मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला करने वाले हादी मतार को न्यूयॉर्क की कोर्ट ने दोषी ठहराया है। हादी मतार ने 2022 में रुश्दी पर चाकू से हमला किया था। हादी मतार को को कोर्ट ने हत्या की कोशिश और हमले का दोषी ठहराया है। उसे आतंकवाद का दोषी भी माना गया है। हालांकि, अदालत ने अभी सजा का ऐलान नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि उसे 32 साल की कैद हो सकती है।


जूरी ने 27 साल के हादी मतार को सिर्फ सलमान रुश्दी पर हमले का ही दोषी नहीं पाया है, बल्कि राल्फ हेनरी रीज पर हमले का भी दोषी पाया है जो उस वक्त स्टेज पर ही थे।

 

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सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ था?

मामले की सुनवाई के दौरान सलमान रुश्दी ने भी गवाही दी थी। उन्होंने कहा था कि हमले के वक्त उन्हें लगा कि वो मरने वाले हैं। कोर्ट में उन्होंने अपनी दाईं आंख पर लगा काले लेंस का चश्मा हटाकर भी दिखाया था। 


वहीं, हादी मतार ने कोर्ट में अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा कि उसे नहीं लगता था कि सलमान रुश्दी बच पाएंगे। उसने कहा, 'जब मैंने सुना कि वो बच गए हैं तो मैं हैरान हो गया।'


ट्रायल के दौरान जब मतार से पूछा गया कि क्या उसे ईरानी नेता अयातुल्लाह खामनेई से सलमान रुश्दी को चाकू मारने की प्रेरणा मिली थी? तो उसने कहा, 'मैं अयातुल्लाह का सम्मान करता हूं। वो एक महान इंसान थे। मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं।' वहीं सलमान रूश्दी की विवादित किताब 'The Satanic Verses' को लेकर मतार ने कहा, 'मैंने इसके कुछ पन्ने ही पढ़े हैं। मैंने उसे पूरा नहीं पढ़ा है।'

 

कब हुआ था रुश्दी पर अटैक?

12 अगस्त 2022 को न्यूयॉर्क के चौंटाउक्वा इंस्टीट्यूशन के एक कार्यक्रम के दौरान हादी मतार ने चाकू से हमला किया था। इस हमले में सलमान रुश्दी के सिर, गर्दन और बाईं हथेली समेत शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं। उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी। हमले के बाद कई हफ्तों तक रुश्दी को अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। उनकी कई सर्जरी भी हुई थीं।

 

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क्यों हुआ था हमला?

ये हमला सलमान रुश्दी की विवादित किताब 'The Satanic Verses' को लेकर किया गया था। ये किताब काफी विवादित रही है। अक्टूबर 1988 में राजीव गांधी की सरकार ने भारत में इस किताब पर बैन भी लगा दिया था। इस्लामिक जानकारों का दावा है कि इस किताब में इस्लाम का मजाक उड़ाया गया है।


जब यह किताब आई थी, तब ईरान के तत्कालीन नेता रूहोल्लाह खामनेई ने सलमान रुश्दी और प्रकाशकों के खिलाफ फतवा जारी कर दिया था। इसके बाद रुश्दी को अपने जीवन का काफी वक्त छिपकर बिताना पड़ा था। जुलाई 1991 में इस किताब के जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी की हत्या कर दी गई थी। इस किताब को लेकर कई बार सलमान रुश्दी को जान से मारने की धमकियां भी मिल चुकी हैं।

 

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कौन हैं सलमान रुश्दी?

सलमान रुश्दी का जन्म बंबई (अब मुंबई) में 19 जून 1947 को हुआ था। 14 साल की उम्र में रुश्दी इंग्लैंड चले गए। यहीं से उन्होंने पढ़ाई की। बाद में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के किंग्स कॉलेज से डिग्री हासिल की। रुश्दी ने बाद में ब्रिटेन की नागरिकता ही ले ली और इस्लाम को त्याग दिया। उन्होंने कुछ समय तक एक्टिंग भी की। बाद में वो नॉवेल लिखने लगे। 


रुश्दी को अपनी दूसरी किताब, 'Midnights Children' लिखने में 5 साल लग गए थे। इस नॉवेल ने 1981 में बुकर पुरस्कार जीता। इसकी 5 लाख प्रतियां बिकीं थीं। उनकी तीसरी नॉवेल 'Shame' 1983 में आई जो पाकिस्तान के बारे में थी। 


सलमान रुश्दी काफी विवादित लेखकों में से एक रहे हैं। सितंबर 1988 में उनकी 'The Satanic Verses' रिलीज हुई, जिस पर दुनियाभर में विवाद हुआ। भारत पहला देश था, जिसने इस पर बैन लगाया। दावा है कि इस किताब में इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद को लेकर काफी विवादित बातें लिखी गई हैं। ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह रुहोल्लाह खामनेई ने फतवा भी जारी किया था। इस किताब को लेकर मुंबई में भी दंगे भड़क गए थे।