सिंगापुर के आम चुनाव में प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग और उनकी पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने शानदार जीत हासिल की, जिसमें 97 संसदीय सीटों में से 87 सीटें जीतीं। सिंगापुर की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी PAP में स्वतंत्रता के बाद से ही यहां शासन किया है। वोंग ने जीत के बाद वादा किया कि उनकी सरकार और कड़ी मेहनत करेगी ताकि लोगों के भरोसे का सम्मान किया जा सके। चुनाव में मुख्य मुकाबला PAP और विपक्षी वर्कर्स पार्टी (WP) के बीच था, जिसमें WP ने 10 सीटें जीतीं। इस चुनाव में महंगाई और विदेशी श्रमिकों की बढ़ती संख्या प्रमुख मुद्दे थे। सिंगापुर की संसदीय प्रणाली में फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम का उपयोग होता है और इस चुनाव में 26 लाख मतदाताओं ने 1240 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का उपयोग किया।

 

कौन हैं PM लॉरेंस वोंग?

लॉरेंस वोंग ने 15 मई 2024 को ली सीन लूंग से पदभार ग्रहण किया। वह पीपुल्स एक्शन पार्टी के प्रमुख नेता और सिंगापुर की चौथी पीढ़ी के नेतृत्व के प्रतिनिधि हैं। 1972 में जन्मे वोंग ने सिंगापुर और अमेरिका में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री शामिल है। वोंग ने 2011 में पहली बार संसद सदस्य के रूप में पश्चिमी तट समूह प्रतिनिधित्व निर्वाचन क्षेत्र (GRC) से जीत हासिल की। 2024 में पद संभालने के बाद, उन्होंने स्थिरता और आर्थिक विकास पर जोर दिया। 

 

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कितनी पुरानी है PAP पार्टी?

पीपुल्स एक्शन पार्टी (People's Action Party, PAP) की स्थापना 21 नवंबर 1954 को हुई थी। यह सिंगापुर की सबसे पुरानी और सबसे प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। 2025 तक, PAP 71 साल पुरानी है। इसके संस्थापक ली कुआन यू सहित अन्य नेताओं ने इसे मलाया (तब मलेशिया का हिस्सा) में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन के हिस्से के रूप में शुरू किया था। 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता के बाद से PAP ने हर आम चुनाव में जीत हासिल की और देश की सरकार का नेतृत्व किया है।

 

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सिंगापुर में वोट देना बेहद जरूरी

सिंगापुर में वोट देना अनिवार्य है क्योंकि यह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नागरिक भागीदारी को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। 1959 में स्वायत्त शासन के बाद से सिंगापुर ने अनिवार्य मतदान को लागू किया और यह नियम आज भी कायम है।

 

सिंगापुर का संसदीय चुनाव अधिनियम 21 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी पात्र नागरिकों के लिए मतदान को अनिवार्य बनाता है।  यदि कोई पात्र मतदाता बिना वैध कारण (जैसे बीमारी या विदेश में होना) के मतदान नहीं करता, तो उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जा सकता है। उन्हें फिर से पंजीकरण के लिए आवेदन करना पड़ता है और जुर्माना देना पड़ सकता है।