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अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत की रिकॉर्ड तोड़ ग्रोथ रेट, क्या है वजह?

ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिकी टैरिफ की वजह से भारत की ग्रोथ रेट कम हो सकती है, लेकिन उसका उतना ज्यादा असर देखने को नहीं मिला।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: AI Generated

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भारत की अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2 FY26) में सबको चौंका दिया। अमेरिकी के टैरिफ के बावजूद भी भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2% रही, जो अप्रैल-जून तिमाही के 7.8% से ज्यादा है और पिछले साल की इसी तिमाही के 5.4% से बहुत बेहतर। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खपत और मैन्युफैक्चरिंग में तेजी ने अमेरिका के टैरिफ के असर को कम कर दिया।

 

रॉयटर्स के सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने 7.3% का अनुमान लगाया था। एसबीआई रिसर्च ने 7.5% और ब्लूमबर्ग ने 7.4% कहा था। लेकिन असल आंकड़ा इससे कहीं ऊपर निकला। FY26 के दूसरे क्वॉर्टर में खपत बढ़कर 7.9 प्रतिशत हो गया जो कि पहले क्वॉर्टर में 7.0 प्रतिशत था। मैन्युफैक्चरिंग का आउटपुर दूसरे क्वॉर्टर में बढ़कर 9.1 प्रतिशत हो गया जो कि पहले क्वॉर्टर में 7.7 प्रतिशत था। इसी तरह से निर्माण कार्य दूसरी तिमाही में बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो गया जबकि यह पहली तिमाही में 7.6 प्रतिशत हो गया, वहीं सरकारी खर्च पहली तिमाही में 7.4 प्रतिशत से घटकरर 2.7 प्रतिशत हो गया। इस तरह से खपत और फैक्ट्रियों की रफ्तार बढ़ी, लेकिन सरकार का खर्च थोड़ा कम हुआ।

 

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अमेरिकी टैरिफ का असर कम क्यों?

23 अगस्त को अमेरिका ने भारत के एक्सपोर्ट पर 50% टैरिफ लगाया, क्योंकि भारत ने रूस का तेल खरीदा। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। लेकिन अभी तक इसका ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। 22 सितंबर को जीएसटी 2.0 लागू हुआ, जिसमें साबुन से छोटी कारों तक सैकड़ों चीजों पर टैक्स कम किया गया। इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

 

इस ग्रोथ रेट पर पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, '2025-26 के Q2 में 8.2% GDP ग्रोथ बहुत अच्छी बात है। यह हमारी ग्रोथ को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी और सुधारों का असर दिखाता है। यह हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और हिम्मत को भी दिखाता है। हमारी सरकार सुधारों को आगे बढ़ाती रहेगी और हर नागरिक के लिए ईज़ ऑफ़ लिविंग को मज़बूत करेगी।'

 

 

 

एमके ग्लोबल की चीफ इकोनॉमिस्ट माधवी अरोड़ा ने कहा, '8.2% ग्रोथ की उम्मीद से ज्यादा है। यह महंगाई के कम असर, ब्याज दरें घटाने और एक्सपोर्ट में देरी से फायदा हुआ। तीसरी तिमाही में भी यह जारी रहेगा। पूरे साल 7% ग्रोथ आसानी से हो जाएगी।'

महंगाई में भारी कमी

अक्टूबर में महंगाई 0.25% पर पहुंच गई, जो अब तक की सबसे कम है। रिजर्व बैंक दिसंबर की मीटिंग में ब्याज दरें कम कर सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक्सपोर्ट में तेजी और सरकार के खर्च ने ग्रोथ को बूस्ट दिया है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि त्योहारों की मांग से तीसरी तिमाही में भी मजबूत ग्रोथ।

 

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साल भर औसत 7.5% रहेगा। वहीं कुछ का कहना है कि ग्रोथ अच्छी है, लेकिन नॉमिनल जीडीपी कमजोर है। महंगाई कम होने से 0.25% की कटौती हो सकती है।'भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह आंकड़े बताते हैं कि चुनौतियों के बावजूद देश की रफ्तार मजबूत है। अब सभी की नजरे अगली तिमाही की ग्रोथ पर टिकी हुई हैं।

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