावा अगर यौन उत्पीड़न के अन्य मामलों को इसमें शामिल कर दिया जाए तो यह आकंड़ा 22 से 84 फीसदी तक है। 

 

ट्रांसजेंडर भी सुरक्षित नहीं

स्वतंत्र अध्ययनों से पता चला कि 17.2 फीसदी ट्रांसजेंडर ने सेना में यौन उत्पीड़न का अनुभव किया। अगर संख्या में बात करें तो अमेरिकी सेना में हर साल 1100-1500 ट्रांस सेवा सदस्य यौन उत्पीड़न का अनुभव करते हैं।

 

महिला सैनिकों के कुछ चर्चित केस

  • 2020 में अमेरिका के टेक्सास स्थित फोर्ट हूड आर्मी बेस में वैनेसा गुइलेन की हत्या का मामला सामने आया था। जांच में पता चला कि गुइलेन को कई बार यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। उसकी हत्या साथी सैनिक ने की थी। बाद उसका शव लियोन नदी के किनारे मिला था। 
  • 2020 में ही सार्जेंट एल्डर फर्नांडीस का शव फोर्ट हूड बेस के बाहर एक पेड़ पर लटका मिला था। जांच में सामने आया कि एल्डर का उसके सार्जेंट ने यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद उसने आत्महत्या का कदम उठाया। 
  • 2023 में एक और महिला सैनिक को फोर्ट हूड बेस में मृत पाया गया। इस महिला सैनिक का नाम एना फर्नांडा बसलदुआ रुइज था। उसने अपने परिवार को बताया था कि उसके सीनियर यौन उत्पीड़न करते हैं।