हांगकांग में एक आवासीय परिसर में एक साथ कई इमारतों में आग लगने से 128 लोगों की जान गई है। 200 से अधिक लोग लापता हैं। मृतकों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने आठ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। आग की चपेट में आई ये इमारतें हांगकांग के ताई पो इलाके में स्थित हैं। अधिकारियों के मुताबिक इमारतों में आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों को बाहर निकालने का मौका तक नहीं मिला।
हांगकांग में प्रशासन से लेकर आम लोगों तक में इस बात की हैरान है कि एक साथ आठ इमारतों में आग कैसे फैली? अभी तक इसके पीछे की वजह सामने नहीं आई है। मगर दमकल विभाग के निदेशक एंडी येउंग का कहना है कि घटना वाले दिन इमारत में लगे फायर अलार्म काम नहीं कर रहे थे। आइये जानते हैं कि बड़ी इमारतों पर लगने वाली आग क्यों खतरनाक होती है?
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बड़ी इमारतों में आग लगने से क्या खतरा?
- ऊंची बिल्डिंग में आग तेजी से फैलती।
- इमारत से निकलना आसान नहीं
- नीचे से ऊपर मदद पहुंचाना कठिन।
- धुएं में सांस लेना मुश्किल, दम घुटने का खतरा।
- सीढ़ियों में भीड़ होने से हादसे का खतरा।
कैसे ऊंची इमारतों में लगी आग तबाही ला सकती?
- हाई राइज इमारतों पर आग तेजी से भड़कती है। हवा चलने पर जमीन पर लगी आग की तुलना में ऊंची इमारत में लगी आग अधिक भीषण हो जाती है। पूरी बिल्डिंग कुछ ही समय में भट्ठी बन सकती है। अलग-अलग अपार्टमेंट में बंटी होने के कारण इमारत के अंदर धुआं फंस जाता है। नतीजा राहत एवं बचाव कार्य में देरी के अलावा दम घुटने से अधिक मौतें होती हैं।
- आग की स्थिति में लिफ्ट का इस्तेमाल खतरनाक माना जाता है। ऐसे में सिर्फ सीढ़ी का ही सहारा होता है। अधिकांश मामलों में एक इमारत में एक सीढ़ी की व्यवस्था होती है। अब आग लगने की स्थिति में इन सीढ़ियों पर दबाव बढ़ जाता है। कई बार देखा गया है कि लोग एक-दूसरे के ऊपर से निकलने लगते हैं। अगर पूरी इमारत में धुआं फैल गया तो सीढ़ियां तक पहुंचाना और धुएं के बीच नीचे उतरना भी जानलेवा हो जाता है।
- हांगकांग की इन आठ टावरों में 4000 से ज्यादा लोग रहते हैं। ज्यादातर निवासी बुजुर्ग हैं। आग लगने पर आनन-फानन इमारत से निकालना बुजुर्गों के लिए आसान नहीं है। धुएं और आग की लपटों से इमारत का तापमान भी काफी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में इमारत से बाहर निकलने से पहले ही लोग दम तोड़ देते हैं। हांगकांग के मौजूदा अग्निकांड में इमारत के अंदर का तापमान लगभग 500 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। इस भीषण तापमान में लोगों का सर्वाइव करना मुमकिन नहीं है।
- अगर किसी इमारत के ऊपरी मंजिल में आग लगी तो एक ही सीढ़ी से लोगों को बाहर निकालना भी होता है और उसी सीढ़ी से राहत एवं बचाव कार्य भी करना होता है। इस स्थिति में सीढ़ियां जाम हो जाती हैं। धुआं और आग होने पर सीढ़ियां भी उपयोगी नहीं होती है।
- कई बार बिल्डर मानकों की अनदेखी करते हैं। उनकी इस अनदेखी का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। हांगकांग के मामले में भी यही आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त फायर अलार्म ठीक नहीं थे। इसका मतलब यह है कि इमारत में बहुत से लोगों को आग लगने की घटना के बारे में तब पता चला होगा जब वह सभी वहां फंस चुके थे।
- कई बार देखा गया कि जिन शहरों में ऊंची-ऊंची इमारतें हैं, वहां के दमकल विभाग के पास उन संसाधनों की कमी होती है, जिनकी मदद से बड़ी इमारतों में आग बुझाई जाती है।
बड़ी इमारतों में आग लगने पर ऊंचे हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है। अगर दमकल विभाग के पास आग बुझाने के साधन ही नहीं है तो हाई राइज बिल्डिंग में लगी आग बेहद भयानक हो सकती है।
- बड़ी इमारतें बाहर से जितनी खूबसूरत होती हैं। अंदर से उतनी ही खोखली होती हैं। मानकों की अनदेखी आम बात है। मगर बिल्डिंग प्रबंधन की एक गलती सैकड़ों लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। कई बार देखा गया कि आग बुझाने के लिए पर्याप्त पानी का भंडार ही नहीं मिला। दमकल विभाग को दूर से पानी लाना पड़ा। ऐसी स्थिति में एक-एक सेकंड का समय बेहद अहम होता है।
ऊंची इमारतों में क्या-क्या होना जरूरी?
- ऊंची इमारतों में अगर बिल्डिंग के निर्माण की शुरुआत से आग से बचाव के मानकों का ध्यान नहीं दिया गया तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। इमारत में अग्निरोधी सामग्री का इस्तेमाल होना जरूरी है। फर्श, खिड़कियां और दरवाजे अग्निरोधी हो, ताकि आग लगने की स्थिति में यह उन्हें झेल सके। पूरी इमारत में बेहतरीन दमकल सिस्टम होना चाहिए। एक बेहतरीन फायर अलार्म सिस्टम, ताकि आग लगने पर सभी लोगों को अलर्ट किया जा सके।
- इमारत में स्प्रिंकलर की व्यवस्था। यह इमारत में धुआं या गर्मी पैदा होने पर स्वत: ही पानी की बारिश करता है। स्प्रिंकलर की मदद से आग के फैलाव को रोकने में मदद मिलती है। पूरी इमारत में अग्निशामक यंत्र और पाइप लाइन जरूरी। इसकी मदद से पानी ऊपर तक पहुंचाना आसान होता है और रील पाइप की मदद से इमारत के अंदर आग बुझाने में मदद मिलती है।
- इमारत की सीढ़ियां चौड़ी और इस डिजाइन में होनी चाहिए कि वहां धुआं न रुके। इमारत में पानी की पर्याप्त व्यवस्था का होना बेहद अहम है। अगर पानी नहीं है तो सारी व्यवस्था धरी की धरी रह जाएगी। दमकल की खातिर अलग अग्निरोधी लिफ्ट।
आग से बचाव के उपाय क्या है?
दिल्ली अग्निशमन सेवा विभाग ऊंची इमारतों में आग से बचाव के कई उपायों की सलाह देता है। विभाग के मुताबिक ऊंची इमारतों में आग लगने का खतरा हमेशा होता है। अगर पर्याप्त एहतियाती उपाय नहीं किए गए तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। ऊंची इमारतों में इन सावधानियों पर जरूर ध्यान दें।
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- अच्छी हाउसकीपिंग सुनिश्चित करें।
- धूम्रपान करते समय हमेशा ऐशट्रे का उपयोग करें।
- सभी अपशिष्ट पात्र नियमित अंतराल पर खाली करें।
- विद्युत उपकरणों की तुरंत मरम्मत/प्रतिस्थापन किया जाना चाहिए।
- स्विच और फ्यूज सर्किट की सही रेटिंग के अनुरूप होने चाहिए।
- वेल्डिंग/कटिंग का कार्य सख्त निगरानी में किया जाना चाहिए।
- धुआं/अग्नि जांच दरवाजे बंद रखें।
- भागने के रास्ते में कोई अवरोध नहीं होना चाहिए।
- आग से बचाव की ट्रेनिंग समय-समय पर दी जानी चाहिए।
कैसे आठ टावरों तक फैली आग?
हांगकांग में वांग फुक कोर्ट के आठ टावरों में फैली आग के पीछे शुरुआती तौर पर बांस के मचान और हरी जाली को जिम्मेदार माना जा रहा है। दरअसल, वांग फुक कोर्ट के आठ टावरों के ब्लॉक 6 स्थित वांग चियोंग हाउस से आग लगी। यहां रेनोवेशन का काम चल रहा था। इसी वजह से सभी आठ टावरों की हरे रंग की सुरक्षा जाली से ढका गया था। आग ने हरे रंग की जाली को अपने चपेट में लिया। इससे आग अन्य इमारतों तक फैल गई। खिड़कियों के आसपास पॉलीस्टाइनिन बोर्ड का इस्तेमाल किया गया था। पॉलीस्टाइनिन में आग लगने के कारण इमारत की खिड़कियां टूट गई इससे आग अंदरूनी हिस्से में फैल गई।
