अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल यानी आज से दुनियाभर के देशों पर 'रेसिप्रोकल टैरिफ' जा रहे हैं। ट्रंप ने 2 अप्रैल को 'लिबरेशन डे' घोषित किया है। 


व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने सलाहकारों के साथ मिलकर टैरिफ को लेकर रणनीति बनाने में लगे हैं। बताया जा रहा है कि 2 अप्रैल को ही टैरिफ की घोषणा कर दी जाएगा। व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका उन देशों पर अब बराबर टैरिफ लगाएंगे, जिनकी व्यापार नीति ट्रंप को पसंद नहीं है।


ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तब से ही वे कई देशों पर टैरिफ लगा चुके हैं। कनाडा, चीन और मेक्सिको पर भी टैक्स लगा चुके हैं। हाल ही में ट्रंप ने विदेशी कारों और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। अब एशिया, यूरोप और साउथ अमेरिकी देशों पर भी टैरिफ लगाने की तैयारी की जा रही है।

 

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2 अप्रैल यानी आज से लगेगा टैक्स

ट्रंप ने कहा कि वह 2 अप्रैल से मोटर व्हीकल पर टैक्स लगाएंगे। कार और कार के पार्ट्स पर टैरिफ मई के बाद लागू किया जा सकता है। इससे पहले 4 मार्च को अमेरिका ने कनाडा और मेक्सिको से होने वाले आयात पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। कनाडा से आने वाले एल्युमिनियम और स्टील पर भी 25 फीसदी टैरिफ लगाया जा चुका है।

किन देशों पर पड़ेगा असर?

भारत: ट्रंप के अनुसार, भारत अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लगाता है, जिसे उन्होंने अनुचित बताया है। ​

चीन: चीन पर भी अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाने का आरोप है, जिससे अमेरिकी व्यापार प्रभावित होता है।​

कनाडा और मेक्सिको: इन देशों के साथ भी अमेरिका का व्यापार घाटा है, और इन पर भी रेसिप्रोकल टैक्स लागू किया जाएगा। ​

दक्षिण कोरिया और जापान: इन देशों पर भी अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाने के कारण रेसिप्रोकल टैक्स लागू होगा। ​

 

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क्या होगा इसका असर?

इस कदम से इन देशों से अमेरिका में आयातित वस्तुओं पर बराबर टैरिफ लगाया जाएगा, जिससे वैश्विक व्यापार संतुलन प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ग्लोबल सप्लाई चेन में बाधा आ सकती है और विभिन्न उद्योगों के उत्पादन और वितरण पर असर पड़ सकता है। ​


ट्रंप ने यह भी कहा कि यह निर्णय अमेरिकी किसानों, निर्माताओं और मजदूरों की रक्षा के लिए लिया गया है, जो लंबे समय से असंतुलित व्यापार नीतियों से प्रभावित हो रहे हैं। ​हालांकि, इस निर्णय से संबंधित देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि ट्रंप के इस रेसिप्रोकल टैरिफ से ग्लोबल ट्रेड वॉर शुरू हो सकता है, क्योंकि बाकी देश भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगा सकते हैं।