तोड़फोड़, आगजनी... एक हत्या से कैसे जल उठा बांग्लादेश? समझिए पूरी कहानी
बांग्लादेश में देर रात हिंसा भड़क उठी। शरीफ उस्मान हादी की हत्या की घोषणा के बाद हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और कई जगहों पर हिंसा और तोड़फोड़ की।

बांग्लादेशी अखबार के दफ्तर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। (Photo Credit: PTI)
बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में जल उठा है। इस बार हिंसा की वजह 'जुलाई विद्रोह' के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत है। उस्मान हादी को एक चुनावी रैली में गोली मार दी गई थी। उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया था, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद गुरुवार को बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए। हाजी के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में कई इमारतों में आग लगा दी है।
गुरुवार रात को जैसे ही सरकार ने हादी की मौत की घोषणा की, वैसे ही लोग सड़कों पर उतर आए। इसके बाद टीवी संबोधन में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शांति बनाए रखने की अपील की। यूनुस ने कहा, 'आज मैं आपके सामने बहुद दुखद खबर लेकर आया हूं। जुलाई विद्रोह के निडर फ्रंटलाइन फाइटर और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी अब हमारे बीच नहीं रहे।'
उन्होंने कहा कि हादी की हत्या में शामिल लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा और कहा कि हत्यारों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
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बांग्लादेश में क्या हुआ?
पिछले साल शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बड़ा विद्रोह हुआ था। इसे 'जुलाई विद्रोह' नाम दिया गया था। शरीफ उस्मान हादी इसी 'जुलाई विद्रोह' के नेता थे।
बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को संसदीय चुनाव भी होने हैं। इस चुनाव में उस्मान हादी भी लड़ने वाले थे। पिछले हफ्ते जब उन्होंने सेंट्रल ढाका के बिजोयनगर इलाके में अपना चुनावी अभियान शुरू किया तब नकाबपोश बंदूकधारियों ने उनके सिर में गोली मार दी थी।
यूनुस सरकार ने बेहतर इलाज के लिए हादी को एयर एंबुलेंस से सिंगापुर भेजा था। 6 दिन तक जंग लड़ने के बाद सिंगापुर के अस्पताल में गुरुवार रात हादी की मौत हो गई।
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... और जल उठा बांग्लादेश
हादी की मौत की घोषणा होने के बाद ही बांग्लादेश हिंसा की आग में जल उठा। ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस के पास शाहबाग चौराहे पर सैकड़ों छात्र और लोग जमा हो गए और 'तुम कौन हो, मैं कौन हूं- हादी, हादी' जैसे नारे लगाए।
'जातीय छात्र शक्ति' नाम के एक छात्र संगठन ने ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस में एक शोक जुलूस निकाला और प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शाहबाग तक मार्च किया।
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इस जुलूस में नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) भी शामिल हुई। इस दौरान भारत विरोधी नारे भी लगाए गए। NCP नेताओं ने आरोप लगाया कि हादी के हत्यारे भारत भाग गए हैं। उन्होंने अंतरिम सरकार से मांग की कि जब तक उन्हें वापस नहीं लौटाया जाता, तब तक भारतीय उच्चायोग को बंद कर दिया जाए।
NCP नेता सरजिस आलम ने कहा, 'जब तक भारत हादी भाई के हत्यारों को वापस लौटाता, तब तक बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग बंद रहेगा। अभी या कभी नहीं। हम युद्ध में हैं।'
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तोड़फोड़ और कई इमारतों में आग
इसके बाद प्रदर्शनकारी हिंसा पर उथर आए। उन्होंने शाहबाग चौराहे के पास कारवां बाजार में स्थित बांग्ला अखबार 'प्रोथोम आलो' और 'डेली स्टार' के ऑफिस पर हमला किया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कई मंजिलों में तोड़फोड़ की, जबकि अखबार के पत्रकार और कर्मचारी अंदर फंसे हुए हुए थे और भीड़ ने बिल्डिंग के सामने आग लगा दी।
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एक चश्मदीद ने बताया, 'सैकड़ों प्रदर्शनकारी रात करीब 11 बजे प्रोथोम आलो के ऑफिस पहुंचे और बिल्डिंग को घेर लिया।' उन्होंने आगे बताया कि प्रोथोम आलो की बिल्डिंग में तोड़फोड़ के बाद प्रदर्शनकारियों ने डेली स्टार के ऑफिस में भी आग लगा दी।
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माना जाता है कि ये दोनों ही अखबार यूनुस सरकार का समर्थन करते हैं। हालांकि, इन पर हमला क्यों किया गया, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में दिख रहा है कि कुछ प्रदर्शनकारी 32 धनमंडी की ओर भी बढ़ रहे हैं, जो बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान का घर है। यह घर स्मारक था, जिसमें पिछले साल 5 अगस्त को आग लगा दी गई थी।
प्रदर्शनकारियों ने पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी के घर में भी आग लगा दी। देश के कई हिस्सों से भी ऐसी ही हिंसा और हमलों की खबरें सामने आईं हैं।
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मोहम्मद यूनुस ने क्या कहा?
हादी की हत्या की घोषणा मोहम्मद युनूस ने ही की। देर रात टीवी संबोधन में यूनुस ने हादी को 'फासीवादी आतंकवादियों का दुश्मन' बताया। उनका इशारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की ओर था।
उन्होंने आगे कहा, 'क्रांतिकारियों को डराने की उनकी बुरी कोशिशों को पूरी तरह नाकाम कर दिया जाएगा।' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हादी की पत्नी और इकलौते बच्चे की जिम्मेदारी लेगी।
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उन्होंने शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक का एलान भी किया। उन्होंने कहा, 'कोई भी धमकी, आतंकवादी गतिविधि या खून-खराबे से इस देश की लोकतांत्रिक प्रगति को नहीं रोक सकता।' उन्होंने कहा कि हादी के सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी पूरे देश के कंधों पर है।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी ने भी हादी की मौत पर शोक व्यक्त किया। वहीं, इंकलाब मंच के नेता मोहम्मद अब्दुल अहद ने बताया कि हादी का शव शुक्रवार को उनके घर लाया जाएगा।
इससे पहले गृह सलाहकार ने हादी के हत्यारों की गिरफ्तारी की जानकारी देने वाले को 50 लाख टका का इनाम देने की घोषणा की थी। पुलिस ने मुख्य संदिग्ध फैसल करीम मसूद के माता-पिता, पत्नी और एक महिला दोस्त को गिरफ्तार किया है।
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