प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिड्स के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण बिजनेस राउंडटेबल में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भारत और साइप्रस के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। पीएम मोदी ने इस मौके पर इनोवेशन, एनर्जी, टेक्नोलॉजी, डेटा, डिजिटल पेमेंट्स, शिपबिल्डिंग और पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाओं पर जोर दिया।
पीएम मोदी तीन देशों की यात्रा पर रविवार को साइप्रस पहुंचे थे। 23 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह साइप्रस का पहला दौरा है। इससे पहले 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी साइप्रस गए थे। साल 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साइप्रस का दौरा किया था।
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राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में क्या हुआ?
रविवार को साइप्रस पहुंचे पीएम मोदी ने लिमासोल में बिजनेस लीडर्स के साथ मुलाकात की। इस कॉन्फ्रेंस को लेकर पीएम मोदी X पर लिखा, 'राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और मैंने भारत और साइप्रस के बीच कारोबारी संबंधों को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए सीईओ के साथ बातचीत की। इनोवेशन, एनर्जी, टेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं।'
इस कॉन्फ्रेंस में बैंकिंग, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल, मैनुफैक्चरिंग, डिफेंस, लॉजिस्टिक, मैरिटाइम, शिपिंग, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, डिजिटल टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईटी सर्विसेस और टूरिज्म जैसे सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच इन्वेस्टमेंट, टेक्नोलॉजी और कारोबारी रिश्ते मजबूत होंगे।
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साइप्रस ने क्या कहा?
साइप्रस के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से X पर पोस्ट किया गया, 'भारतीय प्रधानमंत्री और साइप्रस और भारतीय बिजनेस समुदाय से राउंडटेबल चर्चा हुई। आज हम साइप्रस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत कर रहे हैं। साथ मिलकर हम रणनीतिक साझेदारी के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जो विश्वास और हमारे साझा मूल्यों पर आधारित है। साइप्रस और भारत मिलकर सहयोग और समृद्धि का एक मजबूत संदेश देते हैं।'
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने बताया कि राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत अगले कुछ सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत के सिविल एविएशन, पोर्ट्स, शिपबिल्डिंग, डिजिटल पेमेंट और ग्रीन डेवलपमेंट सेक्टर में लगातार बढ़ोतरी ने साइप्रस की कंपनियों के लिए भारत के साथ साझेदारी करने के लिए अनगिनत अवसर खोल दिए हैं।'
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इन दो बातों पर बनी सहमति
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज GIFT CITY, गुजरात और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच एक MoU पर दस्तखत किए जाने का स्वागत भी किया।
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान NIPL (NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड) और यूरोबैंक साइप्रस ने दोनों देशों के बीच क्रॉस बॉर्डर पेमेंट के लिए UPI शुरू करने पर भी सहमति जताई।