आतंक को पालने वाले पाकिस्तान की आर्थिक हालत कितनी खराब है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब उसकी अर्थव्यवस्था उम्मीद के मुताबिक भी प्रदर्शन नहीं कर रही है। पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट ARY न्यूज के मुताबिक, 2024-25 में सरकार ने 3.6% की ग्रोथ की उम्मीद थी लेकिन यह ग्रोथ सिर्फ 2.68% ही हुई। और तो और यह हालत तब है जब पाकिस्तान अपने कथित 'विकास' के लिए कर्ज पर कर्ज ले रहा है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान की सरकार अब एक साल में 4.9 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज और लेने की तैयारी कर रही है।
ARY न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस्लामाबाद में हुई नेशनल अकाउंट्स कमेटी की बैठक में सामने आया है कि पाकिस्तान अपने आर्थिक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में 'नाकाम' रहा है। इस बैठक में यह भी सामने आया है कि 2024-24 की पहली तीन तिमाही में एग्रीकल्चर सेक्टर में 1.8% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि इंडस्ट्रियल सेक्टर में 1.14% की गिरावट देखने को मिली है।
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4.9 अरब डॉलर का कर्ज लेगा पाकिस्तान
एक तरफ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूबती जा रही है तो दूसरी तरफ वह और कर्ज लेने की तैयारी कर रहा है। ARY न्यूज ने यह भी बताया है कि सरकार 2025-26 में 4.9 अरब डॉलर का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। भारतीय करंसी में यह रकम 42 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होती है।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की सरकार जो कर्ज लेने वाली है, उसमें से 2.64 अरब डॉलर का शॉर्ट टर्म लोन होगा। यह लोन 7 से 8 फीसदी की ब्याज दर पर लिया जाएगा। इसके अलावा, 2.27 अरब डॉलर का लोन लॉन्ग टर्म होगा।
ARY न्यूज ने बताया है कि सरकार इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (ICBC) से 1.1 अरब डॉलर का लोन लेगी, जबकि स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और दुबई इस्लामिक बैंक से 50 करोड़ डॉलर का लोग लेगी। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से भी 50 करोड़ डॉलर का लोन लिया जाएगा।
यह लोन इसलिए लिया जाएगा ताकि पाकिस्तान अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा सके। बताया जा रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान से कहा है कि वह जून 2025 तक अपना विदेशी मुद्रा भंडार 13.9 अरब डॉलर तक करे। हालांकि, अभी उसके पास 14 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो तीन महीने का आयात बिल चुकाने के लिए काफी है।
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IMF ने भी रखी हैं 11 शर्तें
IMF ने इसी महीने पाकिस्तान को नया लोन देने की मंजूरी तो दे दी थी लेकिन अब उस पर 11 नई शर्तें भी लगा दी हैं। IMF ने 9 मई को पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर (करीब 8,450 करोड़ रुपये) के लोन को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही IMF ने 1.4 अरब डॉलर (करीब 12 हजार करोड़ रुपये) का नया लोन भी मंजूर कर दिया था।
हालांकि, अब IMF ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। IMF का कहना है कि अगर इन शर्तों को पूरा नहीं किया गया तो लोन की किस्त रोकी जा सकती है। इस तरह से पाकिस्तान पर अब कुल 50 शर्तें हो गई हैं। नई शर्तों के मुताबिक, जून 2025 तक पाकिस्तान को 17.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का बजट पास करना होगा। यह बजट IMF के हिसाब से होगा, यानी खर्च कम और टैक्स ज्यादा।
इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार को नया गवर्नेंस ऐक्शन प्लान भी बनाना होगा। पाकिस्तान की सरकार को एक नया प्लान भी बनाना होगा, जिसमें बताना होगा कि वह 2027 के बाद बैंकों और फाइनेंशियल सिस्टम को किस तरह से मजबूत करेगी। यह प्लान सितंबर 2025 तक तैयार करना होगा।
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कितनी बदहाल है PAK की अर्थव्यवस्था?
IMF के मुताबिक, पाकिस्तान पर उसकी 6.2 अरब डॉलर (करीब 52 हजार करोड़ रुपये) की उधारी है। IMF के अलावा वर्ल्ड बैंक से भी पाकिस्तान को 48 अरब डॉलर की मदद मिली है।
पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था कर्ज पर चल रही है। 2024 तक उस पर 130 अरब डॉलर (11 लाख करोड़ रुपये) का कर्ज था। पाकिस्तान ने चीन, सऊदी अरब और कतर से भी कर्ज लिया है। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है।
कुछ साल में पाकिस्तान में महंगाई भी जबरदस्त तरीके से बढ़ी है। 2019 में पाकिस्तान में महंगाई दर 10.7% थी, जो 2024 तक बढ़कर 23.4% हो गई। इसका मतलब हुआ कि 2019 में पाकिस्तान में जो चीज 100 रुपये की थी, वह 2024 तक बढ़कर 215 रुपये की हो गई।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी खाली हो रहा है। अमेरिकी डॉलर की तुलना में उसकी करंसी भी लगातार कमजोर हो रही है। मई 2020 में 1 डॉलर का भाव 160 पाकिस्तानी रुपये था। अब यह बढ़कर 281 पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा हो गया है।