इजरायल ने शुक्रवार की सुबह-सुबह ईरान पर हमला किया, जिससे दोनों देशो के बीच पहले से चले आ रहे तनाव ने और तूल पकड़ लिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा कि यह कार्रवाई ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए की जा रही है और जब तक यह खतरा खत्म नहीं होता, अभियान चलता रहेगा। इस हमले के कुछ ही घंटों बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई में 100 से ज्यादा ड्रोन इजरायल की तरफ भेजे। इज़राइली सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने इसकी पुष्टि की।

 

ईरानी मीडिया की मानें तो इस हमले में देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी मोहम्मद हुसैन बाघेरी और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी मारे गए हैं। इस बीच, अमेरिका ने कहा है कि वो इस हमले में शामिल नहीं है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बयान में कहा, 'ये पूरी तरह से इज़राइल का फैसला है। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने सैनिकों की सुरक्षा है।'

 

यह भी पढ़ें: इजरायल-ईरान तनाव: एयर इंडिया की 15 से अधिक उड़ानें डायवर्ट

 

ईरान के रक्षा मंत्री की चेतावनी

ईरान के रक्षा मंत्री जनरल अजीज नसीरजादेह ने एक सरकारी टीवी पर दिए एक इंटरव्यू पर कहा कि इजरायल ने जो मिसाइ हमले ईरान की सैन्य और सरकारी ठिकानों पर किए हैं, उसका उसे हमेशा पछतावा रहेगा। उन्होंने कहा कि इजरायल का मकसद ईरानी लोगों में डर फैलाना है लेकिन ऐसा करके वह ईरान की एकता को और मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा, 'इस तरह की हिंसा का असर उल्टा पड़ेगा और इसका नुकसान इजरायल को ही होगा।

 

उन्होंने अमेरिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह साफ हो गया है कि अमेरिकी सरकार अब भरोसेमंद नहीं रही और उसका असर कमजोर हो चुका है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच जो बातचीत हो रही थी – जिसका मकसद ईरान की परमाणु गतिविधियों को सीमित करना था – उसका अगला दौर अब रद्द कर दिया गया है। यह बैठक रविवार को होनी थी लेकिन मौजूदा हालात में अब नहीं हो पाएगी।

 

यह भी पढ़ें: ईरान, लेबनान, गाजा, हर तरफ दुश्मन, फिर भी कैसे अजेय है इजरायल?

 

इजरायल और ईरान में तनाव क्यों?

मीडिल ईस्ट में पहले से ही चल रहे तनाव के बीच इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले को बड़े युद्ध की शुरुआत माना जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ घंटों या दिनों में हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान सामने आया है। उन्होंने साफ कहा है कि ईरान पर हमले तब तक चलते रहेंगे, जब तक उसकी तरफ से इजरायल को खतरा बना रहेगा।

 

उधर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने सरकारी टीवी पर कहा कि 'इजरायल को इस हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।' उन्होंने इजरायल पर आरोप लगाया कि इस हमले से उसकी 'घृणित और हिंसक सोच' सामने आ गई है। इस हमले में इजरायल ने ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है, जिससे हालात और ज्यादा गंभीर हो गए हैं।