पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेहत और ज़िंदा होने को लेकर सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रही अफवाहों के बीच आज बड़ी राहत भरी ख़बर आई है। रावलपिंडी के अदियाला जेल प्रशासन ने मंगलवार को इमरान खान की बहन उजमा ख़ान को उनसे मिलने की इजाज़त दे दी। पाकिस्तानी अख़बार 'द डॉन' ने यह ख़बर दी है।

 

उजमा ख़ान जेल के अंदर गईं, जबकि उनके साथ आई सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ता जेल के बाहर इकट्ठा हो गए। यह मुलाक़ात ऐसे समय हुई जब पीटीआई कार्यकर्ता इस्लामाबाद हाईकोर्ट और अदियाला जेल के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे। पार्टी का आरोप है कि इमरान खान से मिलने पर कई हफ़्तों से पाबंदी लगा दी गई है और उनके परिवार वालों व बड़े नेताओं को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है।

 

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बहनों ने की थी मांग

पिछले हफ़्ते इमरान खान के बेटे क़ासिम खान और उनकी बहनों ने सार्वजनिक तौर पर मांग की थी कि सरकार यह साबित करे कि जेल में बंद इमरान खान ज़िंदा हैं। अफवाहें तब और तेज़ हो गईं जब बहनों को कोर्ट के आदेश होने के बावजूद उनसे मिलने नहीं दिया गया।

 

ख़ैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल आफ़रीदी ने कहा कि 27 अक्टूबर के बाद से न तो इमरान खान से और न ही उनकी पत्नी बुशरा बीबी से किसी को मिलने दिया गया है।

बेटे ने भी लगाए थे आरोप

इमरान खान के बेटे क़ासिम खान ने शुक्रवार को कहा था, 'मेरे पिता को 845 दिन से जेल में रखा गया है और पिछले छह हफ़्तों से उन्हें 'डेथ सेल' में अकेले रखा जा रहा है। कोई पारदर्शिता नहीं है। उनकी बहनों को कोर्ट का आदेश होने के बावजूद मिलने नहीं दिया गया। न फोन की सुविधा, न मुलाक़ात और न ही ज़िंदा होने का कोई सबूत। मुझे और मेरे भाई को पापा से कोई संपर्क नहीं हुआ।’

 

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हालांकि, अब आज बहन उजमा ख़ान से मुलाक़ात की इजाज़त मिलने के बाद इन अफवाहों पर कुछ हद तक विराम लगने की उम्मीद है। पीटीआई कार्यकर्ता इसे अपनी जीत बता रहे हैं।