अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ट्रंप के बर्थराइट सिटीजनशिप को खत्म करने वाले एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर रोक लगा दी है। सिएटल की कोर्ट ने ट्रंप के फैसले को 'असंवैधानिक' बताते हुए अस्थाई रोक लगा दी है।


बर्थराइट सिटीजनशिप को खत्म करने के ट्रंप के फैसले को वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन ने चुनौती दी थी। ये चारों राज्य डेमोक्रेट्स हैं। 

कोर्ट ने क्या कहा?

सिएटल की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज जॉन कॉफनर ने ट्रंप के आदेश पर रोक लगाई है। ट्रंप के फैसले का बचाव करने वाले वकीलों पर भड़कते हुए जज कॉफनर ने कहा, 'मुझे ये समझ नहीं आ रहा है कि बार का एक सदस्य कैसे इस आदेश को संवैधानिक ठहरा सकता है। इसने मेरे दिमाग को चकरा दिया है।'


ट्रंप के ऑर्डर पर जज कॉफनर ने कहा, 'मैं 4 दशकों से जज हूं। मुझे याद नहीं कि ऐसा कोई मामला सामने आया हो जो इतना साफ हो। ये पूरी तरह से असंवैधानिक फैसला है।'


कोर्ट ने फिलहाल ट्रंप के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के लागू होने पर 14 दिन की रोक लगाई है। इस मामले में अब कोर्ट में 6 फरवरी को अगली सुनवाई होगी।

 

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ट्रंप की टीम ने क्या कहा?

कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ ट्रंप ने अपील करने की बात कही है। जस्टिस डिपार्टमेंट के वकील ब्रेट शूमेट ने ट्रंप के फैसले को सही और अदालत के आदेश को अनुचित ठहराया है। जस्टिस डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा कि वो अगले हफ्ते कोर्ट में अपील करने वाले हैं ताकि ट्रंप के आदेश  पर रोक लगाने वाले फैसले को और आगे न बढ़ाया जाए।

क्या था ट्रंप का फैसला?

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर बर्थराइट सिटीजनशिप को खत्म कर दिया था। इससे अमेरिका में जन्म के साथ ही मिलने वाली नागरिकता खत्म हो गई थी। 


अब तक ये होता था कि अमेरिका में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति को बचपन से ही अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी, फिर चाहे उसके माता-पिता किसी भी देश के हों। अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन में इसका प्रावधान किया गया था। मगर ट्रंप ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर इस पर रोक लगा दी थी।


ट्रंप का ये फैसला लागू होता तो इससे हर साल अमेरिका में जन्म लेने वाले 1.50 लाख बच्चों पर असर पड़ता। बर्थराइट सिटीजनशिप को खत्म करने वाले ट्रंप के ऑर्डर के खिलाफ 6 मुकदमे दायर हुए हैं।