अमेरिका के न्यू यॉर्क में रह रहे भारतीय मूल के मेहुल गोस्वामी को मूनलाइटिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर आरोप है कि उसने न्यू यॉर्क राज्य सूचना प्रोद्योगिकी सर्विस ऑफिस में ठेकेदार के तौर पर काम करते हुए बड़ी धोखाधड़ी की है। वह फुल टाइम सूचना प्रोद्योगिकी ऑफिस में काम कर रहा था लेकिन इसके साथ-साथ उसने किसी अन्य जगह पर भी फुल टाइम जॉब किया। शुरुआती जांच में पाया गया है कि मेहुल गोस्वामी के मूनलाइटिंग करने से जो नुकसान हुआ है वह 50,000 डॉलर यानी करीब 40 लाख भारतीय रुपये जितना था। मेहुल को सरकार के लिए काम करने के लिए करीब हर साल 1 करोड़ रुपये मिलते थे। 

 

गोस्वामी न्यू यॉर्क स्टेट ऑफिस में फुल टाइम जॉब करता था। यह उसकी प्राइमरी जॉब थी लेकिन वह इसके साथ ही एक सेमीकंडकटर कंपनी में कॉन्ट्रैक्टर के रूप में भी काम कर रहे थे। जांच में सामने आया है कि वह मार्च 2022 से हो जगहों पर काम कर रहे थे। मेहुल गोस्वामी पर आरोप है कि उन्होंने न्यू यॉर्क स्टेट ऑफिस के वर्किंग टाइम में दूसरी कंपनी में काम किया। एक अज्ञात मेल से उनके खिलाफ जांच शुरू की गई थी। 

 

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क्या बोले अधिकारी?

उनकी गिरफ्तारी पर एक अधिकारी ने कहा, 'सरकारी कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है और मेहुल गोस्वामी ने कथित तौर पर उस जिम्मेदारी को सही से नहीं निभाया है। सरकारी कर्मचारी के तौर पर फुल टाइम नौकरी करने के बावजूद किसी दूसरी जगह पर फुल टाइम नौकरी करना टैक्स पेयर्स के पैसे और सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग है।' अधिकारियों का कहना है कि मेहुल गोस्वामी के खिलाफ अज्ञात ईमेल उन्हें मिला था जिसके बाद उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे। अधिकारियों को शुरुआती जांच में उसके खिलाफ सबूत मिले हैं। 

15 साल तक हो सकती है जेल

15 अक्टूबर को साराटोगा काउंटी शेरिफ ऑफिस ने मेहुल गोस्वामी को सेकंड डिग्री की बड़ी चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। यह न्यू यॉर्क में 'क्लास सी' के तहत एक गंभीर अपराध माना जाता है। इस तरह के मामलों में 15 साल तक की जेल हो सकती है। इस हफ्ते मेहुल गोस्वामी को माल्टा टाउन में कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें मामला चलते रहने तक बिना जमानत के रिहा कर दिया है। न्यू यॉर्क के नए कानून के अनुसार, मेहुल गोस्वामी पर लगे आरोपों को गैर जमानती श्रेणी में रखा गया है।

 

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क्या है मूनलाइटिंग?

मिलेनियल्स और जेन-जी युवाओं के बीच मूनलाइटिंग काफी मशहूर है। मूनलाइटिंग का अर्थ है कि आप अपनी मौजूदा कंपनी या संस्था को बताए बिना अपने काम करने के घंटों के बाद या उस समय में दूसरी कंपनियों के लिए काम करके पैसा कमाते हैं। कंपनियों के लिए मूनलाइटिंग सिर दर्द बन गया है क्योंकि इससे कर्मचारियों की क्षमता कई जगहों पर लगती है। आईटी कंपनियों ने कड़े कदम उठाते हुए मूनलाइटिंग करने वाले कर्मचारियों को सजा देना भी शुरू कर दिया है।