पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नॉरोकी ने एक नए कानून को मंजूरी दी है, जिसके तहत दो या अधिक बच्चों की परवरिश करने वाले माता-पिता को पर्सनल इनकम टैक्स यानी कि व्यक्तिगत आयकर (PIT) नहीं देना होगा। इस कदम का मकसद परिवारों की मदद करना, उनकी आय बढ़ाना और अर्थव्यवस्था को गति देना है।


यह कानून अगस्त में पेश किया गया था। इसके तहत 1,40,000 ज़्लॉटी (लगभग 32,973 यूरो) तक सालाना कमाई वाले परिवारों को आयकर से छूट मिलेगी। यह छूट उन सभी माता-पिता को मिलेगी जो बच्चों की कानूनी जिम्मेदारी लेते हैं, जिसमें कानूनी अभिभावक और पालक माता-पिता भी शामिल हैं। राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, इस कर राहत से औसत पोलिश परिवार को हर महीने लगभग 1,000 ज़्लॉटी (235 यूरो) की बचत होगी। हालांकि, इस कानून का पूरा असर 2026 के टैक्स रिटर्न में दिखेगा, जो 2027 में दाखिल होगा।

 

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किया था वादा

यह सुधार परिवारों पर टैक्स का बोझ कम करने, उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ाने, नौकरी को प्रोत्साहित करने और खपत को बढ़ाने के लिए लाया गया है। नॉरोकी ने अपनी चुनावी मुहिम में ‘जीरो टैक्स’ को मुख्य वादा बनाया था। उन्होंने मार्च में ‘पोल्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट’ के तहत इसकी घोषणा की थी और राष्ट्रपति बनने के बाद 8 अगस्त को इस बिल पर हस्ताक्षर किए। इसे पोलैंड की संसद (सेजम) में भेजा गया।

 

यह कानून ‘टैक्स आर्मर’ पैकेज का हिस्सा है, जिसमें वैट को 23% से घटाकर 22% करना, पूंजीगत लाभ कर को खत्म करना और पेंशन के लिए कोटा-आधारित सूचकांक लागू करना शामिल है।

 

किसे फायदा, किसे नुकसान?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कानून से अमीर परिवारों को ज्यादा फायदा होगा। टैक्स सलाहकार पीटर जुस्ज़िक ने कहा, ‘कम आय वाले परिवार, जो पहले से ही कम या शून्य कर देते हैं, उन्हें बहुत कम लाभ होगा, जबकि ज्यादा कमाई वाले परिवारों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।’

 

उदाहरण के लिए 7,000 ज़्लॉटी (1,648 यूरो) प्रति माह कमाने वाले परिवार को हर महीने लगभग 395 ज़्लॉटी (93 यूरो) की बचत होगी। 12,000 ज़्लॉटी (2,826 यूरो) प्रति माह कमाने वाले परिवार को 913 ज़्लॉटी (215 यूरो) महीने या सालाना 11,000 ज़्लॉटी (2,590 यूरो) की बचत होगी। सबसे कम आय वाले परिवारों को बहुत कम बचत होगी, और जो पहले से ही कर-मुक्त सीमा से नीचे हैं, उन्हें कोई बदलाव नहीं दिखेगा।

 

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लोग क्या सोचते हैं?

जनता ने इस कानून का ज्यादातर स्वागत किया है। 11 सितंबर को हुई चर्चा में 476 लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 76% ने इस कानून का समर्थन किया और 66% ने राष्ट्रपति द्वारा पेश किए गए आर्थिक और वित्तीय आकलन को मंजूरी दी। केवल 16% लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया।