पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच काफी तनाव है। मीडिया में भी लगातार युद्ध की खबरें चल रही हैं। इस बीच एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सेना के पास गोला-बारूद की काफी कमी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास उच्च स्तर का युद्ध लड़ने की क्षमता काफी कम है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की सेना के पास वर्तमान में केवल 96 घंटों के लिए युद्ध को बनाए रखने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद है। सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट जारी की गई है।
पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले ही में यूक्रेन को हथियारों विशेष रूप से 155 मिमी तोपखाने के गोले का निर्यात किया था इससे भी उसके पास हथियारों की कमी हुई। बढ़ती वैश्विक मांग और आर्थिक रूप से लाभप्रद कॉन्ट्रैक्ट के बीच किए गए इन निर्यातों ने कथित तौर पर देश के हथियारों के भंडार को खत्म कर दिया है, जिससे इसके पास शक्तिशाली M109 हॉवित्जर और BM-21 रॉकेट सिस्टम काफी कम हो गए हैं।
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हथियारों की कमी
पाकिस्तान की हथियार बनाने वाली कंपनी (पीओएफ) पुराने बुनियादी ढांचे और सीमित उत्पादन क्षमता के कारण इन हथियारों की कमी को दोबारा पूरा कर पाने में असमर्थ रही है। मामले से परिचित अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पीओएफ की घोषित प्राथमिकता के बावजूद, मौजूदा परिस्थितियों में ऐसा कर पाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2 मई को आयोजित विशेष कोर कमांडरों के सम्मेलन के दौरान स्थिति की गंभीरता एक प्रमुख एजेंडा था। पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों में भी इस बात को लेकर चिंता है।
पूर्व सेना प्रमुख ने दिया था बयान
पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पहले ही आर्थिक और सैन्य दोनों तरह की परेशानियों का हवाला देते हुए कहा था कि पाकिस्तान की युद्ध करने की क्षमता लगातार सीमित होती जा रही है। पाकिस्तान काफी बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है, वहां की आसमान छूती मुद्रास्फीति, बढ़ता कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार ने पहले से ही देश की आर्थिक हालत खराब कर रखी है। इसकी वजह से सेना को ट्रेनिंग पर रोक लगाने, राशन में कटौती करने और ईंधन की कमी के कारण निर्धारित युद्ध अभ्यासों को रद्द करना पड़ा है।
संभावित टकराव की तैयारी में, खुफिया रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान ने भारतीय सीमा के करीब नए गोला-बारूद डिपो का निर्माण शुरू कर दिया है। हालांकि, विश्लेषकों का तर्क है कि उन्हें भरने के लिए पर्याप्त भंडार के बिना, ऐसे उपाय रणनीतिक मूल्य रूप से बहुत कम प्रभाव डाल पाएंगे।
दूसरे देशों को किया सप्लाई
एक वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक ने एएनआई को बताया, 'पाकिस्तान ने अपने गोला-बारूद को दूसरे देशों के युद्ध के लिए गोला-बारूद भेजा, लेकिन इसकी वजह से उसकी सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई। अल्पकालिक आर्थिक लाभ की चाहत ने दीर्घकालिक रूप से रणनीतिक घाव दे दिया है।'
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को हुए एक क्रूर हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे।
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भारत ने उठाए कई कदम
आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करना और उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या कम करना शामिल है।
सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी प्रकार के वीजा भी रद्द कर दिए और उन्हें 30 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत ने पाकिस्तान एयरलाइंस द्वारा संचालित उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया।