महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे अचानक चर्चा में आ गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार (26 नवंबर) को आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलकर आईआईटी मुंबई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम आधिकारिक रूप से आईआईटी मुंबई करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखेगी। देवेंद्र फडणवीस ने यह घोषणा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की टिप्पणी के बाद की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई नहीं किया गया, यह अच्छी बात है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का यह बयान महाराष्ट्र में राजनीतिक मुद्दा बन गया है। उनकी इस टिप्पणी पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने इसे सरकार की मानसिकता दर्शाने वाला बयान बताया। इस मुद्दे पर विवाद होने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आईआईटी बॉम्बे नाम का नाम बदलने की बात कही। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं।
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मुंबई और बॉम्बे नाम का विवाद
मुंबई और बॉम्बे नाम का विवाद सालों पहले शुरू हुआ था। आज की मुंबई को पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था और यह मुंबई का पहला आधिकारिक नाम था। बॉम्बे नाम पुर्तगालियों के प्रभाव के कारण रखा गया था। पुर्तगाली शहर के बंदरगाह को 'Bom Bahia कहते थे, जिसका मतलब अच्छी खाड़ी होता था। अंग्रेजों के शासनकाल में उन्होंने पुर्तगाली नाम को अपनाते हुए शहर को बॉम्बे नाम दे दिया। 17वीं सदी में इस शहर को आधिकारिक तौर पर बॉम्बे के नाम से जाना जाने लगा।
आजादी के बाद साल 1995 में बॉम्बे का आधिकारिक नाम बदलकर मुंबई कर दिया था। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया था जब महाराष्ट्र और गुजरात राज्य को लेकर विवाद चल रहा था। यह नाम इसलिए बदला गया है क्योंकि यह शहर की मूल पहचान को दर्शाता है। बॉम्बे का नाम मुंबई स्थानीय देवी मुम्बा देवी के सम्मान में बदला गया था। स्थानीय मराठई भाषी लोग इस शहर को मुंबादेवी के नाम से ही जानते थे। मुंबादेवी कोली समुदाय की कुलदेवी हैं। सरकार ने तर्क दिया था कि नाम बदलने से स्थानीय सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिलेगा और औपनिवेशिक प्रभाव खत्म होगा
ताजा विवाद और राजनीति
आईआईटी बॉम्बे में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में उन्होंने आईआईटी बॉम्बे के नाम के बारे में बात करते हुए कहा, 'शुक्र है कि आईआईटी बॉम्बे का नाम अब भी यही है। आपने इसे बदल कर मुंबई नहीं किया है। यह आपके लिए एक और अच्छी बात है। मद्रास के लिए भी यही बात सही है। यह अब भी आईआईटी मद्रास है।'
केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नया विवाद शुरू हो गया। एमएनएस पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे ने इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट में लिखा, 'हमेशा से मराठी मानुष की रही मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की चाल को मराठी नेताओं और मराठी जनता ने हमेशा असफल कर दिया है। इसे महाराष्ट्र से अलग करने का दांव इन लोगों के पेट में एक बार फिर उठने लगा है। मराठी लोग सतर्क हो जाएं।' उन्होंने आगे लिखा कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का मुंबई से कोई संबंध नहीं है। उनका संबंध ना महाराष्ट्र से है और ना ही गुजरात से। उन्होंने सिर्फ अपनी पार्टी के नेताओं को खुश करने के लिए यह बयान दिया है।
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राज ठाकरे के इस बयान को आने वाले दिनों में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। यह बयान बीएमसी चुनावों में मुद्दा बन सकता है। राज ठाकरे की पार्टी अक्सर मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिशों के बारे में बात करती रही है। एमएनएस मराठी मानुष के मुद्दे पर महाराष्ट्र में चुनाव लड़ती है और बीजेपी पर मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की कोशिश करने का आरोप लगाती है।
देंवेंद्र फडणवीस ने दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान पर राजनीति शुरू होने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलकर आईआईटी मुंबई करने के लिए वह जल्द ही पीएम मोदी और मानव संसाधन मंत्री को पत्र लिखेंगे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'सबको पता है कि बीजेपी नेता राम नाइक ने बॉम्बे का नाम मुंबई करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। हम हमेशा मुंबई कहते हैं, बॉम्बे नहीं। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि जहां भी बॉम्बे शब्द है, उसे मुंबई से बदल दिया जाए। मैं पीएम और HRD मंत्री को आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलकर आईआईटी मुंबई करने के लिए पत्र लिखूंगा।'