बालों का झड़ना जिसे एलोपेशिया या गंजापन के रूप में भी जाना जाता है आज के समय में यह आम समस्या है। यह किसी भी उम्र में व्यक्तियों पर असर डाल सकती है। हर दिन हर किसी के बाल झड़ते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति के प्रति दिन 100 बाल झड़ते हैं लेकिन ज्यादा बाल झड़ने से किसी व्यक्ति के सिर पर गंजे धब्बे दिखाई देते हैं। 
 
कभी-कभी शरीर के अंदर हुई बीमारियों से भी बालों के झड़ने का कारण होता हैं जैसे कि स्कैल्प इन्फेक्शन , ऐलोपेशिया अरीटा और थायरॉयड रोग। लाइकेन प्लैनस और कुछ प्रकार के ल्यूपस जैसी समस्याएं भी लाइकेन का कारण बन सकते हैं जिससे बाल गिरते हैं। दिल की समस्याओं, गठिया, हाई ब्लड प्रैशर और कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के इस्तेमाल से कई बार बालों का गिरना भी शुरू हो सकता है। शारीरिक या मानसिक तनाव भी बालों के झड़ने को तेज कर सकते हैं जैसे कि तेज बुखार, ज्यादा वजन घटाने और परिवार में मृत्यु या तनाव आदि।

क्यों झड़ते हैं बाल?

 

बालों के झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिक कारक, हार्मोनल के बदलने से , पोषण संबंधी कमी, चिंता, खोपड़ी की स्थिति, गलत खान-पान, कुछ दवाइयों के साइड -इफेक्ट, ज्यादा हेयरस्टाइल और प्राकृतिक उम्र बढ़ने के कारण शामिल हैं। बालों के झड़ने की समस्या से निपटने के लिए संतुलित आहार बनाए रखना, ज्यादा गर्मी और रासायनिक उपचारों से बचना, अपने बालों की केयर रखना, अपनी खोपड़ी को साफ और स्वस्थ रखना, चिंता कम करना, ज्यादा हेयर स्टाइल से बचना, अपने बालों में पिनों का कम उपयोग करना, अपने बालों को धूप से बचाना महत्वपूर्ण है। बालों के झड़ने की समस्या से निपटने और बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ बालों की देखभाल के तरीकों को लागू करने में समय लगता है। अपने बालों की देखभाल करके आप बालों के झड़ने को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

बालों का झड़ना आतंरिक और बाहरी दोनों तरह से झड़ने का कारण हो सकता है। बाल झड़ने के कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं।

 

आनुवंशिक कारक – बालों के झड़ने का सबसे आम कारण आनुवंशिक कारक हैं। इस स्थिति को पुरुष या महिला पैटर्न गंजापन के रूप में जाना जाता है और यह डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (डीएचटी) से बाल झड़ते है, एक हार्मोन जो बालों के रोम को सिकुड़ने का कारण बनता है।

हार्मोन के बदलाव – गर्भावस्था, थायरॉयड  के कारण हार्मोनल असंतुलन से बाल झड़ने लगते हैं। हार्मोनल उतार-चढ़ाव बालों के विकास को रोक देता है जिससे  ज्यादा बाल झड़ सकते हैं।

पोषक तत्वों की कमी –  खान-पान की कमी के कारण आयरन, विटामिन और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी के कारण  बाल कमजोर और हल्के हो सकते हैं, जो बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।

शारीरिक तनाव –  शारीरिक तनाव बालों के विकास को रोकता सकता है, जिससे अधिक बाल झड़ने की स्थिति होती है। इस स्थिति को टेलोजन एफ्लुवियम के रूप में जाना जाता है और यह दर्दनाक घटनाओं, बड़ी सर्जरी, गंभीर बीमारी या  तनाव के परिणामस्वरूप हो सकती है।

खोपड़ी की बीमारियां – खोपड़ी की कुछ स्थितियां जैसे फंगल संक्रमण सोरायसिस, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस, या एलोपेसिया एरीटा बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।

दवाएं और थेरेपी– कुछ दवाएं और चिकित्सा उपचार जैसे कीमोथेरेपी, विकिरण थेरेपी, कुछ अवसादरोधी दवाएं, खून पतला करने वाली दवाएं और ज्यादा खुराक वाले विटामिन ए की खुराक के गलत असर भी बाल झड़ सकते हैं।

ज्यादा हेयरस्टाइलिंग और पिन – हीट स्टाइलिंग टूल्स (जैसे, स्ट्रेटनर, कर्लर), रासायनिक उपचार (जैसे, पर्मिंग, रिलैक्सिंग), और टाइट हेयरस्टाइल (जैसे, पोनीटेल, ब्रैड्स) का बार-बार उपयोग बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और बालों को कमजोर कर सकता है।
उम्र बढ़ना – जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, बालों का विकास एकदम  धीमा हो जाता है और बालों के रोम पतले और कम हल्के हो सकते हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं।