भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। इस बीच रूस ने पाकिस्तान में एंट्री मारी है। उसने सोवियत संघ वाली 'दोस्ती' शुरू करने की पहल की है। रूस ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची के पास रूस एक आधुनिक स्टील प्लांट का निर्माण करेगा। यह प्लांट 700 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान के साथ रूस की यह दोस्ती चर्चा में है। 

 

सोवियत संघ ने अपनी तकनीक से 1973 में कराची के पास पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) की स्थापना की थी। यहां सालाना 1.1 मिलियन टन स्टील का उत्पादन होता था। मगर कुप्रबंधन और पुरानी मशीनों के कारण प्लांट 2.14 बिलियन डॉलर के घाटे में चला गया। साल 2015 में प्लांट को बंद करना पड़ा। अब पाकिस्तान और रूस के बीच एक नया प्लांट बनाने पर सहमति बनी है।

 

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700 एकड़ में रूस बनाएगा नया प्लांट

पुरानी पाकिस्तान स्टील मिल्स कुल 19 हजार एकड़ में बनी है। नए प्लांट का निर्माण इसकी सिर्फ 700 एकड़ पर होगा। प्लांट के बनने से पाकिस्तान के स्टील आयात में 30 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है। पाकिस्तान को यह भी आशा है कि विदेश से स्टील मंगवाने पर खर्च होने वाली 2.6 बिलियन डॉलर राशि भी बचेगी। दो साल के भीतर प्लांट को शुरू करने का लक्ष्य है। पाकिस्तान अभी अपनी जरूरत का सिर्फ 1.5 फीसदी इस्पात ही अपने यहां उत्पादित करता है। बाकी स्टील उसे विदेश से मंगवाना पड़ता है।

 

ब्रिक्स में पाकिस्तान को शामिल करना चाहते हैं पुतिन

शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान का झुकाव अमेरिका समेत पश्चिम देशों की तरफ था। इस कारण रूस और उसके संबंध इतने मजबूत नहीं रहे। मौजूदा समय में पाकिस्तान चीन का बेहद करीबी है। इस बीच रूस ने भी उससे नजदीकियां बढ़ानी शुरू कीं। 2023 में पाकिस्तान और रूस का द्विपक्षीय व्यापार एक बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। 2017 में पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन का हिस्सा बनाया गया। अब रूस पाकिस्तान को ब्रिक्स में शामिल करना चाहता है। पिछले साल रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने पाकिस्तान को ब्रिक्स में शामिल करने का समर्थन किया था।

 

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पाकिस्तान से सैन्य सहयोग नहीं बढ़ा रहा रूस

अभी रूस और पाकिस्तान की दोस्ती  ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और व्यापार तक सीमित है। रूस हथियारों की बिक्री नहीं कर रहा है। माना जाता है कि अगर रूस ने हथियारों की बिक्री की तो इससे भारत नाराज हो सकता है। स्टील प्लांट के अलावा रूस कराची से लाहौर तक 1100 किमी लंबी गैस पाइप लाइन बना रहा है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक परियोजना का नाम पाकिस्तान स्ट्रीम गैस पाइपलाइन है। इस पर ढाई से 3 बिलियन डॉलर का खर्च आने का अनुमान है।