आज के समय में ज्यादातर बीमारियों का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल है। अनियमित रूप से खानपान और पर्याप्त रूप से नींद नहीं लेने के कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं। पहले के समय में लोग हेल्दी चीजों का सेवन करते थे और फिजिक्ल एक्टिविटी करते थे लेकिन आज हम सेडेंटरी लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। एक ही जगह पर घंटों बैठकर काम करते हैं। लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। इन सभी चीजों का असर आपकी नींद पर पड़ता है।

 

एक तिहाई व्यस्क लोगों में अनिद्रा के लक्षण देखने को मिलते हैं। करीब 10% लोगों को क्रोनिक इनसोमनिया से पीड़ित हैं। पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को अनिद्रा की समस्या होती हैं। पर्यारप्त नींद नहीं लेने से सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कम मात्रा में नींद लेने से सेहत को क्या नुकसान पहुंचता है।

 

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नींद नहीं लेने से होती हैं ये बीमारियां

 

दिमाग पर पड़ता है असर- पर्याप्त नींद नहीं लेने से दिमाग थका हुआ महसूस करता है। इस वजह से दिमाग अपने कार्यों को सही तरीके से नहीं कर पाता है। अगर बहुत समय से आपने नींद नहीं ली हैं तो दिमाग में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। कई साइकोलॉजिक्ल बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है जैसे एंग्जाइटी, डिप्रेशन, इंपल्सिव बिहेवियर, सुसाइड के ख्याल आने लगते हैं।

इम्यून सिस्टम होता है प्रभावित- जब हम नींद लेते हैं तो इम्यून सिस्टम संक्रमण से लड़ने के लिए एंटी बॉडी और साइटोकाइन बनाता है ताकि बाहरी बैक्टीरिया या वायरस से शरीर लड़ने में सक्षम हो सके। कुछ साइटोकाइन नींद आने की प्रक्रिया में मदद करते हैं। नींद नहीं लेने की वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। लंबे समय तक नींद नहीं लेने के वजह से डायबिटीज और हृदय रोग होने का खतरा बढ़ भी जाता है।

रिस्पेरेटरी सिस्टम- नींद नहीं लेने की वजह से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या हो सकती है। ये एक ब्रीथिंग डिसऑर्डर है। पर्याप्त नींद लेने की वजह से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि नींद हमारे शरीर में दो हार्मोन को प्रभावित करता है जिसका नाम लेप्टीन और गेहरलीन है जो भूख और पेट भरने के एहसास को कंट्रोल करते हैं।

 

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हृदय बीमारियां होने का खतरा- नींद आपके हृदय की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ये आपके शरीर में ब्लड वेसेल्स को रिपेयर करने में मदद करता है। जो लोग नींद नहीं लेते हैं उन्हें हृदय रोग होने का खतरा ज्यादा होता है। एक विशलेषण में बताया गया कि इनसोमनिया से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने का खतरा ज्यादा होता है।

 

नींद नहीं आने के होते हैं 5 चरण

 

नींद की कमी का मतलब है कि आप बिना सोए कितने देर तक रह सकते हो। इसके 5 स्टेज है। हर स्टेज के बाद उसके नकारात्मक प्रभाव ज्यादा बढ़ जाते हैं। ये समय हैं-

 

24 घंटा
36 घंटा
48 घंटा
72 घंटा
96 घंटा


नींद नहीं आने की वजह से स्लीप डिसऑर्डर होना आम बात है। इन डिसऑर्डर की वजह से नींद पूरी करना और भी मुश्किल हो जाता है। अगर आपको नींद आने में समस्या आ रही हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। हर व्यक्ति को कम से कम 7 से 9 घंटे की पूरी नींद लेनी चाहिए।

 

Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।