इस 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन के बीच हो रही जंग को तीन साल पूरे हो जाएंगे। दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत 24 फरवरी 2022 को हुई थी, तब से अबतक इस भीषण हमले में हजारों लोगों की जानें गई हैं। साथ ही लाखों की तादाद में निर्दोष लोगों का पलायन हुआ है। इस बीच दुनिया के कई देश रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए कोशिशें कर रहे हैं।

 

यूक्रेन में जंग खत्म करने के लिए तरीके तलाशने के लिए सऊदी अरब ने मंगलवार को अमेरिका और रूस के बीच पहली बैठक की मध्यस्थता की। इस बैठक का मकसद था, आम सहमति बनाकर दोनों देश मिलकर किस तरह यूक्रेन-रूस जंग पर विराम लगवा सकते हैं। इस बैठक के खत्म होने के बाद रूस-अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। 

 

दोनों देश करीब आ रहे हैं

 

रूस ने कहा है कि ये कहना अभी मुश्किल है कि युद्ध को रोकने की दिशा में दोनों देश करीब आ रहे हैं। सऊदी अरब की मध्यस्थता में रूस और अमेरिका ने चार घंटे बैठक की। इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है। हालांकि, दोनों शीर्ष नेताओं बैठक करेंगे इसपर फिलहाल कोई सहमति नहीं बनी है। 

 

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रूस का प्रतिनिधित्व किरिल दिमित्रिव ने किया

 

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पुतिन की तरफ से रूस के प्रतिनिधि किरिल दिमित्रिव ने कहा कि पुतिन-ट्रंप की मीटिंग की तारीख बताना फिलहाल जल्दबाजी होगी। किरिल ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद समझौते की बात करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को सुनना शुरू कर दिया है, एक-दूसरे के साथ सम्मान और समानता का व्यवहार कर रहे हैं।

 

मौतों को रोकना चाहता है अमेरिका

 

वहीं, अमेरिका की विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने बैठक को लेकर कहा कि अमेरिका युद्ध में हो रही मौतों को रोकना चाहता है। साथ ही दुनिया में अपनी ताकत का इस्तेमाल दोनों देशों को एक साथ लाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया के एकमात्र नेता हैं जो यूक्रेन और रूस को जंग खत्म करने की बात पर सहमत करा सकते हैं।

 

टैमी ब्रूस ने आगे बताया कि रूस के साथ इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए बातचीत का रास्ता तलाशेंगे। साथ ही दोनों देशों में राजनयिक मिशनों को फिर से शुरू करने पर भी बातचीत होगी।