गृहयुद्ध से जूझ रहे देश सूडान में 400 से ज्यादा लोग एक शरणार्थी शिविर में मार दिए गए। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सूडान के विद्रोही गुटों में शुमार रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) ने एक शरणार्थी शिविर को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। RSF लगातार शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाकर हमला कर रहा है। सूडान में अप्रैल 2023 से ही विद्रोही गुट और सेना के बीच सत्ता पर कब्जे के लिए जंग चल रही है।

सूडान के गृह युद्ध में लाखों लोगों अब तक पलायन कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ का दावा है कि गुरुवार से शनिवार के बीच तक ही 148 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मृतकों के आंकड़े अभी और बढ़ सकते हैं। विद्रोही गुटों और सेना के बीच सबसे हिंसक झड़प अल-फशर सिटी के पास हुई थी। दोनों सेनाएं दारफुर पर कब्जे के लिए जंग लड़ रही हैं। 

400 लोगों का नरसंहार
संयुक्त राष्ट्र की प्रवक्ता रविना शमदासानी ने कहा है कि रविवार को हुई हिंसा के आंकड़े इसमें शामिल नहीं हैं। उन्होंने सूत्रों के हवाले से कहा कि 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें उन सहायता समूहों के भी कार्यकर्ता शामिल हैं, जो सूडान के लोगों की मदद कर रहे हैं। 

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सूडान में अकाल जैसे हालात
एल-फाशेर के पास जमजम और अबू शौक जैसे इलाकों में 7 लाख से ज्यादा लोग अस्थायी रूप से रहते हैं। यहां को लोग अकाल जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। शनिवार रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने कहा कि वह नागरिकों पर हमलों के लिए जिम्मेदार नहीं है। जमजम में हुई नरसंहार, उनकी छवि खराब करने की कोशिश है। 

Photo Credit: X/Unicef

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किन शहरों में छिड़ी हैं लड़ाइयां?

RSF का दावा है कि सूडान की सेना जंग हार रही है, राज्यों से नियंत्रण खो रही है। विद्रोही गुटों ने सेना पर जमजम को सैन्य बैरक के तौर पर इस्तेमाल करने और निर्दोष नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है। एल-फाशेर, दारफुर का आखिरी प्रमुख शहर है जो सेना के नियंत्रण में है। यह शहर एक साल से आरएसएफ के घेरे में है। सूडान का गृहयुद्ध छिड़े हुए 3 साल हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क अपील की है कि जंग को रोकने के लिए सभी पक्ष साथ आएं।