आपने कई लोगों को देखा होगा कि जिन्हें अक्सर खुजली, जलन और रैशेज की समस्या रहती हैं। यह समस्या दिखने में आम लगती है लेकिन सही इलाज न होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। यह एक त्वचा संबंधी बीमारी है। मेडिकल भाषा में इसे एक्जिमा कहते हैं। एक्जिमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा पर खुजली, ड्राइनेस और सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा त्वचा लाल पड़ जाती है और छोटे- छोटे दाने या पपड़ी बन जाती है।

 

इंटरनेशनल एक्जिमा काउंसिल (IEC) के मुताबिक यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इस बीमारी से 108 मिलियन महिलाएं और 96 मिलियन पुरुष पीड़ित है। कुछ दिनों पहले अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने खुलासा किया कि वह एक्जिमा से पीड़ित है। भूमि पेडनेकर ने बताया, जब मैं ट्रेवल करती हूं या मेरा खान-पान ठीक नहीं होता होता या मैं बहुत तनाव में रहती हूं तो एक्जिमा बहुत बढ़ जाता है। इस वजह से बहुत ज्यादा दर्द होता है। मैं जल्द ही इस बारे में बात करूंगी।

 

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कितने प्रकार का होता है एक्जिमा?

एटोपिक एक्जिमा- यह एक कॉमन स्किन कंडीशन है जिसमें त्वचा खुजली, रूखी और फटी हुई नजर आती है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इसे पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते हैं लेकिन इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं।

 

वैरिकोड एक्जिमा- यह एक्जिमा मुख्यरूप से पैरों के निचले हिस्से में होता है और यह कंडीशन त्वचा में लंबे समय तक बनी रहती है। इस दौरान त्वचा में रूखापन आ जाता, पपड़ी बन जाती है साथ ही सूजन की भी समस्या होती है।

 

डिस्कॉइज एक्जिमा- इस दौरान त्वचा में रूखापन आ जाता है। खुजली और सूजन की समस्या होती है।

 

कॉन्टैक्ट एक्जिमा- यह किसी चीज के संपर्क में आने से होता है। इस दौरान त्वचा में खुजली होती है, त्वचा रूखी हो जाती है। इसके अलावा त्वचा में छाले और दरारें पड़ जाती हैं।

एक्जिमा के लक्षण

  • तेज खुजली होना
  • त्वचा में लाल चकत्ते होना।
  • ड्राई स्किन
  • त्वचा चमड़े जैसी मोटी होना।
  • त्वचा में दाने निकलना।
  • त्वचा में पपड़ी बनना।

 

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इलाज

 

एक्जिमा का कोई इलाज नहीं है। आप इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। इस बीमारी में त्वचा विशेषज्ञ मॉश्चाइजिंग क्रीम और दवाएं देते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • बिना खूशबू वाला मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
  • केमिकल वाले साबुन और डिटर्जेंट से बचें।
  • ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचें।
  • सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें।
  • मेडिटेशन से तनाव करें।
  • बहुत अधिक गर्मी से बचें।