अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 30 अप्रैल को भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग फोन पर बात की। यह बातचीत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में हुई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। जयशंकर के साथ हुई बातचीत में रुबियो ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका के सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। रुबियो ने भारत को पाकिस्तान के साथ तनाव कम करने और दक्षिण एशिया में शांति व सुरक्षा बनाए रखने के लिए सहयोग करने को भी प्रोत्साहित किया।
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शहबाज शरीफ से क्या कहा?
वहीं, शहबाज शरीफ के साथ हुई बातचीत में रुबिया ने पाकिस्तान से पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने और हमले की जांच में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने पाकिस्तान को भी भारत के साथ तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए काम करने को कहा। शहबाज शरीफ ने इस दौरान भारत पर उकसावे और आक्रामक व्यवहार का आरोप लगाया। रुबियो की यह कूटनीतिक पहल अमेरिका की उस नीति का हिस्सा थी, जिसमे दोनों परमाणु-संपन्न पड़ोसी देशों को तनाव बढ़ाने से रोकने और जिम्मेदाराना समाधान की दिशा में काम करने की सलाह दी गई।
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भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव
भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया। भारत ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर इंडस जल संधि को निलंबित करने जैसे कदम उठाए। रुबियो ने दोनों देशों से संयम बरतने और प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करने की अपील की, ताकि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे। रुबियो ने यह बातचीत भारत और पाकिस्तान देशों में तनाव कम करने, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करने और दक्षिण एशिया में शांति व सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। उनकी बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग पर जोर दिया गया, साथ ही पाकिस्तान से हमले की जांच में सहयोग की मांग की गई।