श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने वित्तीय संकट के दौरान देश की आर्थिक सहायता करने के लिए भारत की प्रशंसा की है।  दिसानायके राष्ट्रपति बनने के बाद किसी देश की पहली यात्रा पर आए हैं।

 

भारत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि दो साल पहले जब श्रीलंका वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा था तब भारत ने काफी मदद की थी। श्रीलंका की विदेश नीति में भारत के महत्त्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि ऋण-मुक्त स्ट्रक्चरिंग के प्रक्रिया में भारत ने श्रीलंका की काफी मदद की।

पीएम मोदी बोले- दी 5 बिलियन डॉलर की सहायता

संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीलंका में भारत की द्विपक्षीय परियोजनाएं हमेशा कोलंबो की 'विकास प्राथमिकताओं' पर आधारित होती हैं। उन्होंन कहा, 'भारत ने अब तक श्रीलंका को 5 बिलियन डॉलर की ऋण सहायता और अनुदान सहायता प्रदान की है। श्रीलंका के सभी 25 जिलों में हमारा सहयोग है।'

 

प्रधानमंत्री ने महो-अनुराधापुरा रेलवे सेक्शन और कांकेसंथुराई पोर्ट पर सिग्नलिंग सिस्टम के पुनर्वास के लिए सहायता सहित नई परियोजनाओं की भी घोषणा की। उन्होंने जाफना और पूर्वी प्रांत के विश्वविद्यालयों में 200 छात्रों को मासिक छात्रवृत्ति देने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि अगले 5 वर्षों में भारत श्रीलंका के 1500 सिविल सेवकों को भी प्रशिक्षित करेगा।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आवास, नवीकरणीय ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के साथ-साथ भारत श्रीलंका में कृषि, डेयरी और मत्स्य पालन के विकास के लिए भी सहयोग करेगा। भारत श्रीलंका में अद्वितीय डिजिटल पहचान परियोजना में भी भाग लेगा।'

दोनों देशों के संबंध होंगे अच्छे 

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस बात का भी विश्वास दिलाया कि उनका देश कभी भी किसी ऐसे कार्य के लिए अपनी भूमि का प्रयोग नहीं होने देगा जो कि भारत के हितों के खिलाफ हो।

 

दिसानायके ने कहा कि पीएम मोदी ने इस बात का आश्वासन दिया है कि वह हमेशा श्रीलंका की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेंगे।

आगे उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के संबंधों में और भी प्रगाढ़ता आएगी और मैं हमेशा भारत का समर्थन करने का आश्वासन देता हूं.'

 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत जल्द ही श्रीलंका के साथ रक्षा सहयोग समझौते को अंतिम रूप देगा। उन्होंने कहा, "हाइड्रोग्राफी पर सहयोग पर भी सहमति बनी है। हमारा मानना ​​है कि कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसके तहत समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई, मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे विषयों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा।"