अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की माइग्रेशन पॉलिसी के खिलाफ लॉस एंजेलिस में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार रात को मास्क लगाए लोगों ने शहर के एक एप्पल स्टोर में लूटपाट की। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कई मास्क लगाए लोग स्टोर में घुसकर गैजेट्स लूटते और पुलिस के आने पर भागते दिख रहे हैं।

 

शहर में तीन दिनों से जारी प्रदर्शनों में रविवार को सबसे ज्यादा हिंसा देखी गई। इन प्रदर्शनों का कारण ट्रंप प्रशासन की सख्त माइग्रेशन पॉलिसी हैं, जिनके तहत शुक्रवार को संघीय अधिकारियों ने 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके जवाब में ट्रंप ने शहर में 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया, जो रविवार को लॉस एंजेलिस पहुंचे। सोमवार को ट्रंप ने 2,000 और नेशनल गार्ड सैनिकों के साथ 700 मरीन्स को भी शहर भेजने का आदेश दिया, जिससे सैन्य उपस्थिति और बढ़ गई।

 

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स्थानीय नेताओं का विरोध

कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसॉम और लॉस एंजेलिस की मेयर करेन बास ने इस सैन्य तैनाती का कड़ा विरोध किया है। न्यूसॉम ने इसे 'लापरवाही' और 'हमारे सैनिकों का अपमान' करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'यह सार्वजनिक सुरक्षा के बारे में नहीं है।

 

यह एक खतरनाक राष्ट्रपति के अहंकार को बढ़ावा देने का प्रयास है।' मेयर बास ने भी कहा कि ये छापे और सैन्य तैनाती शहर में तनाव बढ़ा रहे हैं। उन्होंने CNN पर कहा, 'यह शहरव्यापी अशांति नहीं है। कुछ सड़कों पर स्थिति खराब दिखती है, लेकिन ज्यादातर लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं।'

 

प्रदर्शनों की शुरुआत और हिंसा

प्रदर्शन शुक्रवार को तब शुरू हुए जब इमीग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने लॉस एंजेलिस में छापेमारी शुरू की। इन छापों में 118 लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें से कुछ को ट्रंप प्रशासन ने 'खतरनाक अपराधी' बताया। प्रदर्शनकारियों ने शहर के फेडरल बिल्डिंग और डिटेंशन सेंटर के पास सड़कों पर प्रदर्शन किया, जिसके कारण लॉस एंजेलिस पुलिस और संघीय अधिकारियों के साथ झड़पें हुईं।

 

पुलिस ने आंसू गैस, रबर बुलेट्स और फ्लैश-बैंग ग्रेनेड का इस्तेमाल किया, जबकि प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और गाड़ियों में आग लगा दी। सोमवार को प्रदर्शन पहले की तुलना में कम उग्र थे, लेकिन देर रात हिंसा फिर बढ़ गई। एप्पल स्टोर में लूटपाट के अलावा, एक गैस स्टेशन को भी निशाना बनाया गया और एक कार में आग लगा दी गई। लॉस एंजेलिस पुलिस ने सोमवार रात 31 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से कुछ पर लूटपाट और आगजनी के आरोप हैं।

ट्रंप का दावा और विवाद

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अगर उन्होंने नेशनल गार्ड नहीं भेजा होता, तो 'लॉस एंजेलिस पूरी तरह तबाह हो गया होता।' उन्होंने न्यूसॉम और बास पर 'अक्षम' होने का आरोप लगाया और प्रदर्शनकारियों को 'उपद्रवी' और 'विद्रोही' करार दिया। ट्रंप के बॉर्डर चीफ टॉम होमैन ने न्यूसॉम और बास को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने ICE के काम में बाधा डाली, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।

कानूनी कार्रवाई और तनाव

न्यूसॉम ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें कहा गया कि गवर्नर की सहमति के बिना नेशनल गार्ड की तैनाती 'अवैध और असंवैधानिक' है। उन्होंने मरीन्स की तैनाती के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है। मेयर बास ने कहा कि स्थानीय पुलिस स्थिति को संभालने में सक्षम थी और सैन्य तैनाती 'अनावश्यक' थी।

लोगों की प्रतिक्रिया

कई डेमोक्रेटिक नेताओं, जैसे सीनेटर एलेक्स पैडिला और बर्नी सैंडर्स, ने ट्रंप की नीतियों को 'अलोकतांत्रिक' बताया। दूसरी ओर, ट्रंप समर्थकों और रिपब्लिकन नेताओं, जैसे फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसांटिस, ने न्यूसॉम और बास पर 'कानून का पालन न करने' का आरोप लगाया।


लॉस एंजेलिस में तनाव बना हुआ है, और प्रदर्शन अब सैन फ्रांसिस्को, सांता एना, डलास और ऑस्टिन जैसे शहरों में भी फैल रहे हैं। न्यूसॉम और बास ने लोगों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है, लेकिन ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों और सैन्य तैनाती ने स्थिति को और जटिल कर दिया है।