कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो चौतरफा मुश्किलों में घिरे हैं। द ग्लोब एंड मेल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह सोमवार को ही लेबर पार्टी के नेता के तौर पर अपने कदम पीछे खींच सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा हो सकता है कि बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर एक अहम बैठक के बाद जस्टिन ट्रूडो अपने इस्तीफे की घोषणा कर दें। 

जस्टिन ट्रुडो की मुश्किलें सिर्फ अपने देश में ही नहीं हैं। अमेरिका, कनाडा का सहयोगी देश रहा है। जो बाइडेन की सरकार तक सबकुछ ठीक था लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के तेवर ऐसे हैं, जिसकी वजह से जस्टिन ट्रुडो की आलोचना हो रहा है। वह कनाडा पर टैरिफ लादने की बात कर रहे हैं। कनाडा की अर्थव्यवस्था उनके एक फैसले की वजह से अस्थिर हो सकती है।

जस्टिन ट्रुडो, डोनाल्ड ट्रम्प के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं। द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को विस्तार से उन वजहों के बारे में बात की है, जिनके चलते जस्टिन ट्रुडो की विदाई हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल कॉकस मीटिंग से पहले ही ट्रुडो अपना पद छोड़ सकते हैं। वह इसकी औपचारिक घोषणा भी कर सकते हैं।

द ग्लोब एंड मेल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि जस्टिन ट्रुडो, नए प्रधानमंत्री के चुनाव तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे या नहीं। अब आखिर ऐसी कौन सी वजहें रहीं, जिनके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है?

'सर्वे जस्टिन ट्रुडो के पक्ष में नहीं'
कुछ सर्वे जस्टिन ट्रुडो के पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं। उनकी लिबरल पार्टी ज्यादातर जनमत सर्वेक्षणों में पीछे छूट रही है। 31 दिसंबर को नौनोस रिसर्च ने एक सर्वे में दावा किया था कि कंजर्वेटिव पार्टी, सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ ज्यादा सीटों पर बढ़त हासिल कर रही है। सर्वेक्षण में यह दिखाया गया है कि कंजर्वेटिव पार्टी, जस्टिन ट्रुडो की तुलना में 46.6 प्रतिशत ज्यादा बढ़त हासिल कर रही है।

'पार्टी में ही बगावत छिड़ गई है'
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनकी पार्टी के भीतर राजनीतिक असंतोष बढ़ता जा रहा है। लिबरल पार्टी के सांसदों ने जस्टिन ट्रुडो से कहा है कि उनके पक्ष में खड़े लोगों की संख्या कम है, चौतरफा अंसतोष है, इसलिए पद से हट जाएंगे। यह ऐसे वक्त में हो रहा है जब हाल में उनकी नीतियों से नाराज होकर कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

'डोनाल्ड ट्रम्प भी हैं ट्रुडो के संकट की वजह'
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दोबारा में सत्ता में आना, जस्टिन ट्रुडो के लिए बेहद मुश्किलभरा रहा। उन्होंने साफ कह दिया था कि वह कनाडा के सभी उत्पादों पर कम से कम 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। अगर यह टैरिफ लागू हो गया तो कनाडा की आर्थिक परेशानियां बढ़ जाएंगी।