'कहने को तो कपड़े मामूली चीज लग सकते हैं लेकिन इनका काम हमें गर्म रखने से कहीं ज्यादा है। कपड़े हमारा दुनिया को देखने का नजरिया और दुनिया को हमें देखने का नजरिया बदल देते हैं' ब्रिटिश उपान्यसकार वर्जीनिया वूल्फ ने यह बात अपनी किताब 'Orlando: A Biography' में लिखी थी। उनकी इस बात को और आसान करें तो आप दुनिया को कैसे देखते हैं और दुनिया आपको कैसे देखती है, यह कपड़े ही तय करते हैं।

 

'पहनावे' को लेकर यह बात इसलिए जरूरी हो जाती है, क्योंकि जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध के खत्म होने की उम्मीद कर रही है, तब दोनों देशों के दो नेताओं के पहनावे ने उनके सोच और इरादे को बयां कर दिया।

 

यहां जिन दो नेताओं की बात हो रही है, उनमें एक हैं रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव। और दूसरे हैं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्कीलावरोव अलास्का में जो स्वेटशर्ट पहनकर गए थे, उसपर कुछ ऐसा लिखा था, जो रूस की 'आक्रामक सोच' को दिखाता था। वहीं, आमतौर पर टीशर्ट में नजर आने वाले जेलेंस्की व्हाइट हाउस में ब्लैक ब्लेजर पहुंचे जो उनके 'नरम पड़ते रवैये' को दिखाता है।

 

यह भी पढ़ें-- डोनबास में ऐसा क्या है जिसे जंग खत्म करने के बदले मांग रहे पुतिन?

सर्गेई लावरोव और USSR वाली टीशर्ट

15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी मौजूद थे।

 

मीटिंग के लिए सर्गेई लावरोव व्हाइट कलर की एक स्वेटशर्ट पहनकर पहुंचे थे। इस टीशर्ट पर रूसी भाषा में 'CCCP' लिखा था, जिसका मतलब होता है- 'USSR' यानी 'सोवियत संघ'

 

लिथुआनिया के पूर्व विदेश मंत्री गेब्रियलियस लैंड्सबर्गिस ने X पर लावरोव के इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'USSR वाली स्वेटशर्ट पहनकर पहुंचे नेगोशिएटर ने कहा, आप हमें आधा यूक्रेन दे दीजिए और हम वादा करते हैं कि हम रुक जाएंगे'

 

 

बेलारूस के एक नेता फ्रैनाक वियाकोर्का ने लिखा, 'लावरोव का अलास्का में USSR स्वेटर पुतिन शासन की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं को दिखाता है। वे अभी भी अतीत में फंसे हुए हैं और यूक्रेन और बेलारूस को अपने साथ वापस लाना चाहते हैं। यह भूल गए हैं कि हम एक आजाद मुल्क हैं और कभी नहीं लौटेंगे। तानाशाहों को खुश नहीं किया जा सकता'

 

लावरोव की स्वेटशर्ट पर लिखे 'USSR' को एक बड़े मैसेज के तौर पर देखा जा सकता है। इसे पुतिन की सोवियत संघ को फिर बनाने की महात्वाकांक्षा के तौर पर देख सकते हैं। साल 1991 में जब सोवियत संघ टूटा था, तब पुतिन इसके खिलाफ थे।

 

यह भी पढ़ें-- ट्रंप ने पुतिन को किया फोन, जेलेंस्की भी पड़े नरम; अब आगे क्या होगा?

ट्रंप के साथ मीटिंग में भी दिखा इसका असर

सर्गेई लावरोव की 'USSR' वाली स्वेटशर्ट का मैसेज साफ था कि रूस सोवियत संघ को फिर एकजुट करना चाहता है। ट्रंप के साथ हुई पुतिन की मीटिंग में भी यह दिखा।

 

ट्रंप के साथ हुई मीटिंग में पुतिन ने साफ कर दिया कि वह डोनबास चाहते हैं। डोनबास में डोनेत्स्क और लुहांस्क हैं। पुतिन ने साफ कर दिया कि डोनबास अगर मिल जाता है तो जंग रोक दी जाएगी। पुतिन ने सीजफायर के लिए शर्त रख दी है कि डोनबास मिल गया तो जेपोरीजिया और खेरसान से सेना हटा ली जाएगी। डोनबास के 88 प्रतिशत इलाके पर रूस का कब्जा है।

 

अलास्का में पुतिन और ट्रंप। (Photo Credit: PTI)

 

ट्रंप ने भी जेलेंस्की को सलाह दी है कि वह पुतिन की शर्तें मान लें। हालांकि, जेलेंस्की का कहना है कि अगर रूस को डोनबास दे दिया गया तो वह भविष्य में फिर हमला कर सकता है। उनका कहना है कि 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद 2022 में रूस ने फिर हमला किया। अगर डोनबास दिया तो रूस को भविष्य में यूक्रेन पर हमला करने का आधार मिल जाएगा।

 

यह भी पढ़ें-- 6 जंग रोकने का दावा कर चुके ट्रंप, 7वीं क्यों नहीं रोक पाए?

जेलेंस्की का 'ब्लैक ब्लेजर' वाला अवतार

24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इसके बाद से जेलेंस्की को हमेशा आर्मी ग्रीन और ब्लैक टीशर्ट और कार्गो पैंट में ही नजर आ रहे हैं। फरवरी में जब जेलेंस्की व्हाइट हाउस गए थे, तब भी ट्रंप के साथ मीटिंग में उन्होंने ब्लैक टीशर्ट और कार्गो ही पहना था। जेलेंस्की हमेशा इस तरह का पहनावा इसलिए रखते हैं, क्योंकि वह दिखाते हैं कि वह अपनी सेना के साथ हैं।

 

फरवरी में व्हाइट हाउस में जब ट्रंप से मुलाकात करने के लिए जेलेंस्की पहुंचे थे, तब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा, 'व्हाइट हाउस में भी आप सूट पहनकर क्यों नहीं आए?' जेलेंस्की लने जवाब देते हुए कहा, 'मैं सूट तभी पहनूंगा, जब युद्ध खत्म हो जाएगा' उन्होंने आगे रिपोर्टर से कहा था, 'शायद आपके जैसा कुछ सूट पहनूं या शायद उससे भी बेहतर। पता नहीं, देखते हैं। शायद कुछ सस्ता'

 

 

हालांकि, इस बार जेलेंस्की ने सबको चौंका दिया। जेलेंस्की इस बार ब्लैक शर्ट और ब्लैक ब्लेजर पहनकर पहुंचे। जिस रिपोर्टर ने फरवरी में जेलेंस्की से सूट को लेकर सवाल किया था, उसी रिपोर्टर ने अब कहा, 'आप बहुत अच्छे लग रहे हैं' इस पर ट्रंप ने कहा, 'मैंने भी यही कहा था' फिर ट्रंप ने जेलेंस्की से कहा, 'यह वही हैं, जिन्होंने पिछली बार आप पर हमला किया था' जेलेंस्की ने कहा कि मुझे याद है। मजाकिया अंदाज में जेलेंस्की ने कहा, 'आप उसी सूट में हैं। मैं बदल गया लेकिन आप नहीं बदले'

 

यह भी पढ़ें-- पुतिन जीते, जेलेंस्की की हार? अलास्का में हुई अधूरी डील की कहानी

तो क्या मतलब निकाला जाए इसका?

फरवरी 2022 के बाद से जेलेंस्की को जब भी देखा, हमेशा वह ब्लैक या ग्रीन टीशर्ट और कार्गो में ही नजर आए। इस दौरान जेलेंस्की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर दुनियाभर के तमाम बड़े नेताओं से मिले। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपियन यूनियन तक में भाषण दिया लेकिन उनका पहनावा नहीं बदला।

 

साढ़े तीन साल से भी ज्यादा लंबे वक्त से चल रही जंग में यह पहली बार हुआ जब जेलेंस्की टीशर्ट और कार्गो से हटकर फॉर्मल पहनावे में नजर आए।

 

फरवरी में हुई ट्रंप के साथ बातचीत और इस बार की बातचीत में भी फर्क दिखा। पिछली बार तो ट्रंप के साथ उनकी बहस भी हो गई थी। इसके बाद जेलेंस्की व्हाइट हाउस से निकल गए थे। वहीं, इस बार ट्रंप और जेलेंस्की के बीच एक ट्यूनिंग दिखाई दी। बातचीत भी अच्छी रही। माहौल को हल्का बनाने के लिए ट्रंप ने मजाक भी किया।

 

व्हाइट हाउस में 18 अगस्त को हुई बैठक में ट्रंप के अलावा कई यूरोपीय नेता भी मौजूद थे। उम्मीद है कि इस बार रूस और यूक्रेन के बीच शांति को लेकर स्थायी समझौता हो सकता है।

 

28 फरवरी और 18 अगस्त की तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

 

इस मीटिंग के साथ ही यह भी तय हो गया कि जल्द ही ट्रंप के साथ जेलेंस्की और पुतिन की मुलाकात भी होगी। ट्रंप ने जेलेंस्की के साथ मीटिंग के बाद ही पुतिन से भी 40 मिनट तक फोन पर बात की। इसके बाद ट्रंप ने उन्होंने जेलेंस्की और पुतिन के बीच फेस-टू-फेस मीटिंग की तैयारी शुरू कर दी है।

 

अब तक अपनी जिद पर अड़े जेलेंस्की के तेवर भी थोड़े नरम पड़ गए हैं। जेलेंस्की अब तक इस बात पर अड़े थे कि जब तक सीजफायर नहीं होता, तब तक पुतिन से सीधी बातचीत नहीं होगी। हालांकि, अब जेलेंस्की बिना किसी शर्त के पुतिन से मीटिंग करने पर राजी हो गए हैं। जेलेंस्की का कहना है कि अगर उन्होंने कोई शर्त रखी तो रूस भी शर्त रख देगा। इसी बीच जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने दावा किया कि दो हफ्ते के भीतर जेलेंस्की और पुतिन की मीटिंग होगी।

 

कुल मिलाकर इस पूरी जद्दोजहद का लब्बोलुआब इतना है कि पुतिन शायद डोनबास लिए बिना न माने और जेलेंस्की अगर माने तो उन्हें चाहिए सिक्योरिटी की गारंटी, वह भी NATO जैसी, ताकि भविष्य में अगर फिर जंग होती है तो यूरोप के साथ-साथ अमेरिका भी साथ में खड़ा हो।