लोन पर कितनी निर्भर है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था? डेटा से समझें
2022 के एक आंकड़ें के मुताबिक पाकिस्तान के ऊपर 26.6 बिलियन डॉलर का चीनी लोन है। यह लोन दुनिया के किसी भी अन्य देश से सबसे ज्यादा है।

शहबाज शरीफ। Photo Credit- PTI
पहलगाम हमले में शामिल पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत सिर्फ अपनी ताकत का ही इस्तेमाल नहीं कर रहा है बल्कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए रणनीतिक कदम भी उठा रहा है। इसी सिलसिले में भारत ने शनिवार को बड़ा कदम उठाते हुए आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान को दिए गए 'लोन' की समीक्षा करने को कहा है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिए गए लोन पर आईएमएफ के सामने चिंता जताई है और समीक्षा की मांग की है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक हालांकि, इस संबंध में आईएमएफ और भारत के वित्त मंत्रालय ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्री के सलाहकार ने कहा कि आईएमएफ कार्यक्रम हमारे साथ अच्छे से काम कर रहा है।
भारत ने पहलगाम में शामिल तीन आतंकवादियों की पहचान की है। तीनों में से दो दो पाकिस्तानी नागरिक हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में किसी भी भूमिका से इनकार किया है और चीन, रूस और पश्चिमी देशों से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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आईएमएफ से मिले 7 बिलियन डॉलर
दरअसल, पाकिस्तान ने पिछले साल 2024 में आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट प्रोग्राम हासिल किया था। बेलआउट प्रोग्राम वो तरीका है जिससे कोई आईएमएफ या बैंक किसी डूबते हुए देश या कंपनी को उबारने के लिए लोन के रूप में देता है। इसके साथ ही मार्च 2025 में आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1.3 बिलियन डॉलर का नया जलवायु लचीलापन लोन दिया है।
350 बिलियन डॉलर की पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान की मौजूदा अर्थव्यवस्था 350 बिलियन डॉलर की है। आईएमएफ के द्वारा दिया गया लोन देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम है। इसको ऐसे समझा जा सकता है कि आईएमएफ के बेलआउट प्रोग्राम से मिलने के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बच गई। बेलआउट मिलने के बाद पाकिस्तान सरकार ने कहा भी था कि इससे अर्थव्यवस्था स्थिर हो गई है और देश को डिफॉल्टर होने से बचाने में मदद मिली है।
130.85 बिलियन डॉलर का कर्ज
एक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान के ऊपर कुल 130.85 बिलियन डॉलर का कर्ज है। पाकिस्तान इसे बहुत कम चुकाने की बजाए उल्टा लोन लेता रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अलावा और कौन-कौन से बैंक ने पाकिस्तान को लोन दिया हुआ है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था संभल गई है...
पाकिस्तान में 2022 में विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत कार्यों के लिए विश्व बैंक ने 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन दिया था। हालांकि,पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने विपक्ष में रहते हुए देश की तत्कालीन सरकार पर 400 मिलियन डॉलर के लोन के कुप्रबंधन का आरोप लगाया था।
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बिलावल ने आरोप के बाद खुलासा
बिलावल ने पाकिस्तान की केंद्र सरकार पर बाढ़ पीड़ितों के लिए निर्धारित धनराशि को हड़पने और उसे अन्य असंबंधित परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद अमेरिका ने स्वीकार किया था कि उसके माध्यम से ही विश्व बैंक ने पाकिस्तान को लोन दिया था।
अपने उत्पादन से कहीं ज्यादा उपभोग करने वाला पाकिस्तान एक ऐसा देश बना बैठा है जो अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की बजाय लोन से अपने बढ़ते घाटे को पूरा करता है। पाकिस्तान को आने वाले सालों में लोन चुकाने के लिए अरबों डॉलर चाहिए लेकिन उसका सरकारी खजाना खाली है।
26.6 बिलियन डॉलर का चीनी लोन
जर्मनी की समाचार एजेंसी DW ने 2022 के एक आंकड़ें के मुताबिक बताया है कि पाकिस्तान के ऊपर 26.6 बिलियन डॉलर का चीनी लोन है। यह लोन दुनिया के किसी भी अन्य देश से सबसे ज्यादा है।
वहीं, बिजनेस टूडे की खबर के मुताबिक, पहलगाम आतंकी हमले के बाद 27 अप्रैल को पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में जानकारी देते हुए बताया कि उसने चीन से अतिरिक्त 10 बिलियन युआन (1.4 बिलियन डॉलर) का लोन मांगा है। लेकिन चीन पहले ही पाकिस्तान को 4.3 बिलियन डॉलर का लोन दे चुका है। पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन ने लोन चुकाने की मियाद तीन साल के लिए बढ़ा दी है।
इसके अलावा एशियाई विकास बैंक ने अक्तूबर 2024 में पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम को कम करने के लिए 500 मिलियन डॉलर के नीति-आधारित लोन को मंजूरी दी थी। इस लोन से पाकिस्तान जलवायु और आपदा प्रबंधन की तौयारी और संस्थागत क्षमता को मजबूत करेगा। कुल मिलाकर पाकिस्तान के ऊपर इतना विदेशी लोन है कि उसको चुकाने के लिए दशकों लग जाएंगे।
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