पाकिस्तान आतंकवाद और तालिबान के साथ दो मोर्चे पर उलझा हुआ है। अब शुक्रवार को पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली जिले में एक सैन्य शिविर पर हुए भीषण आत्मघाती हमला हुआ है। हमले में कम से कम सात पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है। यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा के पास है। हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़े आत्मघाती हमलावरों ने किया है।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान साल 2007 में बनी एक उग्रवादी संगठन है। यह अल-कायदा से जुड़े उग्रवादियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई के बाद अस्तित्व में आया था। इस हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सैन्य शिविर घुसा दिया था। हमले का वीडियो भी सामने आया है।

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तालिबान बढ़ा रहा पाकिस्तान की मुश्किलें 

हमले के बाद धुएं का तेज गुबार उठता नजर आ रहा है। पूरा कैंप तबाह हो गया है। पाकिस्तान एक अरसे से आतंकी हमलों से जूझ रहा है। अफगान तालिबान के साथ पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तल्ख दौर में पहुंच गए हैं। साल 2021 में जब से अमेरिकी सेनाएं अफगानिस्तान से लौटीं हैं, तब से ही वहां तालिबान का राज है। तालिबान, पाकिस्तान के लिए हर दिन नई मुश्किलें पैदा कर रहा है। 

सीजफायर के बाद भी हो रहे हैं हमले 

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से कहा है कि तालिबान, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे। सरहद पार से पाकिस्तान लगातार हमला कर रहा है। यह हमला डुरंड रेखा पर सीजफायर के बीच हुआ है। बुधवार को ही दोनों पक्ष संघर्ष विराम के लिए राजी हुए थे। 

 

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पाकिस्तान ने क्या कदम उठाया?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान बीते एक सप्ताह से ही एक-दूसरे से उलझ रहे हैं। अब तक 20 से ज्यादा लोग इस तनाव में मारे जा चुके हैं। तालिबान का दावा था कि पाकिस्तान के झड़प में 50 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। अब सीमा पर संघर्ष विराम समझौता लागू है। पाकिस्तान ने 28 से ज्यादा शरणार्थी शिविरों को बंद कर दिया है। 

पाकिस्तान की चुनौती क्या है?

पाकिस्तान एक तरफ अपने देश के भीतर आतंकवादी ताकतों से  जूझ रहा है, दूसरी तरफ टीटीपी और दूसरे समूहों ने चिंता बढ़ा दी है। पाकिस्तान की कई चौकियां तालिबान के कब्जे में आ गईं थीं। संघर्ष विराम के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।