पीरियड्स हर महीने की सिर्फ मासिक प्रक्रिया नहीं है बल्कि यह आपके हार्मोनल हेल्थ के बारे में बताता है। पीरियड्स की साइकिल में बदलाव हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। 

कई बार महिलाएं अनियमित पीरियड्स के संकेत को इग्नोर कर देती हैं।

 

आमतौर पर अनियमित पीरियड्स को हार्मोन इम्बैंलेस और स्ट्रेस से जोड़कर देखा जाता है। हार्मोनल इम्बैंलेस की वजह से पॉलिसिटिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) की समस्या हो सकती है। 51 प्रतिशत से अधिक महिलाएं पीसीओएस, थायराइड, हार्मोन इम्बैंलेस, यूटीआई से पीड़ित हैं।

 

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अनियमित पीरियड्स से हैं PCOS का संकेत

हार्मोन इम्बैलेंस- अगर पीरियड्स देर से आते हैं या बिल्कुल नहीं आते हैं तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय से पीरियड्स नहीं होना पीसीओएस का सबसे आम लक्षण है। यह आमतौर पर तब होता है जब शरीर में एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है या इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाता है जिसकी वजह से ओव्यूलेशन पर प्रभाव पड़ता है। पीरियड्स नहीं होना आपके शरीर में सबसे पहला संकेत देता है कि कुछ गड़बड़ है।

 

अधिक खून आना सामान्य बात नहीं- कई महिलाओं को पीरियड्स के समय में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती हैं। अगर आपको हर घंटे पर सैनिटरी पैड या टैम्पोन बदलना पड़ रहा है या बड़े बड़े थक्के आ रहे हैं तो हार्मोनल इम्बैलेंस का खतरा बढ़ जाता है। पीसीओएस में अक्सर पीरियड्स देर या अनियमित होते हैं जिससे गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है। ये परत जब टूटती है तब हैवी ब्लीडिंग होती है।

 

पीरियड्स के दर्द को सिर्फ ऐंठन ना समझें- पीरियड्स में दर्द होना सामान्य बात लेकिन अगर बहुत तेज दर्द होता है तो ओवरी में सूजन की समस्या हो सकती है। अगर आपको हमेशा दर्द की समस्या रहती हैं तो इसके पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं।

 

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लंबा पीरियड साइकिल -हेल्दी पीरियड्स 21 से 35 दिनों के बीच होता है। अगर आपको रेगुलर पीरियड्स नहीं हो रहे हैं तो यह संकेत है कि ओव्यूलेशन नहीं हो रहा है। पीसीओएस में ओव्यूलेशन नहीं होता है जिससे आपकी फर्टिलिटी पर भी प्रभाव पड़ता है।

 

मुंहासे और चेहरे पर बाल आना- अगर आपके चेहरे पर मुंहासे और बालों की ग्रोथ ज्यादा हो रही है और सिर से बाल झड़ रहे हैं तो यह सब शरीर में एंड्रोजन हार्मोन के बढ़ने की वजह से होता है। यह सभी पीसीओएस के लक्षण जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

पीसीओएस हो जाएं तो क्या करें

भारत में हर 5 में से 1 महिला इस परेशानी से जूझ रही है। पीसीओएस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या है उन्हें अपने खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए।

  • प्रोसेस्ड फूड खाने से बचना चाहिए।
  • डाइट में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन करें। शुगर वाली चीजों को खाने से पीसीओएस की समस्या बढ़ जाएगी।
  • रोजाना 30 से 45 मिनट एक्सरसाइज करें।