आखिरकार महीनों की खिंचतान के बाद अमेरिका और चीन के बीच रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर सहमति बन गई है। दरअसल, सोमवार को अमेरिका और चीन ने टैरिफ में कटौती करने के लिए एक समझौते पर सहमति जताई। इस कदम को अमेरिका और चीन के द्वारा वैश्विक बाजारों में चल रहे ट्रेड वॉर को कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। 

 

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका चीनी वस्तुओं पर अपने 145 प्रतिशत टैरिफ को 115 प्रतिशत कम करके 30 प्रतिशत पर लाएगा। इससे पहले दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगाए गए भारी टैरिफ में से ज्यादातर पर 90 दिन की रोक लगाने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि दोनों देश अपने व्यापार विवादों को हल करने के लिए बातचीत जारी रखने के समझौते पर पहुंच गए हैं। 

 

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आगे भी जारी रहेगी बातचीत

 

वहीं,  व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर ने कहा कि अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत टैरिफ को घटाकर 30 प्रतिशत करने पर जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर अपनी दर को घटाकर 10 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है। ग्रीर और अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने जेनेवा में संवाददाता सम्मेलन में शुल्क कटौती की घोषणा की। उन्होंने साथ ही कहा कि दोनों पक्षों ने अपने व्यापार मुद्दों पर चर्चा जारी रखने की रुपरेखा तैयार की है।

 

ट्रंप ने फरवरी में चीन पर लगाए थे 145 प्रतिशत टैरिफ

 

चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि अगले 90 दिनों के लिए अतिरिक्त 24 प्रतिशत टैरिफ को निलंबित कर देगा।

 

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बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में चीन के ऊपर 145 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका के ऊपर जवाबी कार्रवाई करते हुए 125 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। इसे बाद अमेरिका और चीन जैसी दो आर्थिक महाशक्तियों के आमने-सामने आने से दुनियाभर में ट्रेड वॉर छिड़ गया।  

 

ट्रेड वॉर के गतिरोध को खत्म करने के लिए अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट और चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने 15 दिन पहले बंद कमरे में चर्चा की थी। बातचीत के बाद चीन में साकारात्मक संकेत दिए थे।