पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान को जंग के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर सिंधु नदी का पानी रोका गया तो पूरी ताकत के साथ उसका जवाब दिया जाएगा। पूर्व विदेश मंत्री तो और भी ज्यादा भड़काऊ बोलते हुए यहां तक कह गए कि सिंधु दरिया में अब या तो पानी बहेगा या उनका खून बहेगा। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी मंत्री हनीफ अब्बासी ने तो परमाणु हमले की धमकी देते हुए कहा कि 130 मिसाइलें सिर्फ भारत के लिए रखी हैं।
दरअसल, पाकिस्तान इसलिए गुस्सा दिखा रहा है, क्योंकि भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। भारत के इस फैसले को पाकिस्तान ने 'ऐक्ट ऑफ वॉर' बताया है। उसका कहना है कि इस तरह के फैसले को जंग के ऐलान के बराबर माना जाएगा।
फरवरी 2019 में हुए पुलवामा अटैक और उसके बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद यह पहली बार है, जब भारत और पाकिस्तान आमने आ गए हैं।
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भारत-पाकिस्तान को जंग से क्या हासिल हुआ?
1947-48 की पहली जंग
- क्या मिला?: अगर भारतीय सेना समय रहते ऐक्शन नहीं ले पाती तो पाकिस्तानी कबायलिये पूरा कश्मीर हड़प सकते थे। भारत ने कार्रवाई करते हुए 1 लाख वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके को वापस ले लिया। वहीं, पाकिस्तान को 78 हजार वर्ग किलोमीटर मिल गया। इस पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।
- क्या खोया?: इस जंग में भारतीय सेना के 11सौ से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तानी सेना के 1,500 सैनिकों को भी भारतीय सेना ने मार दिया था।
1965 की दूसरी जंग
- क्या मिला?: भारतीय सेना ने पाकिस्तान के करीब 2 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया था, जिसमें हाजी पीर पास भी शामिल था। पाकिस्तान ने छाम्ब सेक्टर में 500 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर कब्जा कर लिया था।
- क्या खोया?: भारतीय सेना के 3,264 सैनिक शहीद हो गए थे। पाकिस्तान के भी 3,500 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो गई थी। ताशकंद समझौते के बाद 5 अगस्त 1965 से पहले की स्थिति बहाल हो गई थी। इसलिए भारत और पाकिस्तान, दोनों ने ही कब्जा किए इलाकों को लौटा दिया था।
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1971 की तीसरी जंग
- क्या मिला?: इस जंग में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और एक नया मुल्क बांग्लादेश बना। भारत ने पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) के 15 हजार वर्ग किमी से ज्यादा इलाके पर कब्जा कर लिया था। हालांकि, बाद में शिमला समझौते में इसे लौटा दिया गया। पाकिस्तान को इस जंग से 'टूट' के सिवाय कुछ और नहीं मिला।
- क्या खोया?: इस जंग में भारतीय सेना के 3,843 सैनिक शहीद हो गए थे। पाकिस्तान के करीब 8 हजार सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तान के 93 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारतीय सेना के आगे सरेंडर कर दिया था।
1999 की चौथी जंग
- क्या मिला?: जंग शुरू होने से पहले पाकिस्तान की सेना करगिल में कई किलोमीटर तक अंदर आ गई थी। पाकिस्तानी सेना ने करगिल में कई पोस्ट पर कब्जा कर लिया था। भारत ने इन सबको पाकिस्तान से छीन लिया था। पाकिस्तान को इस जंग में भी कुछ नहीं मिला। हालांकि, उसने इसके जरिए कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश जरूर की।
- क्या खोया?: इस जंग में भारतीय सेना के 522 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान के करीब 700 सैनिक इसमें मारे गए। जंग में भारतीय सेना के दो एयरक्राफ्ट और एक हेलिकॉप्टर भी तबाह हो गया था।
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कितनी महंगी पड़ती है जंग?
जंग काफी महंगी पड़ती हैं। अगर भारत-पाकिस्तान के बीच जंग होती है तो इस पर अरबों डॉलर खर्च हो जाएंगे। 2005 की एक स्टडी के मुताबिक, 1947 की जंग में भारत ने 2 से 4 करोड़ डॉलर खर्च किए थे।
वहीं, 1965 के युद्ध में 20 से 30 करोड़ डॉलर भारत ने खर्च किए थे, जबकि पाकिस्तान के 50 करोड़ डॉलर तक खर्च हुए थे। इसी तरह 1971 के युद्ध में 50 करोड़ डॉलर तक खर्च भारत ने किया था। 1999 की करगिल जंग के दौरान 1.5 अरब डॉलर तक का खर्चा हुआ था। यह जंग ऊंचाई पर लड़ी गई थी, इसलिए भारतीय सेना को और भी नुकसान उठाना पड़ा था।
इसके बाद 2001 के संसद हमले के बाद भारत ने LoC पर सैनिकों की तैनाती कर दी थी। करीब सालभर तक यह तैनाती रही थी। इस पर ही भारत के 2 अरब डॉलर खर्च हो गए थे।
अब अगर इसे आज के समय के हिसाब से देखें तो भारत का रक्षा बजट 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है। अगर आज के वक्त में पाकिस्तान से जंग होती है तो भारत के रक्षा बजट का 20 फीसदी तक इस जंग में खर्च हो सकता है। इस हिसाब से 1 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। हालांकि, अगर जंग लंबी खींचती है तो यह खर्च 3 से 4 लाख करोड़ रुपये तक भी पहुंच सकता है।