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गोली नहीं कीबोर्ड से लड़ाई! भारत-पाकिस्तान और साइबर वॉर की कहानी

भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम अटैक को लेकर तनाव बढ़ गया है। इस बीच पाकिस्तान की साइबर आर्मी भी एक्टिव हो गई है, जो भारतीय वेबसाइट्स को हैक करने की कोशिश कर रही है।

cyber attack

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

एक ऐसी जंग जो किसी को दिखेगी नहीं, लेकिन डर सबको लगेगा... एक ऐसी जंग जिसमें बंदूक से गोली नहीं निकलेगी, बल्कि कीबोर्ड से सिंगल लाइन में एक कोड निकलेगा। आम भाषा में इसे 'साइबर वॉर' कहा जाता है। 


अब यही साइबर वॉर एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हो गया है। वैसे तो दोनों देशों के बीच साइबर वॉर सालभर चलता रहता है लेकिन तनाव बढ़ने के साथ ही यह और तेज हो जाता है। मंगलवार को ही पाकिस्तानी हैकरों ने जयपुर में शिक्षा विभाग की वेबसाइट हैक की और लिख दिया- 'पाकिस्तानी साइबर फोर्स। अगला हमला गोलियों से नहीं, टेक्नोलॉजी से होगा।'


इससे पहले पाकिस्तान की हैकर आर्मी ने रानीखेत और श्रीनगर के आर्मी पब्लिक स्कूल की वेबसाइट भी हैक कर ली थी और इसके पेज पर पाकिस्तान का झंडा लगा दिया था। न्यूज एजेंसी ANI ने खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि हाल के दिनों में पाकिस्तानी हैकरों ने 4 बार डिफेंस सेक्टर से जुड़ीं वेबसाइट को हैक करने की नाकाम कोशिश की थी। बताया जा रहा है कि साइबर अटैक की यह कोशिश पाकिस्तानी ग्रुप IOK यानी इंटरेनट ऑफ खलीफा की तरफ से की गई थी।

 

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भारत-पाकिस्तान और साइबर जंग

भारत और पाकिस्तान कई सालों से साइबर जंग में लड़ रहे हैं। पाकिस्तानी हैकर भारतीय वेबसाइट्स को हैक करते हैं तो बदले में भारतीय हैकर भी पाकिस्तानी वेबसाइट्स को हैक कर लेते हैं।


2016 में भारतीय हैकरों ने पाकिस्तान सरकार की वेबसाइट हैक कर 'दूध मांगोगे तो खीर देंगे, कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे' लिख दिया था। 


सितंबर 2023 में G20 समिट से पहले पाकिस्तानी हैकरों ने भारत में हजारों बार साइबर अटैक किया था। साइबर सिक्योरिटी कंपनी CloudSEK ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 8-9 सितंबर के बीच पाकिस्तानी हैकरों ने 2,450 साइबर अटैक किए थे। 


15 अगस्त या सीमा पर तनाव होने पर पाकिस्तानी हैकर भारतीय वेबसाइट्स को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं।

 

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कैसे टारगेट करते हैं पाकिस्तानी हैकर?

पाकिस्तान साइबर आर्मी (PCA), APT36, टीम INSANE PK और IOK जैसे ग्रुप भारत के खिलाफ काफी एक्टिव हैं। यह हैकर फिशिंग, मैलवेयर और डिफेसमेंट जैसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि इन हैकर आर्मी की पाकिस्तान की सरकार और ISI भी मदद करती है।


हैकिंग के लिए सबसे आसान तरीका डिफेसमेंट होता है। यह हैकर किसी वेबसाइट को हैक करते हैं और उस पर अपना मैसेज लिख देते हैं। मसलन, पहलगाम अटैक के बाद जयपुर शिक्षा विभाग की वेबसाइट को जैसे हैक कर उस पर मैसेज लिखा गया।


CloudSEK की रिपोर्ट की मानें तो सितंबर 2023 में जब पाकिस्तानी हैकरों ने 2,450 हमले किए तो उनमें से 50% से ज्यादा DDOS अटैक थे। इस तरह के हमले में हैकर्स किसी वेबसाइट या सर्वर पर इतना ज्यादा ट्रैफिक भेजते हैं कि वह क्रैश हो जाए। यह किसी वेबसाइट को ठप करने का सबसे आसान तरीका है। इसके अलावा, यह हैकर्स किसी वेबसाइट को हैक कर उससे संवेदनशील डेटा या जानकारी भी चुराने की कोशिश करते हैं।

 

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भारत में कितने साइबर अटैक?

भारत उन देशों में है, जो सबसे ज्यादा साइबर अटैक झेलते हैं। केंद्र सरकार के इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) पोर्टल के मुताबिक, 2024 में भारत में 20.41 लाख से ज्यादा साइबर हमले हुए थे। 2020 की तुलना में यह लगभग दोगुना था। 2020 में भारत में 11.58 लाख साइबर अटैक हुए थे।


डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा साइबर अटैक इंडोनेशिया के हैकर ग्रुप करते हैं। पिछले साल जितने साइबर अटैक हुए थे, उनमें से 9% पाकिस्तान की हैकर आर्मी ने किए थे।


भारत पर सिर्फ पाकिस्तान ही साइबर अटैक नहीं करता, बल्कि चीन की हैकर आर्मी भी करती है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में भारत में साइबर सिक्योरिटी काफी मजबूत हुई है। ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स 2024 में भारत टियर-1 कैटेगरी में रहा है। साइबर सिक्योरिटी में भारत का स्कोर 100 में से 98.49 था।


मई 2019 में भारत में साइबर हमलों से निपटने के लिए डिफेंस साइबर एजेंसी बनी थी। इस एजेंसी का काम चीन और पाकिस्तान के हैकर्स की ओर से होने वाले साइबर हमले को रोकना है। ये एजेंसी तीनों सेनाओं को मदद करती है।

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