पिछले कुछ सालों से दिल की बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पहले 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही अैटक ज्यादा आते थे लेकिन अब 30 साल या उससे कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक आते हैं। सीने में दर्द को लेकर यह मामला सामने आ रहा है कि आजकल सीने में दर्द होने से साइलेंट तरीके से हार्ट अटैक आता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस अटैक के आने से लोगों को क्या महसूस होता है। एक्सपर्टस का मानना है कि साइलेंट अटैक के लक्षण बहुत हल्के होते हैं।
एनजाइना पेक्टोरिस, जिसे आमतौर पर सीने में दर्द के रूप में जाना जाता है, दिल से संबंधित एक गंभीर समस्या है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन और खून नहीं मिलता है, जिससे दिल की मांसपेशियों में दर्द या बेचैनी होती है। यह दर्द मुख्य रूप से तब महसूस होता है जब दिल को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है, जैसे व्यायाम और चिंता के दौरान। एनजाइना पेक्टोरिस के लक्षणों और कारणों को समझना जरूरी है ताकि उचित इलाज समय पर किया जा सके। इसमें हम आपको बताएंगे कि क्या साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण पहले से दिखाई देते है? आइए जानतें है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्रस के अनुसार साइलेंट हार्ट अटैक को 'साइलेंट मायोकार्डियल इनफाकर्शन ' कहा जाता है। इस तरह के अटैक में सीने में कोई दर्द महसूस नहीं होता है। कई बार ऐसा भी होता कि दिमाग तक दर्द महसूस होने वाली नसों और स्पाइनल कॉर्ड में समस्या के कारण व्यक्ति दर्द की पहचान नहीं कर पाता है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है।
लक्षण:- सुस्ती, बेचैनी, सीने में जलन, बदहजमी, सांस लेने में तकलीफ, पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द, बहुत ज्यादा थकान, अचानक पसीना आना और बार-बार सांस फूलना आदि।
कारण:- साइलेंट हार्ट अटैक से आने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे वजन बढ़ना , संतुलित आहार का सेवन न करना, नशा और धूम्रपान करना, नमक का अधिक सेवन, हृदय संबंधी रोग और ज्यादा तनाव आदि के कारण भी साइलेंट हार्ट अटैक आ सकता है।
ऐसे करें बचाव
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- तनाव कर लें
- संतुलित आहार लें
- अपने बीपी और शुगर लेबल को नियंत्रित रखें
- समय-समय पर चेकअप कराएं
- पूरी नींद लें
सर्जरी से पहले ब्लड टेस्ट आवश्यक होता है। इससे संभावित जटिलताओं से बचने में मदद मिलती है। जांच के परिणाम के आधार पर इलाज की योजना निर्धारित होती है। इलाज के विभिन्न विकल्पों के बारे में नीचे बताया गया है।
दवाएं:- इसके इलाज के लिए अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं। जैसे रक्त प्रवाह को बनाए रखने, दिल की कार्य क्षमता में सुधार और रक्त को गाढ़ा होने से रोकने के लिए दवा। इन स्थितियों के लिए बाजार में बहुत सारी दवाएं उपलब्ध हैं लेकिन सही दवा का उपयोग आपके डॉक्टर ही बता सकते हैं।