अगर आप यह सोचते हैं कि परीक्षा में नकल की समस्या सिर्फ यूपी-बिहार तक सीमित है तो आप गलत हैं। खाड़ी का देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी इससे परेशान है। वहां 20 नवंबर से पहली टर्म की केंद्रीय परीक्षाओं का आयोजन होगा। उससे पहले यूएई के शिक्षा मंत्रालय ने सख्त नकल विरोधी गाइडलाइन जारी की है। मंत्रालय का मानना है कि इससे सभी छात्रों को समान अवसर मिलेंगे। परीक्षा प्रणाली की अखंडता और निष्पक्षता बनी रहेगी।
अगर किसी छात्र ने परीक्षा नियमों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। गलत व्यवहार करने पर उसके आचरण रिकॉर्ड से 12 अंक काटे जाएंगे। छात्र ने जिस विषय में परीक्षा की है, उसमें उसे शून्य ग्रेड दिया जाएगा। अगर किसी छात्र ने जानबूझकर अपनी उत्तर पुस्तिका को नुकसान पहुंचाया तो उसका मूल्यांकन ही नहीं किया जाएगा।
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किन-किन कृत्यों पर लगाई रोक
यूएई के शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा हाल में और उसके बाहर कुछ कृत्यों पर रोक लगाई है। मसलन, कोई भी छात्र मोबाइल फोन या किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल नहीं करेगा। प्रश्नपत्र को सोशल मीडिया पर प्रसारित करने पर रोक। पेपर के दौरान बातचीत करना और इशारेबाजी करने पर बैन। किसी अन्य छात्र की मदद करने पर भी एक्शन होगा। प्रश्नपत्र की फोटो लेने पर मनाही। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेटालीक करने पर रोक। बिना अनुमति के परीक्षा कक्ष छोड़ने पर भी कार्रवाई होगी।
48 लाख रुपये का लगेगा जुर्माना
अगर कोई भी कर्मचारी परीक्षा नियमों का उल्लंघन करता है या किसी की मदद करते पकड़ा गया तो उस पर भी एक्शन होगा। दिशा-निर्देश के मुताबिक कर्मचारियों को प्रशासनिक सजा के अलावा 2 लाख दिरहम (करीब 48 लाख भारतीय रुपये) तक का जुर्माना चुकाना होगा। शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह नियम परीक्षा हॉल के अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर लागू होंगे।
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छात्रों को जागरुक करने का आदेश
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि सभी स्कूल परीक्षा से पहले अपने छात्रों को नकल पर होने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में जागरुक करे। मंत्रालय ने कहा कि परीक्षाओं में ईमानदारी बनाए रखना सिर्फ परीक्षा निरीक्षकों की ही जिम्मेदारी नहीं है। यह यह हमारी साझा सांस्कृतिक जिम्मेदारी है। शिक्षकों, छात्रों और उनके अभिभावकों को परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता, ईमानदारी और जवाबदेही के मूल्य को बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए। मंत्रालय ने सभी स्कूलों को निगरानी समितियां बनाने का आदेश दिया है, ताकि परीक्षाओं के वक्त छात्रों पर नजर रखी जा सके। अगर नकल से जुड़ी कोई घटना होती है तो यह समिति मामले की सूचना लिखित तौर पर मंत्रालय तक पहुंचाएंगी।
