दीपावली के बाद दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खराब से गंभीर स्थिति की ओर बढ़ रहा है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CBCB) के आंकड़े डरावने हैं। औसतन AQI 396 पर है। ये आंकड़े और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और चंडीगढ़ जैसे शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर सेहत के नुकसान देह है। महानगरों में फिटनेस को लेकर लोग जागरूक होते हैं। सुबह-शाम की दौड़ ज्यादातर लोगों की आदत में शुमार है। ऐसे में क्या खराब AQI के बीच सड़क पर उतरना सेहत बिगाड़ना है या बनाना, जब ये सवाल आयशा हेल्थ केयर के इमजेंसी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) डॉ. शाहिद अख्तर से किया गया, तो उन्होंने कहा कि इसका उत्तर देना, इतना आसान नहीं है।
डॉ. शाहिद बताते हैं कि जो सांस हम लेते हैं, उसमें घुला प्रदूषण, आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। कई मामलों में हवाओं में घुला प्रदूषण जानलेवा, साबित होता है। महानगरों में धूल-गर्दे के साथ-साथ दीपावली के बाद पटाखों का भी प्रदूषण, हवा के स्तर को खराब कर रहा है।
खराब AQI है जानलेवा
डॉ. शाहिद बताते हैं कि पीएम2.5 से ज्यादा के पॉल्युटेंट, आपके फेफड़ों के लिए खतरनाक हैं। अगर आपके फेफड़े पहले से आंशिक तौर पर डैमेज हों तो आपकी जान भी जा सकती है। लगातार ऐसे माहौल में रहने की वजह से फेफड़े फेल हो सकते हैं।
अस्थमा पेशेंट कसरत के लिए न निकलें
जिन लोगों को अस्थमा की शिकायत है, उन्हें कुछ दिनों तक बाहर जॉगिंग या रनिंग के लिए नहीं जाना चाहिए। इससे अस्थमा के अटैक की आशंका बढ़ सकती है। अस्था के पेशेंट, चाहे बच्चे-बूढ़े हों या जवान, किसी के लिए भी ठीक नहीं है। कॉर्डियोवैस्कुलर रोगों के मामले में भी खराब AQI की वजह से बढ़ सकते हैं।
वायु प्रदूषण की वजह से हो सकता है कैंसर
डॉ. शाहिद बताते हैं कि अगर लगातार प्रदूषण का स्तर खराब स्तर में रहता है तो इससे लंग कैंसर भी हो सकता है। प्रदूषण फेफड़ों को धीरे-धीरे डैमेज करता है। शरीर में संक्रमण का स्तर भी इसकी वजह से खराब हो सकता है।
अगर COPD है तो बिलकुल न निकलें बाहर
डॉ. शाहिद बताते हैं कि छोटे बच्चों के फेफड़े वायु प्रदूषण की स्थिति में धीमी गति से प्रभावित होते हैं, जिनका असर बाद में नजर आता है। अगर क्रोनिक ऑब्रस्ट्रक्टिव पल्मॉनरी डिजीज (COPD) है तो हो सकता हो कि ऐसे मौसम में आपको अस्पताल में भर्ती तक होना पड़े। अगर आप इन गंभीर रोगों से प्रभावित हैं तो बेहतर होगा कि आप बाहर न निकलें। अगर बाहर निकलें तो कम से कम N.95 मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
हवा के खराब होने के आंकड़े जान लीजिए
डॉ. शाहिद बताते हैं कि अब तक के स्वास्थ्य मानक कहते हैं कि अगर AQI 0 से 50 के बीच है तो हवा ठीक है। 51 से 100 तक है तो संतोषजनक है। 101 से 200 है तो औसत, 201 से 300 तक है तो खराब, 301 से 400 तक है तो बहुत खराब और 401 से 450 के बीच में है तो गंभीर है। 450 से ऊपर AQI है तो बेहद गंभीर स्थिति में है। डॉ. शाहिद का कहना है कि अगर अभी दिल्ली की हवा गंभीर स्थिति में पहुंच गई है।

खराब AQI है तो विकल्प में क्या करें?
डॉ. शाहिद बताते हैं कि अगर आप लगातार जॉगिंग पर निकलते हैं, काफी देर तक आप बाहर रह रहे हैं तो फेफड़ों में सूजन हो सकता है। कफ, सांस और घबराहट से भी आप परेशान हो सकते हैं। कसरत करते वक्त आप ज्यादा सांस लेते हैं, फेफड़ों को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत पड़ती है। प्रदूषक, आपके शरीर को ज्यादा प्रभावित करते हैं। अगर सेहत के लिए ही, कुछ दिन आप प्रदूषण भरे माहौल से दूर रहकर घर में साफ हवा लेते हैं, तो बाहर की तुलना में ज्यादा बेहतर सेहत आप घर में बना रहे हैं। अस्थमा और एलर्जी के पेशेंट हैं, खराब AQI में बाहर भी निकल रहे हैं तो आपकी सेहत खराब होनी तय है और अस्पताल में भर्ती भी होने की भी नौबत आ सकती है।
क्या दिल्ली का मौसम प्रदूषण कम कर पाएगा?
दिल्ली मौसम विभाग (IMD) की प्रवक्ता डॉ. सोमा सेन रॉय ने कहा है कि दिल्ली के मौसम में अगले 7 दिन तक कोई बदलाव नहीं देखने को मिलेगा। दिल्ली का मौस्क सुष्क बना रहेगा। 2 से 3 दिन बाद मौसम के तापमान में गिरवाट नजर आएगी। दिल्ली में बारिश नहीं होने वाली है। ऐसे में दिल्ली में जो प्रदूषण का स्तर है, वही बना रहेगा। CPCB का भी कहना है कि दिल्ली में अभी ऐसी ही हवा बनी रहेगी। दिल्ली सरकार टैंकरों से पानी का छिड़काव करा रही है, ग्रैप के प्लान लागू हैं लेकिन अभी तक बड़ी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।