बांग्लादेश की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था को हिला देने वाले उस्मान हादी हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। इस मामले के मुख्य आरोपी माने जा रहे फैसल करीम मसूद ने पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आकर खुद को बेगुनाह बताया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में फैसल ने न केवल हत्या में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया, बल्कि इस पूरे मामले के पीछे जमात-शिबिर का हाथ होने का दावा भी किया है।  

 

मंगलवार को फैसल करीम मसूद का एक वीडियो सामने आया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में फैसल ने कहा कि वह इस समय दुबई में है और उस्मान हादी की हत्या जमात-शिबिर से जुड़े लोगों ने की है। हालांकि यह वीडियो किस तारीख का है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

 

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फैसल ने वायरल वीडियो में क्या कहा?

वायरल वीडियो में फैसल करीम मसूद ने कहा, 'उस्मान हादी से उसका रिश्ता सिर्फ कारोबारी था। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने हादी को राजनीतिक चंदा दिया था लेकिन यह चंदा किसी अपराध के लिए नहीं, बल्कि सरकार से ठेके मिलने के वादे के बदले दिया गया था।'

 

इससे पहले रविवार को बांग्लादेश पुलिस ने दावा किया था कि 12 दिसंबर को हुए हमले के बाद फैसल करीम मसूद और एक अन्य आरोपी आलमगीर शेख भारत भाग गए थे। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एस.एन. नजरुल इस्लाम के अनुसार, दोनों आरोपी हलुआघाट सीमा पार कर भारत में दाखिल हुए और वहां दो भारतीय नागरिकों ने उन्हें मेघालय पहुंचाया, जहां उन्हें उनके साथियों को सौंप दिया गया।

 

हालांकि मेघालय में बीएसएफ के प्रमुख आईजी ओ.पी. ओपाध्याय ने इन दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हलुआघाट सेक्टर से किसी के अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का कोई सबूत नहीं है और बीएसएफ को ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं मिली है।

 

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मीडिया रिपोर्ट्स  में किया गया दावा

मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए दावों के मुताबिक,  फैसल करीम मसूद इस समय दुबई में है। बताया जा रहा है कि उसके पास यूएई का पांच साल का मल्टीपल एंट्री लॉन्ग-टर्म टूरिस्ट वीजा है। रिकॉर्ड बताते हैं कि यह वीजा दिसंबर 2022 में जारी किया गया था और इसका भुगतान फैसल ने खुद किया था। इससे उसके मूवमेंट और कानून से बचने की कोशिशों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

वीडियो में फैसल ने कहा, 'मैंने उस्मान हादी की हत्या नहीं की है। मुझे और मेरे परिवार को झूठे तरीके से फंसाया जा रहा है। मैं खुद को इस साजिश से बचाने के लिए दुबई आया हूं। हादी जमात से जुड़ा व्यक्ति था और संभव है कि उसी संगठन के लोगों ने यह हत्या की हो। मैं उससे अपने आईटी बिजनेस के सिलसिले में मिला था। मैंने उसे राजनीतिक चंदा दिया था, क्योंकि उसने मुझे सरकारी ठेके दिलाने का वादा किया था।'

कैस हुई थी हादी की हत्या?

बता दें कि 32 वर्षीय उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका में एक चुनावी अभियान के दौरान सिर में गोली मारी गई थी। गंभीर हालत में उसे बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया लेकिन 18 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।

 

उस्मान हादी इंकिलाब मंच का प्रवक्ता था और जुलाई-अगस्त 2024 में हुए बड़े जन आंदोलन के दौरान एक प्रमुख युवा नेता के रूप में उभरा था। इन्हीं आंदोलनों के बाद शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार गिर गई थी। हादी आगामी 12 फरवरी को होने वाले चुनावों के लिए संसद उम्मीदवार भी था।