बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। पिछले साल के 'जुलाई विद्रोह' के बड़े नेता शरीफ उस्मान हादी के बाद राजधानी ढाका समेत कई हिस्सों में हिंसा भड़की है। भीड़ ने कई इमारतों को फूंक दिया है। जगह-जगह तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
गुरुवार रात को मोहम्मद यूनुस ने जैसे ही हादी की मौत का एलान किया, वैसे ही सड़कों पर लोग उतर आए। रात को ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और अखबारों के दफ्तरों पर हमला किया और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर 32 धनमंडी में तोड़फोड़ की।
प्रदर्शनकारियों ने चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर भी रात 1:30 बजे ईंटें और पत्थर फेंके लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर-बितर किया और 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
शुक्रवार सुबह तो हिंसा की कोई खबर नहीं आई लेकिन गुरुवार रात को कई हिस्सों से हमले और तोड़फोड़ की खबरें सामने आईं।
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बांग्लादेश में क्या-क्या हुआ?
मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार रात को टीवी संबोधन में उस्मान हादी की मौत के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि उस्मान हादी के हत्यारों को पकड़ा जाएगा और सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने शाहबाग चौराहे के पास कारवां बाजार में स्थित बांग्ला अखबार 'प्रोथोम आलो' और 'डेली स्टार' के ऑफिस पर हमला किया।
एक चश्मदीद ने बताया, 'सैकड़ों प्रदर्शनकारी रात करीब 11 बजे प्रोथोम आलो के ऑफिस पहुंचे और बिल्डिंग को घेर लिया।' उन्होंने आगे बताया कि प्रोथोम आलो की बिल्डिंग में तोड़फोड़ के बाद प्रदर्शनकारियों ने डेली स्टार के ऑफिस में भी आग लगा दी।
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कौन थे उस्मान हादी?
अब बांग्लादेश में जो पूरी हिंसा हो रही है, उसकी वजह शरीफ उस्मान हादी की हत्या है। उस्मान हादी 'जुलाई विद्रोह' के बड़े नेता थे। साथ ही वह इंकलाब मंच के प्रवक्ता भी थे।
इंकलाब मंच पिछले साल तब चर्चा में आया था, जब तत्कालीन शेख हसीना की सरकार के खिलाफ विद्रोह में इसने हिस्सा लिया। इसे कट्टरपंथी संगठन माना जाता है।
उस्मान हादी को भारत विरोधी माना जाता है। उसने कथित तौर पर ग्रेटर बांग्लादेश का मैप भी जारी किया था, जिसमें भारतीय क्षेत्र को बांग्लादेश का हिस्सा बताया था।
बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को चुनाव होने हैं। इस चुनाव में भी उस्मान हादी लड़ने वाले थे। माना जा रहा था कि हादी ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ने वाले थे।
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12 दिसंबर को मारी गई थी गोली
उस्मान हादी पिछले हफ्ते सेंट्रल ढाका के बिजोयनगर इलाके में अपना चुनावी अभियान शुरू किया तब नकाबपोश बंदूकधारियों ने उनके सिर में गोली मार दी थी। गोली लगने के बाद उनकी हालत गंभीर थी, इसलिए बाद में उन्हें एयर एंबुलेंस से सिंगापुर भेजा गया था, जहां गुरुवार रात को उनकी मौत हो गई।
हादी के समर्थकों का दावा है कि उनकी हत्या के बाद हमलावर भारत भाग आए हैं। नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेता सरजिस आलम ने कहा, 'जब तक भारत हादी भाई के हत्यारों को वापस लौटाता, तब तक बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग बंद रहेगा। अभी या कभी नहीं। हम युद्ध में हैं।'
बताया जा रहा है कि हादी की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी का नाम फैसल करीम मसूद है। पुलिस ने मसूद के माता-पिता, पत्नी और एक महिला दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है।
