श्रीलंका में एक बंद ने ऐसा कांड किया कि पूरा देश 36 घंटे तक इंटरनेट ब्लैकआउट से जूझता रहा। अंधेरे में डूबे लोगों को श्रीलंका की सरकार यह कहकर दिलासा दे रही है कि इसमें सरकार और बिजली कंपनियों की गलती नहीं है बल्कि एक बंदर की वजह से काम खराब हुआ है।

कोलंबो के एक बिजली स्टेशन में घुसे बंदर ने श्रीलंका को अंधेरे में धकेल दिया। 2 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इस देश में अब बिजली सेवाएं धीरे-धीरे बहाल की जा रही हैं। बिजली गुल होने का असर यह हुआ है कि कई शहर अंधेरे में डूब गए। अस्पताल से लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक इसी वजह से ठप पड़े रहे।

बंदर ने कैसे फैलाया श्रीलंका में अंधेरा?
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कुमारा जयकोडी ने कहा, 'एक बंदर हमारे ग्रिड ट्रांसफॉर्मर के पास आ गया, जिसकी वजह से सिस्टम क्रैश हो गया।' रविवार को स्थानीय समय के मुताबिक लगभग 11:00 बजे दिन से बिजली सेवाएं बाधित होनी शुरू हो गईं। तब अधिकारियों ने कहा कि कुछ देर में बिजली आ जाएगी। दिनभर किसी तरह काम चला, रात में भी लाइट नहीं आई। बड़े उद्योगों और अस्पतालों को जनरेटर भरोसे ही रहना पड़ा।

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क्यों लोग उड़ा रहे हैं श्रीलंका की खिल्ली?
सोशल मीडिया पर लोग श्रीलंका का मजाक उड़ा रहे हैं। लोगों का कहना है कि बंदर ने तो श्रीलंका का पहले भी कष्ट दिया था। लोग रामायण के उस किस्से का भी जिक्र कर रहे हैं, जिसमें भगवान हनुमान, रावण की लंका को जला देते हैं। तब भी लंका दहन के बाद अंधेरा फैल गया था, आज भी अंधेरा है।

X पर मारियो नवाफल नाम के एक यूजर ने लिखा, 'दुष्ट बंदर ने कोलंबे के सब स्टेशन को फेल करने के बाद श्रीलंका के पूरे पावर ग्रिड को ही तबाह कर दिया।' दूसरे यूजर ने लिखा, 'श्रीलंका का बंदरों से पंगा पुराना है।' 

श्रीनी आर नाम के एक यूजर ने भगवान हनुमान का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, 'श्रीलंका ने तो इतिहास में भी बंदरों के गुस्से का सामना किया है।' 

 

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श्रीलंका संकट पर क्या लिख रहे हैं वहां के अखबार?
डेली मिरर की संपादक जमीला हुसैन ने लिखा, 'केवल श्रीलंका ही ऐसा देश है, जहां बिजली कटौती की वजह बंदर बन सकता है। इंजीनियर कई साल से सरकार से मांग कर रहे हैं कि पावर ग्रिड को अपग्रेड करे। इसी वजह से बार-बार ब्लैकआउट हो रहा है।' 

श्रीलंका में क्यों कमजोर है पावर ग्रिड सिस्टम?
श्रीलंका के अखबारों ने कई इंजीनियरों के हवाले से लिखा है कि नेशनल पावर ग्रिड इतनी कमजोर स्थिति में है कि अगर किसी एक इलेक्ट्रिक सब स्टेशन में गड़बड़ी होती है तो पूरे देश में बिजली कटौती की समस्या पैदा हो जाती है।