पेगासस, हिंडनबर्ग और..., किन 'विदेशी चिंगारियों' की बात कर गए PM मोदी?
संसद के बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने कुछ ऐसा कहा जो चर्चा का विषय बन गया है। उनके इस बयान को विपक्ष की पुरानी कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी, Photo Credit: Khabargaon
देश की संसद में बजट सत्र 2025 की शुरुआत से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसा कहा जो चर्चा का विषय बन गया। अपने 10-11 साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि संसद का सत्र शुरू होने से पहले कोई 'विदेशी चिंगारी' भड़काने की कोशिश नहीं की गई। पीएम मोदी के इस बयान पर अब प्रतिक्रिया भी आने लगी है। कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने कहा है कि वह जनता के मुद्दों पर जवाब तो देते नहीं तो यह सब तो कहेंगे ही ना। प्रधानमंत्री मोदी ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन पिछले कुछ सत्रों से पहले हुई घटनाएं बता रही हैं कि उनका इशारा किस ओर था। पूर्व में संसद सत्र के पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट, बीबीसी की डॉक्युमेंट्री, जॉर्ज सोरोस और ऐसे ही कई अन्य मुद्दे उठते रहे हैं। कई बार तो ऐसे मुद्दों की वजह से सदन में खूब हंगामा भी हो चुका है।
शुक्रवार सुबह संसद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'मैं 2014 से देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठते थे और यहां उन्हें हवा देने वालों की कोई कमी नहीं है। 10 साल बाद यह पहला सत्र मैं देख रहा हूं, जिसमें किसी भी विदेशी कोने से कोई चिंगारी नहीं भड़काई गई। बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा। आज इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाएगा और कल 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा।
किस ओर था पीएम मोदी का इशारा?
इस सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने 'विदेशी चिंगारी' विशेषण का इस्तेमाल करके इस मामले को थोड़ा चर्चा में फिर से ला दिया है। इससे पहले भी बीजेपी इस तरह की कई रिपोर्ट और अन्य चीजों पर सवाल उठाती रही है। उसका कारण यह रहा है कि पूर्व में हिंडनबर्ग रिपोर्ट, बीबीसी की रिपोर्ट, पेगासस का मुद्दा और ऐसे ही कई विवाद ठीक संसद सत्र के पहले शुरू हुए थे। नतीजा यह हुआ कि विपक्षी पार्टियों ने उन मुद्दों को संसद में जोर-शोर से उठाया और संसद सत्र की कार्यवाही भी इससे प्रभावित होती रही। बीजेपी ने इसको लेकर पहले भी सवाल खड़े किए थे और उनकी टाइमिंग को संदिग्ध बताया था।
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#WATCH | #BudgetSession | PM Narendra Modi says, "You must have noticed, since 2014, this is the first Parliament session, which saw no 'videshi chingari' (foreign interference) in our affairs, in which no foreign forces tried to ignite a fire. I had noticed this before every… pic.twitter.com/WWPDw0LGmS
— ANI (@ANI) January 31, 2025
अगस्त 2024 में बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा था, 'विगत कई वर्षों से जब-जब भारत में संसद का सत्र चलता है, तब-तब कोई न कोई रिपोर्ट विदेश में छपती है। याद करिए, बीबीसी की डॉक्युमेंट्री संसद सत्र शुरू होने से ठीक पहले आई थी। जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट बजट सत्र शुरू होने से पहले आई थी। कभी धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर रिपोर्ट आती है, कभी किसानों को लेकर कमेंट आता है तो कभी ग्रेटा थनबर्ग का बयान आता है। ये सारे सीक्वेंस जाकर देख लीजिएगा कि ये सारी बातें संसद सत्र के समय ही आती हैं। आज बरबस जब विपक्ष ने संसद सत्र का विषय उठाया तो यह साफ हो गया कि सीमा पार से विपक्ष के कुछ ऐसे तार जुड़े हुए हैं कि हर संसद सत्र के दौरान अव्यवस्था का वातावरण उत्पन्न हो जाए।'
#WATCH | Delhi | After the President's address to the Parliament, Congress MP Sonia Gandhi says,"...The President was getting very tired by the end...She could hardly speak, poor thing..." pic.twitter.com/o6cwoeYFdE
— ANI (@ANI) January 31, 2025
निर्भया कांड पर बनी डॉक्युमेंट्री पर विवाद
साल 2015 में जब संसद का सत्र शुरू हुआ तो निर्भया कांड पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री को लेकर संसद में खूब हंगामा हुआ। तत्कालीन गहमंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब दिया और कहा कि इसे प्रसारित नहीं होने दिया जाएगा क्योंकि इस पर पिछली सरकार ने अनुमति दी थी। राजनाथ सिंह का कहना था कि अनुमति रिसर्च के नाम पर ली गई थी लेकिन डॉक्युमेंट्री बनाने के दौरान शर्तों को तोड़ा गया। उनके इस बयान पर संसद में खूब विवाद भी हुआ।
पेगासस और जासूसी का मुद्दा
साल 2021 में पेगासस सॉफ्टवेयर का मामला सामने आया। कई विपक्षी नेताओं ने आशंका जताई कि उनके फोन के जरिए उनकी जासूसी करवाई जा रही है। विपक्ष ने मांग उठाई कि सरकार इस मामले पर संसद में जवाब दे। तब मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग उठाई थी कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में संसद में इस पर जवाब दिया जाए। इसको लेकर संसद में गतिरोध जारी रहा और कार्यवाही भी प्रभावित हुई।
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किसान आंदोलन और ग्रेटा थनबर्ग
साल 2021 में जब संसद का बजट सत्र शुरू हुआ तो दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा था। उसी वक्त ग्रेटा थनबर्ग और पॉप स्टार रेहाना जैसी शख्सियतों ने इस मुद्दे पर ट्वीट किए। संसद सत्र शुरू हुआ तो वहां भी यह मुद्दा उठा। तब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा कि कोई भी प्रोपेगेंडा भारत की एकता को डिगा नहीं सकता है।
#WATCH | Delhi: BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "For the past few years, whenever the Parliament session commences, a foreign report gets released. BBC documentary was released just before the Parliament session. The Hindenberg report came in January just before the Parliament… pic.twitter.com/ueOyC9DvRs
— ANI (@ANI) August 11, 2024
2023 का बजट सत्र और बीबीसी की डॉक्युमेंट्री
1 फरवरी 2023 को बजट पेश होना था। इससे ठीक पहले गौतम अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई। इसके अलावा, बीबीसी की एक डॉक्युमेंट्री आई जिसे भारत सरकार ने बैन कर दिया। इन दोनों मुद्दों को लेकर संसद में खूब हंगामा हुआ और विपक्ष ने लगातार मांग उठाई कि संसद में हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा करवाई जाए।
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