मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के पद से इस्तीफा नहीं देंगे। शनिवार को सलाहकार परिषद की बैठक के बाद यह एलान किया गया। दो दिन पहले ही यूनुस के एक सहयोगी ने कहा था कि वे इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। ऐसी अटकलें थीं कि बांग्लादेश की सेना यूनुस पर पद छोड़ने का दबाव बना रही है। सलाहकार परिषद की बैठक के बाद यूनुस के योजना सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने मीडिया को बताया कि यूनुस ने यह नहीं कहा है कि वे पद छोड़ेंगे। मुख्य सलाहकार ने कहा है कि हमें जिन कामों और जिम्मेदारियों को सौंपा गया है, उन्हें पूरा करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हम इन बाधाओं को खत्म करेंगे।
वहीदुद्दीन महमूद ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि मोहम्मद यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे। कोई भी सलाहकार कहीं नहीं जा रहा है। हमें सौंपी गईं जिम्मेदारियां अहम हैं, हम अपने कर्तव्यों को नहीं छोड़ सकते। दो दिन पहले ही नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेताओं से कहा था कि यूनुस इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। इसके पीछे की वजह यह कि मौजूदा परिस्थितियों में वे काम नहीं कर सकते। गुरुवार को मोहम्मद यूनुस ने कैबिनेट बैठक में भी इस्तीफा देने की बात की थी, लेकिन सहयोगियों ने उन्हें ऐसा न करने को कहा।
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अचानक बुलाई बैठक
ढाका के शेर-ए-बांग्ला नगर में स्थित राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (ECNEC) की कार्यकारी समिति की तय बैठक के बाद मोहम्मद यूनुस ने अचानक बंद कमरे में 19 सलाहकारों की बैठक बुलाई थी। सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने बताया कि बैठक में चुनाव, यूनुस के सुधार एजेंडे और जुलाई की लंबित घोषणा पर चर्चा हुई। बैठक के बाद मोहम्मद यूनुस एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम के साथ बाहर निकले।
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यूनुस ने चली दबाव बनाने की चाल
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूनुस ने इस्तीफे वाला दांव जनता से समर्थन जुटाने और सेना पर दबाव बनाने के उद्देश्य से चला है, क्योंकि उनके और सेना प्रमुख के बीच बन नहीं रही है। सेना प्रमुख लगातार यूनुस पर चुनाव कराने का दबाव बना रहे हैं। यह भी बात सामने आ रही है कि यूनुस पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
चुनाव का दबाव बना रही सेना
बांग्लादेश की सेना और अंतरिम सरकार के बीच संसदीय चुनाव कराने की समयसीमा और देश की सुरक्षा से जुड़े नीतिगत मामलों में मतभेद है। तीन दिन पहले ही सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने नौसेना और वायु सेना अध्यक्ष के साथ यूनुस से मुलाकात की थी। बैठक में उन्होंने इस साल दिसंबर तक चुनाव कराने की अपनी मांग दोहराई। यूनुस म्यांमार के रखाइन प्रांत तक एक गलियारा बनाना चाहते हैं। मगर सेना प्रमुख इसके खिलाफ हैं। इसी बीच यूनुस ने इस्तीफे वाला दांव चला। सेना को आशंका थी कि कोई हिंसा भड़क सकती है। तभी उसने उग्र भीड़ से सख्ती से निपटने और सैनिकों को गश्त व चौकसी बढ़ाने का आदेश दिया।