अमेरिका का 'नो किंग्स' प्रोटेस्ट क्या है, ट्रंप के खिलाफ गुस्सा क्यों?
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। लोग अमेरिका से लेकर लंदन तक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आखिर क्यों अमेरिका में लाखों लोगों में गुस्सा है, विस्तार से समझिए।

अमेरिका के लोग नो किंग्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं। (Photo Credit: MoganaPhilips/X)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लोग गुस्से में है। लाखों लोग सड़कों पर उतरकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां हैं, जिन पर लिखा है, 'नो किंग्स।' प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप बेलगाम हैं और उनकी नीतियां, अमेरिका के हित में नहीं हैं। यह देशव्यापी प्रदर्शन है, जिसमें अमेरिका के सभी 50 राज्यों के लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं।
इस विरोध प्रदर्शन की जद में पूरा अमेरिका है। लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन की नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यह प्रदर्शन लोकतंत्र की रक्षा, इमिग्रेशन रेड, शहरों में सैन्य तैनाती और सरकारी सुविधाओं में कटौती को लेकर भड़का है। प्रदर्शनकारी रंग-बिरंगे कॉस्ट्यूम, अमेरिकी और मैक्सिकन झंडों और व्यंगपूर्ण नारों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे हैं।
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क्या कह रहे हैं प्रदर्शनकारी?
लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, शिकागो, वाशिंगटन डीसी और छोटे शहरों जैसे चार्लोट, ऑस्टिन और सैन डिएगो में लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी उतरे। लॉस एंजिल्स में सिटी हॉल के बाहर लोग सालसा बैंड की धुनों पर नाच रहे थे। कुछ प्रदर्शनकारी यूनिकॉर्न, मेंढक, डायनासोर और समुद्री डाकुओं के झंडे लिए हुए थे।
करेन बास, मेयर, लॉस एंजिल्स:-
शहर में कम से कम 10 प्रदर्शन हुए, और सभी शांतिपूर्ण रहे। हम नहीं चाहते कि हमारे शहरों में सैन्य हस्तक्षेप सामान्य हो जाए। ये प्रदर्शन लोकतंत्र को बचाने के लिए हैं।

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क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारी कई मुद्दों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के शासन में लोकतंत्र खत्म हो रहा है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि राजशाही से आजादी की जरूरत है। किन मुद्दों पर लोग ट्रंप से नाराज हैं, आइए समझते हैं-
मारिया रिवेरा कमिंग्स, प्रदर्शनकारी:-
हम सब अप्रवासी हैं। हम अपनी संस्कृति और देश दोनों से प्यार करते हैं। परिवारों को अलग करना, लोगों को उनके घरों से निकालना गलत है।
- इमिग्रेशन नीतियां और प्रवासियों पर छापे: डोनाल्ड ट्रंप की प्रवासी नीतियां बेहद सख्त हैं। उनके प्रशासन में इमिग्रेशन रेड बढ़ गया है, जगह-जगह छापेमारी की जा रही है, लोगों को मारा-पीटा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों में इसे लेकर गुस्सा है।
- स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी नौकरियों में कटौती: सरकारी शटडाउन की वजह से कई सरकारी कर्मचारी बिना वेतन के छुट्टी पर हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों को राक्षस की तरह पेश किया है। लोग अपनी नौकरी को लेकर डरे हुए हैं।
- सैन्य तैनाती से भी परेशान हैं लोग: ट्रम्प ने डेमोक्रेट-शासित शहरों में नेशनल गार्ड भेजा है। यह साल 1965 के बाद पहली बार किसी गवर्नर की इच्छा के खिलाफ हुआ है। मिनियापोलिस के मेयर जैकब फ्रे ने तो यहां तक कह दिया है कि राज्य सरकार, ट्रम्प के नफरत भरे एजेंडे के खिलाफ है।
कौन कर रहा है प्रदर्शन की अगुवाई?
यह प्रदर्शन इंडिविजिबल प्रोजेक्ट की ओर से बुलाया गया है। प्रदर्शनकारियों को सख्त निर्देश हैं कि वे अहिंसक और रचनात्मक तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएं, जिससे हिसा न भड़कने पाए।
लिज कैटेनियो, आयोजक:-
हमारी प्रतिबद्धता अहिंसक प्रदर्शन के लिए है। हम चाहते हैं कि लोग अपनी बात बिना डर के कह सकें।
ट्रंप प्रशासन क्या कह रहा है?
सैन डिएगो, चार्लोट और ऑस्टिन में पुलिस ने कहा कि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे। ट्रम्प और उनके समर्थक इन प्रदर्शनों को 'अमेरिका विरोधी' और 'हमास समर्थक' बता रहे हैं। हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने इन प्रदर्शनों को नफरत भरा प्रदर्शन कह रहे हैं, वहीं सीनेटर रोजर मार्शल ने दावा किया कि इस प्रदर्शन में पेड प्रोटेस्टर्स शामिल होंगे।
डोनाल्ड ट्रंप:-
डेमोक्रेट्स सरकारी शटडाउन को इन प्रदर्शनों के लिए टाल रहे हैं।
विपक्ष ने क्या कहा है?
प्रदर्शनकारियों और डेमोक्रेटिक नेताओं ने इन दावों को खारिज किया।
सीनेटर बर्नी सैंडर्स:-
हम यहां इसलिए नहीं हैं क्योंकि हम अमेरिका से नफरत करते हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि हम इसे प्यार करते हैं।
सीनेटर राफेल वार्नॉक ने कहा, 'ट्रम्प निराशा को हथियार बना रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी इसका जवाब दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पीले रंग के बैंड और रिबन का इस्तेमाल किया, जो अहिंसक प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है।
https://twitter.com/NoKingsProtest/status/1979706658952802565
प्रदर्शन का मतलब क्या है?
नो किंग्स वेबसाइट ने प्रदर्शन के प्रतीकों का मतलब भी बताया है। वेबसाइट के मुताबिक पीला रंग हांगकांग और दक्षिण कोरिया जैसी जगहों में लोकतांत्रिक आंदोलनों का प्रतीक रहा है। कई प्रदर्शनकारी अमेरिकी झंडे लहरा रहे थे, जिससे यह दिखा सकें कि यह प्रतीक सभी अमेरिकियों का है। कुछ ने मजेदार नारे लिखे, जैसे 'हॉन्क इफ यू आर नॉट इन द एप्सटीन फाइल्स' और 'ICE मेल्टर किट्स' के साथ संविधान की मुफ्त प्रतियां बांटीं। चार्लोट्सविल, स्वानसी, मैसाचुसेट्स और एशलैंड में भी प्रदर्शन हुए।
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यूरोप में भी छाया नो किंग्स प्रदर्शन
यूरोप और कनाडा में भी 'नो किंग्स' के समर्थन में प्रदर्शन हुए। बर्लिन, पेरिस, रोम और स्वीडन में लोग अमेरिकी दूतावासों के बाहर जमा हुए। टोरंटो में 'नो टायरेंट्स' प्रदर्शन में कनाडाई और अमेरिकी नागरिक शामिल हुए। प्रदर्शनकारी ट्रंप को फासीवादी बता रहे हैं। कुछ गिरफ्तारियां भी हुईं हैं।
https://twitter.com/MoganaPhilips/status/1979578985232339381
क्या है नो किंग्स प्रोटेस्ट?
'नो किंग्स प्रोटेस्ट' अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के खिलाफ एक प्रगतिशील आंदोलन है। प्रदर्शन लोकतंत्र की रक्षा और ट्रंप की कथित तानाशाही के खिलाफ हो रहा है। प्रदर्शन की शुरुआत अप्रैल 2025 में हुई थी। जून में भी 'नो किंग्स डे' पर 50 लाख लोगों के प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में भी लाखों लोग शामिल हुए हैं।
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