पाकिस्तान के उद्योगपति आरिफ हबीब की कंपनी आरिफ हबीब कंसोर्टियम ने पाकिस्तान की सरकारी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉर्पोरेशन (PIACL) की 75 फीसद हिस्सेदारी 4320 करोड़ रुपये में हासिल कर ली है। पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस दशकों से वित्तीय घाटे से जूझ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के दबाव के बाद पाकिस्तान की सरकार ने पीआईए को बेचने का फैसला किया। आइये जानते हैं कि कौन हैं उद्योगपति आरिफ हबीब और उनका भारत के गुजरात से क्या कनेक्शन है?
आरिफ हबीब की गिनती पाकिस्तान के प्रमुख उद्योगपतियों में होती है। वह आरिफ हबीब ग्रुप के फाउंडर और सीईओ हैं। कराची के एक मेमन परिवार में साल 1952 में जन्मे आरिफ हबीब सिर्फ 10वीं तक पढ़े हैं। 1970 में आरिफ ने अपना व्यावसायिक जीवन कराची स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉकब्रोकर के तौर पर शुरू किया और इसके बाद कभी पलटकर नहीं देखा। आरिफ हबीब सेंट्रल डिपॉजिटरी कंपनी ऑफ पाकिस्तान के संस्थापक सदस्य के अलावा पूर्व चेयरमैन भी हैं। वे कराची स्टॉक एक्सचेंज के छह बार चेयरमैन भी रह चुके।
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गुजरात से आरिफ हबीब का क्या कनेक्शन?
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान उद्योगपति आरिफ हबीब का नाता गुजरात से है। 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार गुजरात के जूनागढ़ जिले के बंटवा से पाकिस्तान के कराची चला गया। जूनागढ़ में उनका चाय का व्यवसाय था। मौजूदा समय में आरिफ हबीब का साम्राज्य फाइनेंस सर्विस, उर्वरक, सीमेंट, इस्पात, रियल एस्टेट और ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में फैला है। उनकी कंपनियों में फातिमा फर्टिलाइजर, आयशा स्टील मिल्स, जावेदन कॉर्पोरेशन शामिल हैं। इसके अलावा वह आरिफ हबीब फाउंडेशन से चलाते हैं। इनके माध्यम से सामाजिक कार्य करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 500 मिलियन डॉलर है।
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आरिफ ने कैसे जीती PIA की बोली?
सबसे शुरुआत में एयरब्लू और लकी सीमेंट ने 100 बिलियन रुपये की बोली लगाई। एयरब्लू पहले दौर के बाद नीलामी से बाहर हो गई। इसके बाद लकी सीमेंट ने 101.5 बिलियन रुपये की बोली लगाकर सबको चौंका दिया। बाद में आरिफ हबीब कंसोर्टियम ने 115 बिलियन रुपये की पेशकश की। इसके बाद दो बड़े बोली लगाने वालों को 30 मिनट का समय दिया गया, ताकि वह सलाह कर सकें।
दूसरे दौर की बोली की शुरुआत 115 बिलियन रुपये से हुई। लकी सीमेंट और आरिफ हबीब ग्रुप के बीच कांटे की टक्टर चली। लकी सीमेंट ने 134 बिलियन रुपये की बोली लगाई। जवाब में आरिफ हबीब ने 135 बिलियन रुपये का प्रस्ताव रखा। इसके बाद लकी सीमेंट ने अपने कदम पीछे खींच लिए। इस तरह पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन आरिफ हबीब ग्रुप का हिस्सा बन गई।
