हम सभी जानते हैं कि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। इसी वजह से सरकार ने प्लास्टिक की पॉलीथिन पर बैन लगा दिया है। यह सिर्फ हमारे वातावरण के लिए ही नहीं सेहत के लिए भी खतरनाक है। हम रोजमर्रा की चीजों में प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं। कई रिसर्च में भी दावा किया गया कि प्लास्टिक के छोटे- छोटे कण खाने और पीने के माध्यम से हमारे शरीर में जमा हो रहे हैं।

 

इन माइक्रोप्लास्टिक का साइज 5 मिलीमीटर से कम होता है। माइक्रोप्लास्टिक सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। आइए जानते हैं किन चीजों में माइक्रोप्लास्टिक मिलता है और इसकी वजह से क्या बीमारियां हो सकती हैं।

 

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प्लास्टिक की बोतल- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में बोतल बंद पानी को हाई रिस्क फूड कैटेगरी में डाला है। पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक के कण हमारे पेट में जा रहे हैं। FSSAI ने अपने नियमों में भी कुछ बदलाव किए हैं। साथ ही पानी की प्लास्टिक की बोतल पर लिखा होता है कि इस्तेमाल करने के बाद इसे क्रश करके फेंक दें।

 

टी बैग - हम में से कई लोग चाय बनाने के लिए टी बैग का इस्तेमाल करते हैं। क्या आप जानते हैं इन टी बैग को बनाने में पॉलिएस्टर नाम के मैटेरियल का इस्तेमाल होता है। जब आप इन टी बैग को गर्म पानी में डालते हैं तो उनमें से माइक्रोप्लास्टिक, नैनोप्लास्टिक के कण निकलते हैं। बार्सिलोना के स्वायत्त विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये कण हमारी आंतों की कोशिकाओं में घुस जाते हैं जो हमारे सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।

 

 

लंच बॉक्स- प्लास्टिक के लंच बॉक्स का इस्तेमाल ना करें। इसमें बीपीए नाम का केमिकल होता है। अगर यह पेट में चला जाए तो सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल जब आप प्लास्टिक के लंच बॉक्स में गर्म खाना डालते हैं तो उसमें मौजूद माइक्रोप्लास्टिक खाने में मिल जाता है। आप प्लास्टिक के लंच बॉक्स के बजाय स्टील या ग्लास के लंच बॉक्स का इस्तेमाल करें।

 

मेकअप प्रोडक्टस- इतना ही नहीं लिपस्टिक और लिपबाम में भी माइक्रोप्लास्टिक पाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि साबुन, टूथपेस्ट, डियोंड्रेट आदि को टेक्सचर देने के लिए माइक्रोप्लास्टिक्स का इस्तेमाल किया जाता है।

 

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साल 2023 में साइंस जर्नल एसीएस पब्लिकेशन्स में छपी स्टडी में कहा गया था कि एडल्ट्स हर साल 39 से लेकर 55 हजार प्लास्टिक के टुकड़े निगल या सांस के जरिए ले रहे हैं। इस स्टडी ने सभी को चौंका दिया था। ये प्लास्टिक के कण आपके शरीर के अंगों को भी धीरे-धीरे प्रभावित कर रहे हैं। माइक्रोप्लास्टिक्स को लेकर शोधकर्ता अलग-अलग शोध कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि शरीर के किन हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है।

 

पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है- माइक्रोप्लास्टिक को खाने और पीने की चीजों के साथ लेने के वजह से पाचन तंत्र को नुकसान हो सकता है। कुछ स्टडी में कहा गया है कि इसकी वजह से सूजन की समस्या हो सकती है जिस वजह से कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। इसके अलावा मेटाबॉल्जिम पर भी प्रभाव डालता है।

 

हृदय रोग का खतरा बढ़ता है- माइक्रोप्लास्टिक्स शरीर के रक्त कोशिकाओं में घूल जाता है जिससे सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है। इस वजह से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा किडनी और लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

 


इम्यून सिस्टम पर डालता है प्रभाव- शरीर में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक इम्यून सिस्टम प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को कमजोर कर सकते हैं जिससे संक्रमण, ऑटोइम्यून डिजीज और एलर्जी से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।


कैसे करें माइक्रोप्लास्टिक से बचाव

 

 

  • प्लास्टिक की चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें। खासतौर से सिंगल यूज प्लास्टिक वाली चीजों का इस्तेमाल ना करें।
  • अपनी डाइट में एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों का इस्तेमाल करें क्योंकि ये चीजें शरीर को नेचुरल तरीके से डिटॉक्सिफाई करने में मदद करती है।
  • इसके अलावा प्रोसेस्ड चीजों का सेवन ना करें।
  • हेल्दी डाइट के साथ रेगुलर एक्सरसाइज करें जिससे मेटाबॉल्जिम बूस्ट होता है।