मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लापता 20 वर्षीय भारतीय मूल की अमेरिकी छात्रा सुदीक्षा कोनांकी के परिवार ने डोमिनिकन गणराज्य की पुलिस से उसे आधिकारिक रूप से मृत घोषित करने का अनुरोध किया है।
भारतीय नागरिक और अमेरिका की परमानेंट रेजिडेंट कोनांकी को आखिरी बार 6 मार्च को पुंटा काना के रिउ रिपब्लिक रिसॉर्ट में देखा गया था। वह छुट्टी पर रहते हुए गायब हो गई थी और अमेरिकी संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां डोमिनिकन अधिकारियों की जांच में मदद कर रही हैं।
काफी खोजबीन के बावजूद भी उनकी लाश नहीं मिली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डोमिनिकन रिपब्लिक नेशनल पुलिस के प्रवक्ता डिएगो पेस्केरा ने पुष्टि की है कि कोनांकी के परिवार ने मृत्यु की औपचारिक घोषणा का अनुरोध करते हुए एक पत्र भेजा है।
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आरोपी का पासपोर्ट जब्त
डोमिनिकन गणराज्य के अधिकारियों ने जोशुआ स्टीवन रीबे का पासपोर्ट जब्त कर लिया है जो कि अंतिम बार उनके साथ देखे गए थे।
अटॉर्नी जनरल येनी बेरेनिस रेनोसो ने वीकेंड पर रीबे से छह घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की, और उम्मीद की जा रही है कि स्थानीय प्रॉसीक्यूटर के साथ आगे की पूछताछ की जाएगी। हालांकि रीबे के ऊपर अभी किसी भी तरह का आरोप नहीं लगाया गया है, लेकिन वह पुलिस की निगरानी में है और उससे कई बार पूछताछ की जा चुकी है।
सुदीक्षा कोनांकी के परिवार ने सोमवार को अधिकारियों को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने की गई जांच पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें कोनांकी की मौत पर कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने की अपनी इच्छा भी व्यक्त की।
क्या था मामला
मेडिकल की इच्छुक छात्रा सुदीक्षा कोनांकी 3 मार्च को पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय की पांच अन्य महिला छात्राओं के साथ पुंटा काना पहुंची थी। आयोवा के 22 वर्षीय और सेंट क्लाउड स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्र रिबे ने कहा कि वह उनके ग्रुप के समुद्र तट पर जाने का फैसला करने से पहले एक होटल बार में उससे मिले थे। 6 मार्च को सुबह 4:15 बजे फुटेज में कोनांकी और अन्य लोगों को समुद्र तट में प्रवेश करते हुए देखा गया, लेकिन सुबह 5 बजे, वह ग्रुप के बाकी सदस्यों के साथ बाहर निकलते हुए नहीं देखी गई।
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रिबे ने बाद में जांचकर्ताओं को बताया कि तैरते समय तेज़ लहरों ने उन्हें समुद्र में खींच लिया था, और हालांकि वह कोनांकी को वापस किनारे पर लाने में कामयाब रहे, लेकिन कुछ ही देर बाद वह गायब हो गई। डोमिनिकन अधिकारियों का कहना है कि किसी को भी संदिग्ध नहीं माना जा रहा है, जबकि अमेरिकी अधिकारी इसे गुमशुदा व्यक्तियों का मामला मान रहे हैं।
रीबे के वकील ने उनकी रिहाई का अनुरोध किया है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस संबंध में फैसला आ जाएगा।