इजरायल की सेना गाजा पट्टी में एक बार फिर बड़ा ऑपरेशन शुरू करने जा रही है। इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा के रफाह और खान यूनिस से लोगों को निकल जाने को कहा है। माना जा रहा है कि इजरायली सेना एक बार फिर रफाह और खान यूनिस में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी कर रही है।
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर टूटने के बाद जंग फिर तेज हो गई है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी सेना को हमास के खिलाफ ऑपरेशन तेज करने के आदेश दिए हैं।
अब इजरायली सेना ने रफाह और खान यूनिस के लोगों को वहां से जल्द से जल्द निकल जाने को कहा है। लोगों से कहा गया है कि वे इस जगह को खाली कर दें और अल-मवासी में बने कैंप में चले जाएं। इजरायल ने चेतावनी दी है कि इजरायली सेना (IDF) हमास को खत्म करने के लिए बड़े ऑपरेशन पर लौट रही है।
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'हम मर रहे हैं, खाने-पीने को कुछ नहीं है'
इजरायल के इस इवैक्युएशन ऑर्डर पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल पर इस इवैक्युएशन ऑर्डर से प्रभावित लोगों के लिए सही उपाय और स्वास्थ्य और खाने-पीने की सही व्यवस्था न करने का आरोप लगाया है। संयुक्त राष्ट्र ने इसे अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है।
वहीं, इजरायली सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को जवाब देते हुए कहा कि वह दक्षिणी गाजा से लोगों को इसलिए निकाल रही है, ताकि वे हमास के लिए ह्यूमन शील्ड न बन सकें। इजरायल अक्सर हमास पर आम नागरिकों को ह्यूमन शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है।

इस बीच, इजरायल के आदेश के बाद लोगों ने यहां से निकलना शुरू कर दिया है। गधे-खच्चरों पर अपना सामान लादकर लोग निकल रहे हैं।
खान यूनिस से निकल रहे हनादी दाहौद ने न्यूज एजेंसी AP से कहा, 'हम मर रहे हैं। यहां खाना नहीं है, पानी नीहं है, बिजली नहीं है, दवा नहीं है। हम जीना चाहते हैं। हम बस जीना चाहते हैं। हम थक चुके हैं।'
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि लोगों के लगातार जबरन पलायन से डर और अनिश्चितता का माहौल पैदा हो रहा है। फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रमुख फिलिप लाजारिनी ने कहा, 'लोगों के साथ पिनबॉल की तरह बर्ताव किया जा रहा है। बार-बार आने वाले सैन्य आदेश उनकी किस्मत और जिंदगी के साथ खेल रहे हैं।'
संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि 2 मार्च से 21 लाख की आबादी वाले गाजा में फूड और मेडिकल सप्लाई नहीं पहुंच पा रही है, क्योंकि इजरायल ने फिलिस्तीन को दी जाने वाली ह्यूमैनिटेरियर एड को ब्लॉक कर दिया है।
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क्यों टूट गया था सीजफायर?
इजरायल और हमास के बीच इस साल 19 जनवरी को सीजफायर हो गया था। इसके तहत, हमास को बंधकों को छोड़ना था और बदले में इजरायल की जेलों में बंद फिलिस्तीनियों को छोड़ा जा रहा था।
हालांकि, दो महीने बाद ही यह सीजफायर टूट गया। इजरायल का आरोप है कि हमास ने 59 बंधकों को रिहा करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद 18 मार्च को इजरायल ने गाजा में हमले तेज कर दिए थे।
इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 को जंग शुरू हो गई थी। जंग की शुरुआत हमास ने की थी। हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर कत्लेआम मचाया था। हमास के हमलों में 1200 लोगों की मौत हो गई थी। हमास के लड़ाके अपने साथ 250 लोगों को भी बंधक बनाकर ले गए थे। इसके बाद इजरायल ने जंग का ऐलान कर दिया था। इस जंग में अब तक 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।