हॉलीवुड एक्ट्रेस और सुपर मॉडल डेले हेडन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। वह 76 साल की थीं। उनकी मौत से फैंस बेहद दुखी है। पुलिस ने अपनी जांच में बताया कि उनकी मौत कार्बन मोनोऑक्साइड गैस लीक होने की वजह से हुई है। पुलिस को उनका शव उनके घर के दूसरी मंजिल के बेडरूम में मिला। पुलिस मामले की जांच कर रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि फायर डिपार्टमेट को उनके कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की मात्रा ज्यादा पाई गई है। इस वजह से उनकी मौत हुई है। अब इस गैस का रिसाव उनके कमरे में कैसे हुआ। अभी इसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। आइए जानते हैं कॉर्बन मोनोऑक्साइड गैस कितनी खतरनाक होती है?

 

क्या होता है कार्बन मोनोऑक्साइड गैस

 

कॉर्बन मोनोऑक्साइड एक खतरनाक गैस है। इसमें किसी तरह का रंग, गंध और स्वाद नहीं होता है। इसका असर आपके शरीर पर तेजी से होता है। ये गैस आपके फेफड़ों के जरिए खून में पहुंचती है और ऑक्सीजन के लेवल को कम करती है। शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम होने का सीधा असर आपके दिमाग और दिल पर पड़ता है। इस गैस की वजह से आपको सिरदर्द और चक्कर आने लगते हैं। अगर इस गैस का स्तर ज्यादा हो जाए तो आपकी मौत भी हो सकती हैं। इस गैस को साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

 

कितनी खतरनाक है ये गैस

 

कॉर्बन मोनोऑक्साइड गैस का स्तर पार्ट्स पर मिलियन यानी ppm यूनिट से मापा जाता है। 1 से 770 ppm में आपको उल्टियां, चक्कर आना और सांस लेने में दिक्कत हो सकती हैं। अगर ये गैस 150 से ज्यादा 200 पीपीएम पर पहुंचता है तो व्यक्ति को गंभीर खतरा हो सकता है। इसमें मौत भी हो सकती है।
  
सर्दियों में होती हैं ज्यादा मौतें

 

सर्दियों में कॉर्बन मोनोऑक्साइड की पॉइजनिंग से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक सर्दी के मौसम में ये मामले खासतौर पर बढ़ जाते हैं क्योंकि लोग बंद कमरे में हीटर और अंगीठी का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण कमर में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। इस वजह से सोने के दौरान व्यक्ति की मौत हो जाती है।