अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाल ही में अलास्का में बैठक हुई। ट्रंप ने गर्मजोशी के साथ पुतिन का रेड कार्पेट स्वागत किया। पुतिन से मुलाकात के कुछ दिन बाद ही यानी 18 अगस्त को यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं ने वाशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात की। मगर इस मीटिंग में पुतिन वाली गर्मजोशी नहीं दिखी। लंदन के किंग्स कॉलेज और एक्सेटर विश्वविद्यालय में विजिंग प्रोफेसर व रक्षा विश्लेषक माइकल क्लार्क ट्रंप पर पुतिन के हावी होने के पीछे की कई वजह बताते हैं।

 

पहले कारण के तौर पर माइकल ने कई सेवानिवृत्त खुफिया अधिकारियों के हवाले से बताया कि पुतिन के पास डोनाल्ड ट्रंप के मॉस्को के होटल में कई महिलाओं के साथ आपत्तिजनक सामग्री है। कुछ लोगों का मानना है कि इस वजह से पुतिन हमेशा ट्रंप पर हावी रहते हैं। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप रूस के पास निजी जिंदगी से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री के दावे को 2017 में खारिज कर चुके हैं। मगर अमेरिका की खुफिया एजेंसी इस मामले की जांच कर चुकी है और काफी हद तक दावे को विश्वसनीय मानती है।

 

यह भी पढ़ें: क्या जेल से बाहर आएंगे इमरान खान? सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

तो मॉस्को के होटल में बना ट्रंप का वीडियो

2017 में बीबीसी के पॉल वुड ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें उन्होंने बताया कि सीआईए का मानना ​​है कि क्रेमलिन के पास डोनाल्ड ट्रंप के बारे में ऐसी समझौता सामग्री है। डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े रूसी ब्लैकमेल टेप के बारे में सबसे पहले दावा एक पूर्व ब्रिटिश खुफिया एजेंट क्रिस्टोफर स्टील ने किया था। एमआई-6 के सदस्य को मॉस्को स्थित ब्रिटिश दूतावास में तैनात किया गया था। केजीबी के एक उत्तराधिकारी और रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी के कई पुराने संपर्कों ने स्टील को बताया था कि मॉस्को के रिट्ज-कार्लटन होटल के प्रेसिडेंशियल सुइट में डोनाल्ड ट्रंप का एक वीडियो वेश्याओं के ग्रुप के साथ बनाया गया था। 

अलग-अलग जगह पर बने वीडियो: सीआईए

2017 के अगस्त महीने में ही एक अन्य जासूस ने बीबीसी के पॉल वुड को ट्रंप से जुड़े ब्लैकमेल टेप की जानकारी दी। जासूस का कहना था कि उसे एक पूर्वी यूरोपीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने यह बात बताई थी। बाद में पॉल वुड ने इस केस की फाइल उन सीआईए अधिकारियों को भेजी, जो इस केस की जांच में जुटे थे। जवाब में सीआईए अधिकारियों ने माना कि अलग-अलग जगहों पर और अलग-अलग तारीखों पर मॉस्को के होटल रिट्ज-कार्लटन और पीटर्सबर्ग के ऑडियो व वीडियो मौजूद हैं। यह सामग्री यौन प्रकृति की थी। सीआईए ने ट्रंप पर रूसी समझौते के दावे को विश्वसनीय माना।

2013 में मॉस्को गए थे ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप नवंबर 2013 में मॉस्को की यात्रा पर गए थे। मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इसका वीडियो भी मौजूद है। माना जाता है कि उसी दिन ही उनका मुख्य वीडियो बनाया गया था। 

पुतिन से क्यों भतभीत हैं ट्रंप?

दूसरे कारण पर माइकल क्लार्क का कहना है कि ट्रंप पुतिन की परमाणु हथियार से जुड़ी धमकियों से बहुत प्रभावित थे। उनकी चालकी से भी डरते हैं। क्लार्क के मुताबिक ट्रंप को यह साफ पता है कि अगर पुतिन पर बहुत ज्यादा दबाव डाला जाएगा तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। ट्रंप कभी भी पुतिन की इस धमकी से उबर नहीं सके। ट्रंप बौद्धिक तौर पर पुतिन से इसलिए भयभीत हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

 

यह भी पढ़ें: 'चीन का सामना करना है तो भारत जरूरी', निक्की हेली ने ट्रंप को चेताया

पुतिन क्यों चाहते हैं डोनबास?

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध रोकने के बदले यूक्रेन का डोनबास क्षेत्र मांगा है। माइकल क्लार्क इसके पीछे की वजह के बारे में बताते हैं कि पुतिन को अपने नागरिकों से यह कहने का मौका मिलेगा का युद्ध के बदले हमने यह हासिल किया है। इसके अलावा यूक्रेन का अहम विनिर्माण सेक्टर डोनबास में है। यह इलाका सोवियत संघ का भी हिस्सा रहा है। खनिज से संपन्न इस औद्योगिक क्षेत्र में 10 लाख लोग रहते हैं। आर्थिक लिहाज से भी पुतिन की डोनबास पर नजर है। यूक्रेन में उत्तर से दक्षिण डोनबास तक शहरों की एक पट्टी है। यह इलाका यूक्रेन को किलेनुमा सुरक्षा प्रदान करता है। अगर डोनबास रूस के हाथ लगा तो अगली लड़ाई में रूसी सेना के लिए हमला करना आसान होगा।